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Updated: 20 अगस्त, 2015 06:25 PM
मृगांक शेखर
मृगांक शेखर
  @msTalkiesHindi
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"इंशाअल्लाह, जरूर मुलाकात होगी." उस आठ मिनट की बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पाक पीएम नवाज शरीफ ने यही कहा था - और वादा निभाया भी. 10 जुलाई को रूस के उफा में मोदी और शरीफ की मुलाकात तो हुई ही दोनों मुल्कों के रिश्तों में बेहतरी के लिए एक दूसरे को भरोसा भी दिलाया.

बाद में जब भारत ने एनएसए स्तर की बातचीत के लिए पाकिस्तान को 23-24 अगस्त की तारीख भेजी तो सरताज अजीज ने आने की बात पक्की भी कर दी. लेकिन पाकिस्तान की बाकी हरकतों से तो ऐसा नहीं लगता कि शरीफ ने उफा में जो शराफत दिखाई उस पर वाकई पाकिस्तान कायम है.

क्या पाकिस्तान भारत को बातचीत रद्द करने के लिए उकसा रहा है?

1. पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को शरीफ से सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के भारत आने पर मुलाकात का न्योता दिया है. खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से दर्जन भर अलगाववादी नेताओं को दिल्ली में डिनर की दावत दी गई है जिनमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासीन मलिक शामिल हैं.

2. सीमा पार से लगातार भारतीय चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है. इससे करीब पचास गांवों के लोगों को पलायन कर रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी है.

3. गुरदासपुर में आतंकियों ने थाने में घुस कर हमला किया जिसमें एक पुलिस अधीक्षक सहित आठ लोगों की मौत हो गई.

4. ऊधमपुर में आतंकी हमले के बाद एक हमलावर ने गांववालों को बंधक बना लिया था. दो में से एक आतंकी मुठभेड़ में मारा गया जबकि एक को जिंदा पकड़ लिया गया. पकड़े गए आतंकी नावेद ने लाई डिटेक्टर टेस्ट में खुद को पाकिस्तानी होना स्वीकार किया है.

5. एक तरफ भारत की ओर से बातचीत की पेशकश जारी है तो दूसरी तरफ इस्लामाबाद में होने वाली कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के स्पीकर को नहीं बुलाया गया जो अलग विवाद का विषय बना.

पिछले साल अगस्त में दिल्ली में पाक हाई कमिश्नर की कश्मीरी अलगाववादियों से मुलाकात के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी. हाल के आतंकी हमलों और सीमापार से गोलाबारी को देखते हुए कयास लगाए जा रहे थे कि भारत शायद ही बातचीत के लिए तैयार हो, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ. भारत अपनी ओर से बातचीत की पहल के साथ ही उसे आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध दिख रहा है - जबकि पाकिस्तान का रुख उफा के बाद से ही संदिग्ध नजर आ रहा है.

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मृगांक शेखर मृगांक शेखर @mstalkieshindi

जीने के लिए खुशी - और जीने देने के लिए पत्रकारिता बेमिसाल लगे, सो - अपना लिया - एक रोटी तो दूसरा रोजी बन गया. तभी से शब्दों को महसूस कर सकूं और सही मायने में तरतीबवार रख पाऊं - बस, इतनी सी कोशिश रहती है.

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