'मोदी-मोदी' के नारे सुनने पर राहुल और प्रियंका की प्रतिक्रिया में बुनियादी फर्क है
एक नेता को सबसे अधिक लोकप्रिय बनाता है उसका व्यवहार. बिजनौर रोड शो के दौरान मोदी-मोदी के नारे सुनने पर प्रियंका गांधी का बर्ताव इस बात की पुष्टि भी करता है कि ये बात प्रियंका गांधी बखूबी समझती हैं.
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जब से प्रियंका गांधी ने कांग्रेस में एंट्री की है, तभी से लोगों में एक बहस शुरू हो गई है कि प्रियंका और राहुल में बेहतर कौन है. तुलना सिर्फ राजनीति के नजरिए से नहीं, बल्कि व्यवहार के नजरिए से भी की जा रही है. आज एक ऐसी ही तुलना तब देखने को मिली, जब प्रियंका गांधी की रैली के दौरान कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए. अपनी रैली को लेकर प्रियंका गांधी आत्मविश्वास से कितनी लबरेज थीं, इसका अंदाजा तो आपको उनका वीडियो देखकर ही लग जाएगा.
अब यहां सवाल ये उठता है कि अपनी ही रैली में विरोधी पार्टी के नेता की जय-जयकार सुनने के बाद प्रियंका गांधी ने जिस तरह की प्रतिक्रिया दी, क्या वैसा ही राहुल गांधी भी करते होंगे? इस मामले में राहुल गांधी कितने खुले विचारों के हैं, इसका पता तो पुणे में स्टूडेंट्स से हुई उनकी मुलाकात से ही चलता है. दरअसल, वहां भी राहुल गांधी के संबोधन के बीच में ही मोदी-मोदी के नारे लग गए थे, लेकिन राहुल गांधी ने जैसी प्रतिक्रिया दी, वही प्रियंका गांधी को राहुल से बेहतर बना रही है.
एक नेता को सबसे अधिक लोकप्रिय बनाता है उसका व्यवहार. प्रियंका ये बखूबी समझती हैं.
पहले बात राहुल गांधी और उनकी असहजता की
राहुल गांधी 5 अप्रैल को पुणे में कॉलेज स्टूडेंट्स के बीच पहुंचे थे. वहां करीब घंटे भर के कार्यक्रम में उन्होंने बहुत कुछ कहा, लेकिन स्टूडेंट्स की ओर से आई बहुत सी आवाजों ने उन्हें असहज कर दिया. दरअसल, राहुल गांधी ने अपने संबोधन के बीच में कहा 'आई लव मिस्टर मोदी'. बस फिर क्या था, छात्रों के एक समूह ने जोर-जोर से मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए. उससे राहुल गांधी कितने असहज हुए, ये बताने के लिए तो उनका चेहरा और लड़खड़ाती आवाज ही काफी है. हालांकि, थोड़ी देर बाद उनका आत्मविश्वास लौटा और वह बोले- इट्स फाइन, इट्स फाइन, नो प्रोब्लम (ठीक है, मुझे कोई परेशानी नहीं है).
That amazing moment when @RahulGandhi openly admits that he loves PM @narendramodi and the crowd reciprocates with loud chants of "Modi! Modi". #PhirEkBaarModiSarkar pic.twitter.com/4wF7q25GmE
— Chowkidar Priti Gandhi (@MrsGandhi) April 5, 2019
प्रियंका का आत्मविश्वास उन्हें बेहतर बनाता है
आज लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार करने का आखिरी दिन है. प्रियंका गांधी यूपी के बिजनौर से कांग्रेस के उम्मीदवार नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समर्थन में रोड शो कर रही थीं. इसी दौरान कुछ भाजपा कार्यकर्ता वहां पहुंच गए और मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के कार्यकर्ता चौकीदार चोर है के नारे लगा रहे थे. प्रियंका गांधी ने जैसे ही मोदी-मोदी के नारे सुने, न तो उनके चेहरे पर कोई असहजता का भाव आया, ना ही उनका आत्मविश्वास डगमगाया. जिस आत्मविश्वास से वह रोड शो कर रही थीं, उसी आत्मविश्वास से उन्होंने मोदी-मोदी के नारे लगा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर भी फूल-मालाएं फेंकीं. भले ही राजनीतिक दाव खेलने के मामले में प्रियंका गांधी पीछे हों, लेकिन आत्मविश्वास के मामले में वह राहुल गांधी से बेहतर हैं. जब दोनों गुटों में गुस्सा बढ़ गया तो उनमें मामूली भिड़ंत भी हुई, लेकिन पुलिस व्यवस्था चौकस होने की वजह से स्थिति को तुरंत संभाल लिया गया.
..जब @priyankagandhi ने मोदी समर्थकों पर फेंके फूल #LunchBreak अन्य वीडियो: https://t.co/0lHmKyGH0i @ashu3page की रिपोर्ट pic.twitter.com/po1Ytv0yRf
— आज तक (@aajtak) April 9, 2019
एक नेता को सबसे अधिक लोकप्रिय बनाता है उसका व्यवहार. बिजनौर रोड शो के दौरान मोदी-मोदी के नारे सुनने पर प्रियंका गांधी का बर्ताव इस बात की पुष्टि भी करता है कि ये बात प्रियंका गांधी बखूबी समझती हैं. वैसे तो राहुल गांधी का वीडियो देखकर भी यही लग रहा है कि वह भी ये बात समझते हैं, लेकिन उनमें आत्मविश्वास की एक कमी साफ देखी जा सकती है. खैर, लोकसभा चुनाव शुरू होने में बस चंद दिन ही बचे हैं और ये देखना दिलचस्प होगा कि लोग चौकीदार चोर है के नारे के तवज्जो देते हैं या फिर मोदी-मोदी के नारों को अपनाते हैं.
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