DSP Devendra Singh arrest: Congress की गलती फिर पाकिस्तान को फायदा पहुंचाएगी!
एक ओर जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) के डीएसपी देवेंद्र सिंह (SP Devinder Singh) से पूछताछ कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे लेकर राजनीति खूब गरम हो गई है. इसी बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने देवेंद्र सिंह के बहाने भाजपा (BJP) और आरएसएस (RSS) पर हमला बोलने की नाकाम कोशिश की है.
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पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) के डीएसपी देवेंद्र सिंह (DSP Devinder Singh) को गिरफ्तार किया. दरअसल, उसके आतंकियों (Terrorist) से कनेक्शन का खुलासा हुआ है. उसे हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया है. ड्रग्स बेचने और रंगदारी वसूलने में भी उसका नाम आ रहा है. एक ओर जम्मू-कश्मीर पुलिस देवेंद्र सिंह से पूछताछ कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे लेकर राजनीति खूब गरम हो गई है. इसी बीच कांग्रेस (Congress) के अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) के बहाने भाजपा (BJP) और आरएसएस (RSS) पर हमला बोलने की नाकाम कोशिश की और नतीजा ये हुआ आखिरकार वह खुद ही अपने बयान में फंस गए हैं. दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने पुलवामा हमले (Pulwama Terrorist Attack) की जांच पर सवाल उठाते हुए उसे दोबारा करने की बात कही है. उनका इशारा इस ओर है कि कहीं उसमें भी तो देवेंद्र सिंह की तरह किसी अंदर के अधिकारी ने आतंकियों की मदद तो नहीं की है. हालांकि, उन्होंने उस मुद्दे को लेकर उंगली उठाई, जिससे फायदा सिर्फ पाकिस्तान (Pakistan) का होगा और भाजपा ने ये आरोप लगाना शुरू भी कर दिया है.
अधीर रंजन चौधरी ने ऐसा बयान दिया है, जिसे आज नहीं तो कल पाकिस्तान भुनाएगा ही.
पहले जानते हैं क्या-क्या ट्वीट किए हैं उन्होंने
अधीर रंजन चौधरी ने एक के बाद एक 3 ट्वीट किए हैं-
Had #DavindarSingh by default been Davindar khan ,the reaction of troll regiment of RSS would have been more strident and vociferous. Enemies of our country ought to be condemned irrespective of Colour, Creed, and Religion.(1/3)
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) January 14, 2020
अधीर चौधरी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा- 'क्या देवेंद्र सिंह मूल रूप से देवेंद्र खान है. इस बारे में आरएसएस के ट्रोल रेजिमेंट को साफ-साफ और स्पष्ट शब्दों में जवाब देना चाहिए. मजहब, रंग और कर्म को किनारे रखते हुए देश के ऐसे दुश्मनों की एकसुर में आलोचना की जानी चाहिए.'
The chink in the armour is exposed in the valley much to the consternation of us,we can not afford ourselves to be penny wise and pound foolish,(2/3)#DavindarSingh
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) January 14, 2020
इसी कड़ी में अधीर चौधरी ने दूसरा ट्वीट कर कहा- 'घाटी में बड़ी कमी उजागर हुई है जो हम पर भारी पड़ती दिख रही है. हम खुद को पाखंडी और मूर्ख नहीं बना सकते.'
Now question will certainly be arisen as to who were the real culprits behind the gruesome Pulwama incident, need a fresh look on it.(3/3)#DavindarSingh
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) January 14, 2020
कांग्रेस नेता अधीर चौधरी ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा- 'अब (देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद) यह सवाल उठना लाजमी है कि पुलवामा हमले के पीछे किसका हाथ था. इस पर नए सिरे से गौर करना जरूरी है.'
भाजपा ने लगाया पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप
भाजपा ने अधीर रंजन चौधरी के बयान को पाकिस्तान का पक्ष लेने वाला और हिंदुओं को आतंकी साबित करने की कोशिश वाला बताया है. उन्होंने कहा- 'इसी देश की पुलिस ने देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है, कानून अपना काम रहा है. कांग्रेस ने वही किया जिसमें वह सक्षम है, कांग्रेस ने एक बार फिर भारत पर हमला किया है और पाकिस्तान का पक्ष लिया है. कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने इस मामले में धर्म को घुसाया, हिंदू आतंकवाद का शब्द भी कांग्रेस ने ही इजात किया था. कांग्रेस लंबे समय से 'हिंदू पाकिस्तान' की बात करती रही है. कांग्रेस हिंदुओं को आतंकवादी सिद्ध करने का प्रयास कर रही है और भारत को हिंदुओं से खतरा बता रही है. बटला हाउस एनकाउंटर को लेकर कांग्रेस के रवैये पर सवाल खड़े होते रहे हैं. कांग्रेस को ऐलान करना चाहिए कि उन्हें देश की सेना पर विश्वास नहीं है. कांग्रेस और पाकिस्तान में कुछ तो रिश्ता है जो बार-बार वह उसी की भाषा बोलती है. कांग्रेस की ओर से नए आर्मी चीफ पर तंज कसे जा रहे हैं.'
पाकिस्तान की मदद करने वाला ही है बयान
अधीर रंजन चौधरी ने भले ही पुलवामा हमले को लेकर सिर्फ एक आशंका जताई हो, लेकिन उनकी मंशा कतई सही नहीं है. अगर उन्हें वाकई कोई शक था भी तो आतंरिक रूप से अधिकारियों से बात कर के इसकी जांच करवाते. अगर वाकई उन्हें किसी अधिकारी के शामिल होने के सबूत मिलते तो अगर वह आरोप लगाते तो समझ भी आता. पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका साफ दिखी थी. पुलवामा हमले की जिम्मेदारी खुद पाकिस्तान में पनाह लिए मसूद अजहर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी. ये सब देखते हुए पूरी दुनिया ने पाकिस्तान पर सवाल उठाए थे और दबाव बनाया था. पूरी दुनिया में पाकिस्तान का चेहरा पुलवामा हमले के बाद बेनकाब हो गया था कि उसकी सरजमीं पर आतंकी पलते हैं. अब ऐसे मामले पर कांग्रेस की ओर से सवाल उठाने का मतलब तो यही है कि वह पाकिस्तान को बोलने का मौका दे रहे हैं.
कांग्रेस के बयान का कोई मतलब भी नहीं
अधीर रंजन चौधरी ने न जाने क्या सोचकर पुलवामा हमले पर सवाल उठाते हुए बयान दे दिया. इस बयान का तो कांग्रेस को कोई राजनीतिक फायदा भी होता नहीं दिख रहा है. अगर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए भी ऐसा कहा होता तो कोई ये सोच सकता था कि राजनीति चमकाने के लिए बोल दिया है. फिलहाल तो उनका बयान बेमतलब लग रहा है, लेकिन उस बयान ने पाकिस्तान को बोलने का एक और मौका दे दिया है.
कांग्रेस की ये गलतियां ही देश को भारी पड़ती हैं
आज कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने पुलवामा हमले पर सवाल उठाकर पाकिस्तान को बोलने का मौका दिया है और मुंबई हमले के दौरान दिग्विजय सिंह ने भी ऐसा ही काम किया था. उन्होंने कहा था कि मुंबई हमला आरएसएस की साजिश है और उसके बम बनाने के कारखाने हैं, वह देश में आतंक फैलाने का काम कर रहा है. जब कभी अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत की ओर से पाकिस्तान का आतंकी चेहरा बेनकाब करने की कोशिश होती है तो पाकिस्तान तमाम डोजियर में कांग्रेस नेताओं के बयानों का ही हवाला देता है. बड़बोलेपन में ये नेता को कुछ भी अनाप-शनाप बयान देकर निकल जाते हैं, ये भी नहीं सोचते कि इसका अंजाम क्या हो सकता है और उनकी गलतियां का खामियाजा देश को भुगतना पड़ता है.
क्या है दविंदर सिंह का मामला?
दविंदर सिंह को दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें वह श्रीनगर से जम्मू लेकर जाने वाला था. इसके लिए बाकायदा उसने छुट्टी भी ली थी. हालांकि, जब वह इन्हें लेकर जम्मू जा रहा था, उसी बीच रास्ते में ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उस गाड़ी में पांच ग्रेनेड थे और बाद में देवेंद्र सिंह के घर की तलाशी में दो एके-47 राइफल भी मिली थीं. बता दें कि डीएसपी देविंदर सिंह श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाईजैकिंग यूनिट में तैनात था. उसकी एक कॉल रिकॉर्ड होने के बाद ये पता चला कि उसके आतंकियों के साथ कनेक्शन हैं और कश्मीर पुलिस ने पूरा जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ा है. अब देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजनीति शुरू हो गई है. एंटी-हाईजैकिंग स्क्वॉड के डीएसपी देवेंद्र सिंह को आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाने के लिए राष्ट्रपति मेडल से भी नवाजा जा चुका है. इन्हीं वजहों से उस पर किसी को शक नहीं हुआ और वह चता रहा.
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