खड़गे-वासनिक नहीं सिर्फ RaGa! राहुल का अध्यक्ष बने रहना कांग्रेस की मजबूरी है
कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर संशय की स्थिति बनी है. ऐसे में न सिर्फ पार्टी के नेता बल्कि सोशल मीडिया यूजर्स भी यही मानते हैं कि पार्टी का अध्यक्ष युवा हो. इस बीच जो बातें सुरजेवाला कहीं हैं वो बता रही हैं कि आने वाले वक़्त में भी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ही होंगे.
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कांग्रेस के सभी सदस्यों ने एक सहमती और एक स्वर से राहुल गांधी जी को कांग्रेस का अध्यक्ष बने रहने, मार्गदर्शन करने, नेतृत्व करने का आग्रह किया. कांग्रेस के सदस्यों ने राहुल गांधी से अनुरोध किया कि आज मौजूदा सरकार जिस प्रकार से संवैधानिक प्रावधानों पर नागरिकों के अधिकारों पर, संस्थाओं पर, आक्रमण और अतिक्रमण कर रही है. ऐसे मुश्किल वक़्त में देश को एक मजबूत विपक्ष का मार्गदर्शन देने के लिए और कांग्रेस पार्टी को नेतृत्व देने के लिए राहुल गांधी ही सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं. राहुल ने कार्यसमिति और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि वो कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक जिम्मेदार विपक्षी नेता के तौर पर वो लोहा लेते रहेंगे. परन्तु उन्होंने अपना इस्तीफ़ा वापस लेने से इंकार कर दिया.
रणदीप सुरजेवाला
2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा से मिली हार की जिम्मेदारी तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ली और नैतिकता के आधार पर अपने इस्तीफे की पेशकश की. राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया और शुरुआत में पार्टी ने इस्तीफा लेने से माना कर दिया. राहुल अपनी जिद पर अड़े रहे और पार्टी को मजबूर होकर उनका इस्तीफा स्वीकार करना पड़ा. इन तमाम बातों को हुए लम्बा वक़्त गुजर चुका है. वर्तमान में पार्टी अध्यक्ष विहीन है. पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसपर संशय की स्थिति खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है.
कांग्रेस यही चाहती है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बने ताकि मोदी सरकार को बराबर की टक्कर मिलती रहे
कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर भले ही CWC मीटिंग चल रही हो मगर पार्टी के तमाम नेता यही चाहते हैं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष रहें और पार्टी को मार्गदर्शन देते रहें.
मामले पर खुद रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से बात की है और कहा है कि पार्टी का यही फैसला है कि राहुल गांधी का मार्गदर्शन पार्टी को ऐसे ही मिलता रहे. मीडिया से बात करते हुए जैसे तेवर सुरजेवाला के थे वो ये साफ बता रहे थे कि आर्टिकल 370 पर हुई बयानबाजी के बाद पार्टी आंतरिक कलह का सामना कर रही है और ऐसी स्थिति में राहुल ही वो शख्स हैं जो गिरती हुई पार्टी को संभाल सकते हैं.
क्यों राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए जाने पर कटिबद्ध है पार्टी
इस सवाल का जवाब समझने के लिए हमें बीते दिनों हुई एक घटना का अवलोकन करना पड़ेगा. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म किये जाने के बाद कांग्रेस की तरफ से इस विषय पर प्रतिक्रियाएं आई थीं. एक तरफ जहां राहुल गांधी ने इसे सत्ता का दुरूपयोग माना था और कहा था कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ेगी. तो वहीं तमाम नेता ऐसे भी थे जिन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था. चाहे जनार्दन द्विवेदी और दीपेंद्र हुड्डा रहे हों या फिर आर्टिकल 370 के समर्थन में कांग्रेस छोड़ने वाले असम से राज्य सभा सांसद भुबनेश्वर कलिता और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री सभी ने देश की सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए इसका स्वागत किया था.
We should support the revocation of Article 370 as it allows J&K to be fully integrated with India & is right for the country & the state. It would have been better if a more collaborative & consultative approach had been taken by the BJP govt for its revocation.
— Anil K Shastri (@anilkshastri) August 6, 2019
इन प्रतिक्रियाओं के बाद माना यही जा रहा था कि इसका सीधा असर पार्टी पर पड़ेगा और इसके बाद इस बात की प्रबल सम्भावना है कि पार्टी बिखर जाएगी. इसलिए कयास यही लगाए जा रहे हैं कि पार्टी ने एक बार फिर राहुल गांधी का नाम आगे करके अपने को संकट से उभारने का काम किया है.
I support the move on #JammuAndKashmir & #Ladakh and its full integration into union of India.
Would have been better if constitutional process had been followed. No questions could have been raised then. Nevertheless, this is in our country’s interest and I support this.
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
ध्यान रहे कि एक ऐसे वक़्त में जब 370 पर पार्टी और पार्टी से जुड़े लोगों की राय अलग हो यदि कोई नया अध्यक्ष बनता तो पार्टी के टूटने की प्रबल सम्भावना रहती.
वो नाम जो नए अध्यक्ष के लिए सामने आए
क्योंकि बात की शुरुआत पार्टी अध्यक्ष के चयन से शुरू हुई है तो माना जा रहा है कि कार्य समिति की इस बैठक में अलग-अलग क्षेत्रों के नेताओं की राय जानी जाएगी और उसी के बाद नए अध्यक्ष का फैसला होगा. बात अगर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख नामों की हो तो पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी परिवार के विश्वासपात्रों में शुमार मल्लिकार्जुन खड़गे और मुकुल वासनिक सबसे आगे चल रहे हैं. दिलचस्प बात ये भी है कि ये दोनों ही नेता खुद पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के पसंदीदा हैं.
Delhi: Congress Working Committee (CWC) meeting underway at party office. pic.twitter.com/2RbzDziJXo
— ANI (@ANI) August 10, 2019
गौरतलब है कि वासनिक और खड़गे दोनों ही दलित नेता हैं. वासनिक महाराष्ट्र के पूर्व यूथ कांग्रेस प्रमुख और मंत्री हैं. जबकि खड़गे कर्नाटक के एक वरिष्ठ पार्टी नेता हैं. हालांकि, दोनों ही नेताओं को पिछले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. आपको बताते चलें कि राहुल गांधी पहले ही नेताओं से कह चुके हैं कि उन्होंने पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से अनुरोध किया है कि नए अध्यक्ष का चुनाव करने से पहले 3-4 दिनों में ज्यादा से ज्यादा लोगों के मत और विचार ले लिए जाएं. राहुल गांधी को इस्तीफा दिए 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है.
कांग्रेस का अध्यक्ष बनने की रेस में भले ही मुकुल वासनिक और मल्लिकार्जुन खड़गे सबसे आगे चल रहे हों. मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट ये दो नाम भी है जो चर्चा का विषय बने हैं. इन दो नामों को समर्थन खुद यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके मिलिंद देवड़ा ने दिया है. CMC की बैठक शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही मिलिंद देवड़ा ने एक ट्वीट किया था जिसके अनुसार. उन्होंने दो नेताओं के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट का जिक्र करते हुए कहा है कि ये दोंनो युवा हैं साथ ही इनके द्वारा निर्णय लेने की क्षमता भी कमाल की है जो ये बताता है कि ये पार्टी को आगे ले जा सकते हैं.
To my mind, 2 young leaders have the administrative, organisational & electoral credentials to become @INCIndia President. They have pan-India appeal & either one can reinvigorate the party.My @PTI_News interview:https://t.co/twqXpxb4Lv
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) August 9, 2019
ध्यान रहे कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद चर्चा इस बात की भी थी कि प्रियंका गांधी कांग्रेस कि अध्यक्ष बन सकती हैं. अब प्रियंका कांग्रेस की अगली अध्यक्ष बनती हैं या नहीं, इसका फैसला वक़्त की गर्त में छुपा है. मगर इस खबर के बाद कि कांग्रेस अपने अध्यक्ष का चयन करने जा रही है. एक बड़ा वर्ग है जिसका यही मानना है कि लगातार असफलताओं का सामना कर गर्त में जाती कांग्रेस पार्टी को यदि अपनी राहें आसन करनी हैं या फिर उसे संभालना है तो उसे एक ऐसा अध्यक्ष लाना होगा जो युवा हो जिसके पास नए आईडिया हों और जो न सिर्फ अपने आईडिया पर काम करे बल्कि ग्राउंड पर आकर उसे अमली जामा भी पहनाए.
सोशल मीडिया पर चर्चा तेज है. राहुल के जाने के बाद लोग इसी बात को दोहरा रहे हैं कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष युवा हो. आइये कुछ और समझने से पहले एक नजर डाल ही जाए सोशल मीडिया पर और देखा जाए कि इस मामले लोगों के तर्क क्या हैं.
@Sonalee_Sonalee नाम की यूजर का मानना है कि राहुल, सोनिया और प्रियंका की असफलता के बाद गहलोत या पायलट ही वो लोग हैं जो अध्यक्ष बनकर डूबती हुई कांग्रेस का बेड़ा पार लगा सकते हैं.
After Rahul, Sonia And failuerence of priyanka Two leader have eligibility to join Congress president, Sachin pilot And gehlot. #CongressPresident pic.twitter.com/oZa8QjTiOR
— Sonalee (@Sonalee_Sonalee) August 10, 2019
बात कांग्रेस सके अगले अध्यक्ष की नियुक्ति की चल रही है तो हमें डी के शिवकुमार पर भी गौर कर लेना चाहिए. बात कर्नाटक चुनाव की है जिस रणनीति का परिचय डी के शिवकुमार ने दिया था वो ये साफ बताता है कि इनके अन्दर वो तमाम गुण हैं जिनको यदि ये वास्तविकता में लाए तो आने वाले वक़्त में कांग्रेस का भाग्य बदल जाएगा.
#CongressPresidentMake Dk Shivkumar as INC President. In bad times of congress this man comes for leading but congress is not promoting leaders like him. pic.twitter.com/t5ZK4xKwqZ
— Jobless Anon (@Anon79775273) August 10, 2019
दिलचस्प बात ये भी है कि एक बड़ा वर्ग वो भी है जो कांग्रेस के अगले अध्यक्ष के रूप में शशि थरूर को देखता है. ज्ञात हो कि जिस मुखरता से थरूर अलग अलग मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं यदि वो अध्यक्ष बनते हैं तो अवश्य ही कांग्रेस की दिशा और दशा बदलेगी.
They just need someone like Manmohan Singh , whom they can control Bcz in future that post will be held by @priyankagandhi
They will never choose @ShashiTharoor and @SachinPilot Bcz this two is better option for this post#CongressPresident pic.twitter.com/OV6BbFxcT3
— Bapu (@bapuhube) August 10, 2019
बात कांग्रेस की चल रही हो और लोग आलोचना न करें ऐसा हो ही नहीं सकता. कांग्रेस पार्टी द्वारा लिए जा रहे इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद आलोचना का दौर शुरू हो गया है.
CWC will meet tomorrow to select Bharat who will be keep sandals ???? of Priyanka Gandhi on the chair of Congress President until She decides to sit on the chair. #CongressPresident
— Chaloo Pandey (@chaloo_pandey) August 9, 2019
कांग्रेस के अगले अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया के बीच ये बात बड़ी मुखर होकर सामने आ रही है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष युवा ही हो. ऐसा इसलिए भी क्योंकि युवा चेहरा ही पार्टी को संभाल पाएगा.
Yes after giving exit to one family they are trying to justify the entry of another family, after all its a family business. Congress politicians are still living in 90's.#congresspresident #CongressMuktBharat # https://t.co/hG6BNCErCm
— Anand Kumar (@AnandKr28) August 4, 2019
इन तमाम बातों के बीच एक वर्ग वो भी है जिसका मानना है कि पार्टी कभी भी किसी नए चेहरे को मौका नहीं देगी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि उसका सीधा मुकाबला राहुल गांधी से होगा और यदि वो पार्टी को आगे ले जाता है तो ये बात राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं होगी.
Any young face will be a competition for RG. I expect none of young people will be considered. India needs strong opposition more than ever. #CongressPresident
— Nawal Pathak (@pathaknawal27) August 10, 2019
बहरहाल, कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा? इसका फैसला जब होना है, हो जाएगा. मगर जैसे हालात हैं और जैसे आर्टिकल 370 पर पार्टी के नातों ने अलग राय बनाई है. साफ है कि अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी का नाम आगे करके CMC ने कहीं न कहीं एक समझदारी का फैसला किया है. कार्यकारिणी इस बात को जानती हैं कि अभी प्राथमिकता टूटती हुई पार्टी को संभालना है और ये राहुल गांधी ही हैं जो इसे एकजुट रख पाएंगे.
चूंकि कांग्रेस को हमेशा से ही एक खास वर्ग की पार्टी माना गया है इसलिए कहीं न कहीं आलाकमान भी इस बात को बखूबी जानता है कि भविष्य की बातें भविष्य में देखेंगे लेकिन अभी अगर पार्टी की एकजुटता के लिए कुछ नहीं किया गया तो आने वाले वक़्त में संभालने या फिर बचाने के लिए कुछ बचेगा नहीं.
खैर, राहुल अपनी जिद छोड़कर पुनः पार्टी के अध्यक्ष बनते हैं या नहीं इसका जवाब भी वक़्त देगा लेकिन जिस तरह फिर से एक बार पार्टी ने उनके नाम पर विचार किया है उसने ये बता दिया है कि मोदी सरकार से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस ने भी साम दाम दंड भेद एक करना शुरू कर दिया है.
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