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Updated: 05 मार्च, 2019 09:32 PM
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भारतीय सेना ने पुलवामा हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की और वहां चल रहे 3 आतंकी लॉन्च पैड तबाह कर दिए. इस हमले में करीब 200-300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. जहां एक ओर भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह और विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा है कि इस महले में 250 आतंकी मार गिराए गए हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता इस बात का सबूत मांग रहे हैं. भले ही कांग्रेस का निशाना मोदी सरकार हो, लेकिन ये हमला भारतीय सेना पर होता हुआ सा ही लग रहा है.

लोकसभा चुनाव से पहले ये एयर स्ट्राइक भी राजनीति की चपेट में आ चुकी है. कांग्रेस को लग रहा है कि इस एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर ही वह अपना वोटबैंक तैयार कर लेंगे. शायद वह ये भूल गए हैं कि पिछली बार भी सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार पर सवाल उठे थे और बाद में सरकार ने उसके सबूत जारी करते हुए सबके मुंह बंद कर दिए और देश की जनता का भरोसा और मजबूती से जीत लिया. हो न हो, इस बार भी ऐसा ही होगा और कांग्रेस के सामने पछताने के अवाला कोई दूसरा रास्ता नहीं रहेगा. जैसी बयानबाजी कांग्रेस के नेता कर रहे हैं, कम से कम उससे तो इस बात पर मुहर भी लग जाती है कि ये सभी मिलकर कांग्रेस की कब्र खोद रहे हैं.

कांग्रेस, भाजपा, राजनीति, भारतीय सेना पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक के बाद इन दिनों कांग्रेसी नेता इस पर सवाल उठाते हुए सबूत मांग रहे हैं.

दिग्विजय सिंह: 'जैसे अमेरिका ने सबूत दिए वैसे मोदी सरकार भी दे'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी शनिवार को मांग की थी कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश किए जाने चाहिए. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि वह सेना की कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा रहे, लेकिन आज के तकनीकी दौर में सैटेलाइट से सारी तस्वीरें आ जाती हैं. उन्होंने तो ये भी कह दिया कि जैसे अमेरिका ने ओसामा को मारने के बाद सबूत दिखाए वैसे ही मोदी सरकार को भी सबूत जारी करने चाहिए.

हालांकि, दिग्विजय सिंह ये भूल गए कि अमेरिका ने आज तक ओसामा को मारने के ऐसे कोई सबूत नहीं दिए हैं, जिससे ये साबित हो कि ओसामा बिन लादेन मारा गया. हां, उसके घर के कमरों की कुछ तस्वीरें जरूर दिखाई थीं, लेकिन लादेन की कोई तस्वीर नहीं दिखाई. भले ही वह कहें कि वह सेना पर सवाल नहीं उठा रहे, लेकिन उनके बयान का तो यही मतलब निकलता है.

कपिल सिब्बल: विदेशी मीडिया पर भरोसा है, लेकिन भारतीय सेना पर नहीं?

पाकिस्तान के खिलाफ हुई एयर स्ट्राइक को लेकर जो बातें विदेशी मीडिया बोल रहा है, उस पर तो कपिल सिब्बल को यकीन है, लेकिन लगता है उन्हें अपनी ही सेना पर भरोसा नहीं है. सिब्बल ने एक ट्वीट में न्यू यॉर्क टाइम्स, लंदन स्थित जेन इन्फॉर्मेंशन ग्रुप, वॉशिंगटन पोस्ट, डेली टेलीग्राफ, द गार्डियन और रायटर्स जैसे इंटरनेशनल मीडिया का हवाला देते हुए कहा है कि इनके अनुसार पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के मारे जाने की कोई खबर नहीं है. उन्होंने मोदी सरकार पर आतंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या इंटरनेशनल मीडिया पाकिस्तान का समर्थन कर रही है? जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया पाकिस्तान के खिलाफ बोलती है तो आप खुश होते हैं. कपिल सिब्बल के ट्वीट के बाद से ही सोशल मीडिया से लेकर सत्ताधारी पार्टी तक उनकी आलोचना कर रही है.

मनीष तिवारी: हवाई हमले पर राजनीति

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने अमित शाह के बयान को पकड़ लिया है. शाह ने एक रैली में कहा था कि भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक में 250 से भी अधिक आतंकवादी मारे गए हैं. इस पर उन्होंने एयर वॉइस मार्शल आरजीके कपूर का बयान भी ट्वीट किया है, जिसमें कपूर ने कहा था- 'हमने जिन शिविरों पर हमले किए हैं, उनमें कितने हताहत हुए और कितने मारे गए, इसकी कोई संख्या बताना अभी जल्दबाजी होगी.' इस पर वह कहते हैं कि क्या हवाई हमले का राजनीति के लिए इस्तेमाल नहीं हो रहा है? उन्होंने सवाल उठाया है कि आखिर ऐसी कौन सी जानकारी है जो अमित शाह के पास है, लेकिन भारत सरकार के पास नहीं.

नवजोत सिंह सिद्धू: 'आतंकी मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने?'

पाकिस्तान में हुई एयर स्ट्राइक पर सबसे खराब राजनीति तो नवजोत सिंह सिद्धू ने ही की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए पूछा है कि आप आतंकी मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने? भले ही सिद्धू का निशाना मोदी सरकार पर हो, लेकिन उनका बयान सीधे तौर पर सेना पर सवाल उठाने वाला है. सिद्धू ने ट्वीट में लिखा है- '300 आतंकी मारे गए. हां या ना? तो इसका क्या मकसद था? आप आतंकी मारने गए थे या पेड़ उखाड़ने? क्या ये चुनावी हथकंडा है? विदेशी दुश्मन से लड़ने के नाम पर हमारे लोगों से धोखा हुआ है. सेना का राजनीतिकरण बंद कीजिए.' अंत में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है, 'ऊंची दुकान, फीका पकवान.'

पी चिदंबरम: हमें सरकार पर भरोसा, लेकिन दुनिया को भी भरोसा दिलाएं

पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि भारतीय वायुसेना के वाइस एयर मार्शल ने मारे जाने वालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि कोई नागरिक या सैनिक हताहत नहीं हुआ तो हताहतों की संख्या 300-350 किसने बताई? आपको बता दें कि चिदंबरम ने ये बातें अमित शाह के बयान पर हमला बोलते हुए कही हैं. लेकिन उनके बयान से यूं लग रहा है कि उन्हें नागरिक, सैनिक और आतंकवादी में फर्क ही नहीं पता. ये तो किसी ने नहीं कहा कि नागरिक या पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. ये कहा जा रहा है कि आतंकवादी मारे गए, लेकिन चिदंबरम कुछ और ही मतलब निकाल लिया है. उन्होंने सबूत मांगने का अप्रत्यक्ष तरीका निकाला और ट्वीट किया- मैं अपनी सरकार पर भरोसा करने के लिए तैयार हूं, लेकिन हम चाहते हैं कि दुनिया को भी भरोसा हो.

रणदीप सिंह सुरजेवाला: प्रधानमंत्री देश को सच बताएं

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि मोदी सरकार के मंत्री टीवी चैनलों की खबरों को ये कहते हुए झुठला रहे हैं कि बालाकोट हवाई हमले में 300 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि पीएम ने कभी नहीं की है. उन्होंने सवाल उठाते हुए लिखा है कि अगर ये सच नहीं है तो पीएम देश को सच बताएं. देखा जाए तो सीधे-सीधे उन्होंने भी सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत ही मांगा है.

ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस के नेता ही पाकिस्तान पर हुई एयरस्ट्राइक पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार पर हमला कर रहे हैं. इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल उठाए हैं. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी सरकार और सेना पर सवाल उठे थे, लेकिन क्या हुआ? साल भर बाद जब मोदी सरकार ने वीडियो के रूप में सबूत जारी किए तो सबके मुंह बंद हो गए. वैसे भी, अगर सेना ने कह दिया है कि पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक हुई तो हर किसी को बिना संदेह के उनकी बात माननी चाहिए और किसी सबूत की दरकार नहीं करनी चाहिए. इस मामले पर हो रही राजनीति से सबसे बड़ा राजनीतिक नुकसान कांग्रेस को ही होगा.

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