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Updated: 29 अक्टूबर, 2019 02:30 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यानी सीजेआई रंजन गोगोई के रिटायरमेंट (Retirement of CJI Ranjan Gogoi) की तारीख नजदीक आ रही है और इसी के साथ नए मुख्य न्यायाधीश के नाम पर भी मुहर लग गई है. आपको बता दें कि मौजूदा सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होंगे और 18 नवंबर को नए सीजेआई की तरह जस्टिस शरद अरविंद बोबडे शपथ लेंगे. राष्ट्रपति ने राम नाथ कोविंद ने भी उन्हें अगला सीजेआई बनाने को मंजूरी दे दी है. यानी अगर आज से ही देखा जाए तो रंजन गोगोई के पास सिर्फ 20 दिन बचे हैं और इन 20 दिनों में उन्हें कई अहम मामलों पर आखिरी फैसला सुनाना है. सबसे अहम तो है अयोध्या मामला (Ayodhya Case Verdict), जिस पर कोर्ट में हाई वोल्टेज ड्रामा होने के बाद 40 दिन की सुनवाई भी पूरी हो चुकी है. आइए एक नजर डालते हैं उन फैसलों पर, जिन पर रंजन गोगोई रिटायरमेंट से पहले आखिरी फैसला सुनाएंगे.

CJI Ranjan Gogoi retirement Ayodhya Ram Mandir case verdict17 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं, जिससे पहले उन्हें कुल 5 फैसले सुनाने हैं.

अयोध्या केस पर फैसला

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर 40 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. इस सुनवाई को रंजन गोगोई की अध्यक्षता में 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने सुना और फैसला सुरक्षित रख लिया है. माना जा रहा है कि इस मामले में 4 नवंबर से 17 नवंबर के बीच फैसला आ सकता है. आपको बता दें कि अयोध्या केस की सुनवाई कर रही 5 जजों की बेंच में अगले सीजेआई जस्टिस बोबडे (Next CJI Justice Sharad Arvind Bobde) भी हैं. फैसले में ये तय होगा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) का फैसला इस मामले में सही था या नहीं. अगर नहीं था तो सुप्रीम कोर्ट एक अलग फैसला सुनाएगी. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या की विवादित भूमि के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा था कि 2.77 एकड़ की विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच एक समान तीन भांगों में बांट दिया जाए, जिसे किसी ने नहीं माना था और मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. अयोध्या केस के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन इसके अलावा भी 4 फैसले हैं, जिन पर गोगोई जाने से पहले आखिरी फैसला सुनाकर जाएंगे.

1- सबरीमाला पर फैसला

सितंबर 2018 में रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने सबरीमाला पर फैसला सुनाते हुए हर महिला को केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabriamala Temple) में पूजा-पाठ करने की इजाजत दी थी. इसके बाद केरल में काफी बवाल हुआ था. इसे लेकर राजनीति भी खूब हुई थी. यहां तक कि भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नजर आई थी. करीब 65 याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला पर दिए गए फैसले के खिलाफ याचिका भी डाली थी. याचिकाओं में कहा गया है कि सदियों पुरानी इस परंपरा में सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, क्योंकि लोगों का विश्वास है कि सबरीमाला के भगाव नैस्तिक ब्रह्मचारी हैं, जिनकी मौजूदगी को 10-50 साल की महिलाओं (रजस्वला उम्र) के प्रवेश के जरिए छेड़ना सही नहीं है. रियाटर होने से पहले रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच इस पर भी फैसला सुनाएगी. या तो ये बेंच अपने पुराने फैसला का जस का तस लागू रखेगी या उसे पलट देगी. देखना दिलचस्प होगा कि सुप्रीम का फैसला क्या आता है.

2- राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट डील

रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट डील (Rafale Deal) को लेकर एक ज्वाइंट रिव्यू याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रखा है. ये याचिका प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा ने दायर की थी. इस मामले की सुनवाई की दौरान जिस अहम बात पर फोकस किया गया था वह ये थी कि 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डील में भ्रष्टाचार की शिकायत पर सीबीआई ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की. रिव्यू याचिका में आरोप लगाया गया था कि सरकार ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में कोर्ट को गुमराह किया था. देखना दिलचस्प रहेगा कि इस मामले में क्या फैसला आता है.

3- राहुल गांधी के खिलाफ याचिका

सुप्रीम कोर्ट में राफेल डील पर हो रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि वह उन दस्तवेजों को भी सुनवाई में देखेगी, जिन्हें केंद्र ने गोपनीय होने का हवाला दिया था. इसे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्र को झटका माना जा रहा था. इसी मौके का फायदा उठाते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने राजनीति करते हुए बयान दे डाला कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है. यानी वह ये कहना चाह रहे थे सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि राफेल डील में नरेंद्र मोदी (चौकीदार) ने भ्रष्टाचार किया है. इसके बाद मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत करते हुआ कहा था राहुल गांधी ने कोर्ट की अवमानना की है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे रंजन गोगोई के रिटायरमेंट से पहले सुनाया जाना है. देखना दिलचस्प रहेगा कि इसमें राहुल गांधी का गला फंसता है या मीनाक्षी लेखी का तीर उल्टा भाजपा की ओर मुड़ता है.

4- फाइनेंस एक्ट 2017 की वैधता को चुनौती

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने फाइनेंस एक्ट 2017 (Finace Act 2017) में भी अपना फैसला सुरक्षित रखा है. फाइनेंस एक्ट 2017 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालते हुए इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी. आरोप लगाया गया था कि संसद में फाइनेंस एक्ट 2017 को एक मनी बिल की तरह पारित कर दिया गया. 17 नवंबर से पहले-पहले इस मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट से अंतिम फैसला आने की उम्मीद है.

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