हदें नहीं होतीं अंधविश्वास की, बस मंत्री जी का ये वीडियो आना बाकी था
अब इसे अंधविश्वास नहीं तो फिर और क्या कहें? वोट डालने के लिए मतदान केंद्र में पहुंचे, लेकिन वोट डालने से पहले ईवीएम की पूजा की. दयालदास बघेल को लगता है कि वो ईवीएम की पूजा कर लेंगे तो उनकी जीत सुनिश्चि हो जाएगी.
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चुनाव आते ही नेता मंदिर-मस्जिद दौड़ना शुरू कर देते हैं. भले ही बात राजनीति के दिग्गजों की हो या फिर किसी छोटे-मोटे नेता की. चुनाव आते ही हर किसी को भगवान याद आ जाते हैं. नामांकन से लेकर चुनाव परिणाम आने तक न जाने कितनी ही ऐसी तस्वीरें आती हैं, जिनमें कुर्सी के लिए नेता पूजा-पाठ करते दिख जाते हैं. लेकिन इस बार जो तस्वीर सामने आई है, उसके बारे में तो शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा. दरअसल, इस बार पूजा-पाठ किसी मंदिर-मस्जिद या घर में नहीं, बल्कि मतदाता केंद्र में की गई है. बाकायदा नारियल भी फोड़ा गया और अगरबत्ती जताई गई. अब इसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. अगर कहा जाए कि 'हदें नहीं होतीं अंधविश्वास की' तो ये अतिशयोक्ति नहीं होगी.
छत्तसीगढ़ के मंत्री दयालदास बघेल वोट डालने मतदान केंद्र पर अपने साथ पूजा-पाठ का सामान भी लेकर पहुंचे.
जीतने के लिए मंत्रीजी का पूजा-पाठ
मंगलवार, 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का चुनाव हुआ. इस चुनाव में छत्तसीगढ़ के मंत्री दयालदास बघेल वोट डालने मतदान केंद्र पर अपने साथ पूजा-पाठ का सामान भी लेकर पहुंचे. पहले तो उन्होंने अगरबत्ती जलाई, फिर ईवीएम के बॉक्स से नारियल को छुआ कर मतदान केंद्र के दरवाजे पर नारियल फोड़ा और उसके बाद पूरे कमरे में अगरबत्ती घुमाई. दरअसल, बघेल को-ऑपरेटिव्स के मंत्री हैं, जो बेमेतारा जिले की नवागढ़ सीट से विधायक हैं. इस बार भी वह नवागढ़ सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और इस बार भी वह जीत जाएं, इसलिए उन्होंने ये पूजा-पाठ किया है. उनका ये वीडियो तो इंटरनेट पर वायरल हो गया है, लेकिन चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें इस हरकत पर नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
ईवीएम की पूजा से मिलेगी जीत !
अब इसे अंधविश्वास नहीं तो फिर और क्या कहें? मंत्रीजी वोट डालने के लिए मतदान केंद्र में पहुंचे, लेकिन वोट डालने से पहले ईवीएम की पूजा की. दयालदास बघेल को लगता है कि वो ईवीएम की पूजा कर लेंगे तो उनकी जीत सुनिश्चित हो जाएगी. खैर, बघेल जीतेंगे या नहीं ये तो 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम से पता चल ही जाएगा, लेकिन अभी तो जो भी ये वीडियो देख रहा है वह उन्हें अंधविश्वासी ही मान रहा है. यहां तक कि कांग्रेस ने भी बघेल पर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा- 'लोकतंत्र में एक नेता को आम जनता और मतदाताओं की पूजा करनी होती है. भाजपा और इसके मंत्रियों ने 15 सालों में कुछ काम नहीं किया और अब ईवीएम मशीन और पोलिंग बूथ की पूजा से कोई फायदा नहीं होगा.'
मतदान केंद्र के अधिकारियों को भी मिलना चाहिए नोटिस
कोई भी नेता किसी मंदिर-मस्जिद में या घर पर पूजा-पाठ करता है तो समझ आता है, लेकिन मतदान केंद्र में कोई ये सब कैसे कर सकता है? खासकर उस समय जब वोटिंग जारी हो. मतदान केंद्र में बैठे अधिकारियों ने उन्हें रोका क्यों नहीं? मतदान केंद्र के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. आखिर उनके रहते हुए मतदान केंद्र में ये सब कैसे होने दिया गया? इतना ही नहीं, इन सब चीजों की वीडियो तक बना दिया गया, ये और भी शर्मनाक बात है.
ऐसा नहीं है कि बघेल पहले नेता हैं जो अंधविश्वास के मारे हैं. अखिलेश यादव तो नोएडा आने से डरते हैं, क्योंकि कहा जाता है जो एक बार नोएडा आ जाता है, वह अगली बार जीत नहीं पाता है. ऐसा ही डर नर्मदा को लेकर भी है कि जो भी हैलिकॉप्टर से नर्मदा पार करता है, उसकी कुर्सी चली जाती है. इसी डर से आज तक शिवराज सिंह ने नर्मदा के ऊपर से हैलिकॉप्टर से यात्रा नहीं की. यहां तक कि जब पीएम मोदी अमरकंटक गए तो उन्हें भी ऐसा नहीं करने दिया. मुहूर्त के हिसाब से काम करना और शुभ-अशुभ मानना भारत की राजनीति में बेहद आम है, लेकिन मतदान केंद्र में ईवीएम की पूजा करना हैरान करता है. 11 दिसंबर को चुनावी नतीजों के दिन भी जगह-जगह से पूजा-पाठ की ऐसी ही तस्वीरें देखने को मिलेंगी, जो किसी अंधविश्वास से कम नहीं होतीं.
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