बीजेपी और टीडीपी के बीच अब भी सब ठीक नहीं है
दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी सहयोगी तेलुगू देशम् पार्टी (टीडीपी) उससे नाराज चल रही है. नाराजगी की वजह हाल ही में पेश हुआ आम बजट है. सीएम चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा पर आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ न्याय न करने का आरोप लगाया है.
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर राज्य के साथ न्याय नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार का हिस्सा होने और कई बार के अनुरोध के बावजूद आंध्र प्रदेश के साथ न्याय नहीं हुआ है. दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी सहयोगी तेलुगू देशम् पार्टी (टीडीपी) उससे नाराज चल रही है. नाराजगी की वजह हाल ही में पेश हुआ आम बजट है. शनिवार को आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने बयां दिया कि, 'हम बीजेपी के साथ इसलिए आए थे ताकि आंध्र प्रदेश के लोगों के साथ न्याय हो सके. मैंने 29 बार दिल्ली का दौरा किया था और सबसे कई बार मुलाकात की थी. फिर भी हमारे साथ न्याय नहीं किया गया.' चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के गुंटुर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं से यह बात कही.
We went with BJP for the sake of doing justice to the state of Andhra Pradesh. I visited Delhi 29 times & met everyone several times. Still justice has not been done. Even in the last budget, they did injustice to Andhra: Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu in Guntur (file pic) pic.twitter.com/90CblHl5br
— ANI (@ANI) February 17, 2018
चंद्रबाबू नायडू ने आगे कहा कि, ''मैं आंध्र प्रदेश के 5 करोड़ लोगों की तरफ से केंद्र से इस राज्य के साथ न्याय करने की मांग करता हूं और मैं डिबेट के लिए तैयार हूं कि दूसरे राज्यों को कितना मिला और हमें कितना दिया गया. मैं प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों से मांग करता हूं कि वे आंध्र प्रदेश के साथ न्याय करें. मैं तेलगु लोगों के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार हूं.'
हमने देखा था कि बजट पेश होने के बाद से ही टीडीपी नेताओं ने राज्य के पक्ष में किए गए आवंटन को लेकर खूब नाराजगी जताई थी. यहां तक कि संसद में भी जमकर विरोध किया था. इस दौरान तेलुगुदेशम और बीजेपी के बीच पोलवरम मल्टीपरपज प्रोजेक्ट को लेकर सबसे ज्यादा तनातनी चल रही थी. बता दें कि इन सबके बाद चंद्रबाबू नायडू और गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बीच बातचीत हुई थी, जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि दोनों पार्टियों के बीच अब सब कुछ सामान्य है. लेकिन इस बयान से तो एक बार फिर से दोनों दलों के बीच रिश्तों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये पहली बार है कि चंद्रबाबू नायडू बीजेपी से नाराज हों या फिर इस गठबंधन पर खतरा मडरा रहा हो, बल्कि इससे पहले भी कई मौकों पर दोनों में तकरार देखने को मिली है.
पिछले महीने ही नायडू ने कहा था कि 'अगर बीजेपी उनका साथ नहीं चाहती तो उन्हें भी उसे नमस्कार करने यानी गठबंधन को तोड़ने में कोई गुरेज नहीं होगा.' श्री नायडू का यह बयान बीजेपी के प्रदेश के नेताओं द्वारा उनकी सरकार की कई मुद्दों पर आलोचना करने के बाद आया था. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के खिलाफ बयानों पर केंद्रीय नेतृत्व को संज्ञान लेना चाहिए और अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए. गठबंधन धर्म का पालन करते हुए मैंने अपनी पार्टी के नेताओं को किसी भी तरह के बयान देने को लेकर आगाह किया है. गठबंधन को देखते हुए ही हम लोग चुप हैं.
कह सकते हैं कि दोनों दलों के रिश्ते पहले की तरह नहीं हैं, लेकिन इसको ठीक करना ही दोनों के लिए हितकारी होगा क्योंकि टीडीपी को राज्य में अपनी पकड़ और मजबूत करनी है तो वहीँ बीजपी को दक्षिण में जमीन की तलाश है. वैसे भी 2019 में होने वाले आम चुनाव में अब ज्यादा वक़्त शेष नहीं है.
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