पंजाब में उग्रवाद फिर घुस आया, केंद्र-राज्य देखते रहे!
सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों को दल-गत राजनीति से ऊपर उठकर, एक होकर पंजाब की खुशहाली और सुरक्षा पर प्रतिबद्ध रहना होगा. एक होकर ही केंद्र और राज्य सरकार, पंजाब को तोड़ने वाली शक्तियों को जवाब दे पाएंगे.
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कुछ दिन पहले जालंधर शहर के मकसूदां थाने में तीन बम फेंके गए. हालांकि, शरारत करने वाले चार दीवारी के भीतर बम फेंक कर फरार हो गए, लेकिन इस घटना ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी मचा दी. एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) ने इस हमले की जांच शुरू कर दी है. 'टाइगर्स फोर्स ऑफ खालिस्तान' नामक संगठन ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली है, लेकिन अभी पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है.
पिछले 2-3 सालों में पंजाब में विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं की हत्या कर दी गई है. 12 अगस्त 2018 को ‘जनमत संग्रह 2020’ अभियान के अंतर्गत खालिस्तान की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सिख संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर पर 'लंदन डिक्लरेशन' का आयोजन किया. अगस्त महीने में ही शिरोमणि अकाली दल के नेता मंजीत सिंह जीके पर खालिस्तान विचारधारा के समर्थकों द्वारा उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान दो बार हमले किए गए.
पिछले 2-3 सालों में पंजाब में विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं की हत्या कर दी गई है.
इन घटनाओं से यह साफ़ नज़र आ रहा है कि पंजाब को एक बार फिर अलगाववाद की ओर धकेलने की कोशिश हो रही है. धर्म के आधार पर पंजाब को भारत से अलग करने वाली सोच राज्य में पैदा करने की कोशिश हो रही है. पाकिस्तान की आईएसआई, कनाडा-ब्रिटेन में कार्यरत आतंकी संगठन पूरा प्रयास कर रहे हैं कि पंजाब में पुनः अस्सी के दशक जैसे हालत बन जाएं.
केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की अमरिंदर सिंह सरकार दोनों इस समस्या के प्रति उदासीन नज़र आते हैं. दोनों ने ही अपने कर्तव्य को गंभीरता से नहीं लिया है. यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर भारत विरोधी कट्टरपंथी ताकतें अपना रंग दिखा रही हैं. हमारी सरकारों का ख़ुफ़िया तंत्र जितना सक्रिय होना चाहिए उतना नहीं है. चाहे सोशल मीडिया का प्रयोग करके खालिस्तानी सोच का प्रचार प्रसार करना हो या विदेशी भूमि का भारत के खिलाफ इस्तेमाल करना हो, केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही फिसड्डी रही हैं.
सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों को दल-गत राजनीति से ऊपर उठकर, एक होकर पंजाब की खुशहाली और सुरक्षा पर प्रतिबद्ध रहना होगा. एक होकर ही केंद्र और राज्य सरकार, पंजाब को तोड़ने वाली शक्तियों को जवाब दे पाएंगे.
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