जब सरकार ही नहीं एक स्वर तो दुश्मनों को कैसा डर
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की कमी है. वहीं रक्षा मंत्री का कहना है कि भारतीय सशस्त्र बल पूरी तरह सक्षम हैं और उनके पास पर्याप्त रक्षा उपकरण मौजूद हैं. ये दो अलग अलग बातें निराश करने वाली हैं.
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मौजूदा माहौल में जहां एक ओर चीन से डोकलाम के मुद्दे पर तनातनी है, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान लगातार सीमा उल्लंघन की घटनाओं को अंजाम दे रहा है. ऐसे में भले ही युद्ध की स्थिति न हो पर एक देश की सेना को किसी भी कारवाई के लिए सदैव तैयार रहना होता है. लेकिन पिछले कुछ दिनों में ऐसे-ऐसे बयान आए हैं जो काफी निराशाजनक और हतोत्साहित करने वाले हैं.
मंगलवार को देश के रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि भारतीय सशस्त्र बल देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं और उनके पास पर्याप्त रक्षा उपकरण मौजूद हैं. विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा कैग रिपोर्ट के जिक्र के जवाब में जेटली ने यह बात कही. यहां बता दें की कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सेना के पास गोला-बारूद की कमी है. और अगर युद्ध की स्थिति बने तो सेना के पास केवल उतना ही गोला-बारूद है जो केवल दस दिन या उससे भी कम समय तक ही चलेगा. जेटली ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में गोला-बारूद की जिस कमी का जिक्र है वह एक खास समय की बात है और इसके बाद लगातार उस क्षेत्र में प्रगति हुई है.
सीएजी की रिपोर्ट से अलग बात कर रहे हैं रक्षा मंत्री जेटली
रक्षा मंत्री की बात से हैरानी इसलिए होती है कि आखिर सरकार और इसकी एजेंसी एक दूसरे से भिन्न कैसे हो सकते हैं, वो भी इस तरह के संवेदनशील मामले पर. यही नहीं, हाल के डोकलाम विवाद को लेकर एक ओर जहां भारत और चीन में टकराव बना हुआ है ऐसे में भारतीय सेना के वाइस चीफ शरथ चंद का ये कहना कि आने वाले वक्त में चीन भारत के लिए बड़ा खतरा हो सकता है, जरूर कुछ सोचने पर मजबूर करता है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच हिमालय है, फिर भी चीन हमारे लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने गोला बारूद बनाने वाली सरकारी ऑर्डिनेंस फैक्टरियों के कामकाज की भी आलोचना की और प्राइवेट इंडस्ट्री को डिफेंस प्रॉडक्शन से जोड़ने की वकालत की साथ ही डिफेंस प्रॉडक्शन के मामले में उन्होंने पाकिस्तान के औद्योगिक आधार को भारत से बेहतर होने का अनुमान लगाया.
अब कुछ राजनीति की बात करें तो सहयोगी दलों में से एक शिवसेना के प्रमुख ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को दिए अपने साक्षात्कार में पूछा कि चीन और पाकिस्तान पर कोई हमारा साथ क्यों नहीं दे रहा. वो भी तब जब हम ये दावा करते रहे हैं कि हमने पाकिस्तान को आतंक के मुद्दे पर बेनकाब किया है और अंतराष्ट्रीय समुदाय अब हमारे पक्ष को मानता है.
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