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Updated: 01 फरवरी, 2019 01:59 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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कुछ महीने पहले ही धर्म की वजह से यूपी में एक कपल को पासपोर्ट देने से मना किया गया था, जिसे लेकर काफी बवाल मचा था. अब भाषा की वजह से दोबारा कुछ वैसा ही मामला सामने आ रहा है. इस बार मुंबई में एक इमिग्रेशन ऑफिसर ने एक स्टूडेंट को हिंदी नहीं आने की वजह से आगे जाने की अनुमति नहीं दी. अब इस मामले को लेकर शशि थरूर ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है- 'हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा हमारे देश को बांटने का काम कर रही है, हमें एकता चाहिए, एकरूपता नहीं.' शशि थरूर ने अपने ट्वीट के साथ उस स्टूडेंट का ट्वीट भी शेयर किया है, जिसके साथ ये सब हुआ है.

इसकी शुरुआत काफी दिन पहले से हो चुकी है. 8 जनवरी को अब्राहम सैमुअल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि मुंबई एयरपोर्ट पर काउंटर नंबर-33 पर एक इमिग्रेशन ऑफिसर ने उन्हें आगे जाने की इजाजत देने से सिर्फ इसलिए मना कर दिया, क्योंकि उन्हें सिर्फ तमिल और अंग्रेजी आती थी, हिंदी नहीं. उन्होंने इस घटना की शिकायत अधिकारियों से भी की और सुषमा स्वराज, पीएम मोदी और राहुल गांधी को टैग करते हुए ट्वीट भी किया. सैमुअल ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए. उन्होंने ये भी बताया कि उस अधिकारी को अंग्रेजी आती थी, लेकिन वह सिर्फ विदेशी लोगों से अंग्रेजी में बात कर रहा था. वह चाहता था कि सभी भारतीय हिंदी में बात करें. हालांकि, उस पर विदेश मंत्रालय का कोई रिप्लाई नहीं आया.

शशि थरूर, कांग्रेस, हिंदी, ट्विटरअब्राहम सैमुअल के साथ हुई घटना पर सवाल उठाते हुए शशि थरूर ने इस मामले को मीडिया में ला दिया है.

अब्राहम की स्टोरी जैसे ही मीडिया में आई तो मोहम्मद जीशान नाम के एक अन्य शख्स ने अब्राहम की स्टोरी को ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में बताया कि बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उनसे भी पूछा गया कि उन्हें हिंदी आती है या नहीं. मैं किसी झंझट में नहीं पड़ना चाहता था तो हां बोल दिया और एक दो लाइनें हिंदी की बोल भी दीं. इसके साथ ही उन्होंने सुषमा स्वराज और शशि थरूर को टैग करते हुए ये सवाल पूछा कि उनसे ऐसा सवाल क्यों पूछा गया?

अब मोहम्मद जीशान उसी ट्वीट को शशि थरूर ने रीट्वीट किया है और अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि सरकार 'हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व' की राजनीति कर रही है. उन्होंने लिखा है- 'हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा हमारे देश को बांटने का काम कर रही है, हमें एकता चाहिए, एकरूपता नहीं.'

जिस तरह इस बार भाषा को लेकर बवाल मचा है, इसी तरह कुछ महीने पहले जून 2018 में यूपी में धर्म को लेकर बवाल मचा था. एक महिला ने पासपोर्ट अधीक्षक पर धर्म पूछ कर अपमानित करने का आरोप लगाया. लखनऊ में रहने वाली तन्वी सेठ जब पासपोर्ट बनवाने पहुंचीं तो वहां मौजूद अधिकारी एक मुसलमान से शादी करने की बात को लेकर हंसने लगे. यहां तक कि उन्होंने एक ही सरनेम करने को भी कह डाला. जब ये मामला चर्चा में आया तो विदेश मंत्रालय को खुद दखल देना पड़ा और अंत में पासपोर्ट की अर्जी स्वीकार करते हुए पासपोर्ट जारी करना पड़ा. साथ ही उस अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश भी दे दिए गए, जिसने धर्म के आधार पर पासपोर्ट की अर्जी खारिज की थी.

पहले धर्म और अब भाषा. पहले मामला हिंदू-मुसलमान का था, इस बार मामला हिंदी का है. सोशल मीडिया पर तो ये मामला काफी दिनों से चल रहा था, लेकिन अब ये मीडिया में आ चुका है और इसे मीडिया में लाने वाले हैं शशि थरूर. उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए सीधे मोदी सरकार पर हमला बोला है. आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही थरूर ने कुंभ में स्नान को लेकर ट्वीट किया था- 'आपको गंगा भी साफ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं. इस संगम में सब नंगे हैं, जय गंगा मैय्या की.' इसकी वजह से वह भाजपा के निशाने पर पहले से ही हैं और अब हिंदी भाषा की वजह से हुई दिक्कत को लेकर थरूर ने पूरे हिंदुत्व को लपेटे में ले लिया है. अब जब ये मामला मीडिया में आ ही चुका है, तो ये देखना दिलचस्प होगा कि सरकार की तरफ से इस पर क्या जवाब आता है और कब आता है.

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