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Updated: 19 जून, 2018 12:55 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, ये जुमला शायद कांग्रेस कंठस्थ कर चुकी है. तभी तो देखिए लगातार कोशिशों में फेल होने के बाद भी राहुल गांधी को नई जिम्मेदारियां दी जा रही हैं. हर बड़ी हार के बाद राहुल का प्रमोशन होता आया है और अब यूपी की ऐतिहासिक हार के बाद अब राहुल के नाम एक और बड़ी उपलब्धि‍ हो गई है. राहुल गांधी का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकता है. दरअसल, होशंगाबाद के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट कपिल दीवान ने 27 बार इलेक्शन हारने के लिए राहुल का नाम गिनीज में दर्ज करवाने की मांग की है. इसके लिए कपिल ने फीस भी भर दी है.

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राहुल गांधी को भले ही पूरी दुनिया हार का जिम्मेदार मान रही हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए अभी भी हार के दूसरे कारण खोजने की मुहिम जारी है. कांग्रेस पंजाब में जीती तो राहुल गांधी के सर ताज और यूपी में हारी तो हार के कारण खोजने जारी हैं. राहुल गांधी जहां भी जाते हैं हार उनसे पहले पहुंच कर कांग्रेस और उनकी साथी पार्टी के कत्लेआम की जमीन तैयार कर देती है. मगर फिर भी राहुल गांधी को हार से पहले इन 5 कारणों के लिए गिनीज बुक में जगह मिलनी चाहिए!

1. बेतुके भाषण देने का रिकॉर्ड

अगर आपने कभी राहुल गांधी को भाषण देते नहीं सुना या उनके भाषणों के बारे में किसी से नहीं सुना तो यकीनन आपको अपने कोप भवन से निकलने की जरूरत है. 2017 में इतना पीछे रहना अच्छा नहीं है. बहरहाल, मुद्दा ये है कि राहुल गांधी हमेशा से ही ऐसे भाषण देने का रिकॉर्ड बनाते आए हैं जिनमें वो या तो कुछ गलत कह गए हों, या तो मुद्दा भूल गए हों, या फिर कोई बेतुकी बात जनमंच के सामने कह गए हों. राहुल ने तो ओबामा के किचन में जौनपुर का पतीला भी पहुंचा दिया.

2. मौके पर विदेश भाग जाने का रिकॉर्ड

चाहें यूपी इलेक्शन से पहले न्यू इयर पर 11 दिन की छुट्टी हो या फिर बहुचर्चित 60 दिन की लीव राहुल गांधी हमेशा ऐसे मौकों पर छुट्टी लेते आए हैं जिन्हें उन्हें बिलकुल गंवाना नहीं चाहिए था. इससे राहुल की छवि एक गैरजिम्मेदार नेता की बन गई.

3. हमेशा गलत एक्सप्रेशन देने का रिकॉर्ड

एक तरफ सोनिया गांधी अपनी हार का भाषण दे रही थीं और दूसरी तरफ राहुल गांधी मुस्कुरा रहे थे. ये एकलौता ऐसा वाक्या नहीं है जिसमें राहुल गांधी के एक्सप्रेशन थोड़े अजीब रहे हैं.

4. बिना देखे शोक संदेश भी ना लिख पाने का रिकॉर्ड

ये हुआ सिर्फ एक ही बार है, घटना भी पुरानी है, लेकिन इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ होगा जब किसी इतने बड़े नेता ने शोक संदेश जैसी संवेदनशील बात को भी कॉपी किया. जब ये वीडियो वायरल हुआ था तो सोशल मीडिया से लेकर पॉलिटिकल गलियारों तक राहुल गांधी की थू थू हुई थी.

5. ट्रोल होने का रिकॉर्ड

इस रिकॉर्ड के लिए राहुल गांधी को मोदी ने कड़ी टक्कर जरूर दी है, लेकिन इसका ताज भी राहुल गांधी के नाम ही है. हां, अब ट्रंप भी इस रेस में राहुल से आगे हैं, लेकिन भारत के चमकते सितारे तो राहुल ही हैं. राहुल गांधी ने भाजपा को वन मैन शो कहा था, लेकिन कांग्रेस को क्या कहेंगे? क्या कांग्रेस अब वन मैन शो नहीं बन गई है?

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श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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