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Updated: 23 मार्च, 2018 09:00 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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दो दोस्त थे. दोनों ही लम्बी-लम्बी हांकने और इधर-उधर की बातें करने के लिए मशहूर थे. एक बार गर्मी की एक दोपहरिया में दोनों आम के बाग़ में खाट डाले बैठे थे. दोनों के पास करने धरने को कुछ था नहीं तो यूं ही टाइम पास करने के चलते वो एक दूसरे से लम्बी-लम्बी हांक रहे थे. बातों का दौर चल रहा था. दोनों ही एक दूसरे के सामने ये जताने की कोशिश कर रहे थे कि कैसे वो एक दूसरे से बेहतर हैं. पहला दोस्त दूसरे दोस्त को अपने दादा जी का किस्सा सुना रहा था कि कैसे एक बार उन्होंने अकेले ही जंगल में सिर्फ एक घूंसे से शेर को ढेर कर दिया. दूसरा दोस्त भी कम नहीं था उसने बताया कि कैसे एक बार बैल के बीमार पड़ने पर पूरा खेत अकेले ही उसके दादा जी ने अपने कंधे पर हल रखकर खुद ही जोत दिया.

इतनी बातों को पढ़कर आपका विचलित होना और ये सवाल करना कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? लाजमी है. बात ही ऐसी है. डाटा लीक के मामले पर बेहद गंभीर सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बेहद साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर फेसबुक भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को भारत में सम्मन भेज कर बुलाने की भी धमकी दी है.

रविशंकर प्रसाद, डाटा चोरी, मार्क जुकरबर्ग, फेसबुक   डाटाचोरी के मामले में रविशंकर प्रसाद ने तीखे लहजे में मार्क जुकरबर्ग की आलोचना की है

किसी आम भारतीय नागरिक की तरह मैंने रविशंकर प्रसाद की पूरी प्रेस कांफ्रेंस सुनी. सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री हाथ में कागजों का बंडल पकड़े बता रहे थे कि कैसे ये खबर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर एक बड़ी दखलअंदाजी है. सच में, उस वक्त रविशंकर प्रसाद का चेहरा देखने वाला था. वो गुस्से में तमतमाए हुए थे. सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्री कह रहे थे कि "भारत सरकार प्रेस की स्वतंत्रता, फेसबुक जैसे सोशल साइट्स पर विचारों व भावनाओं के आदान-प्रदान का समर्थन करती है. लेकिन अगर भारत की चुनावी प्रक्रिया को किसी गड़बड़ तरीके से प्रभावित करने की कोशिश होती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

रविशंकर प्रसाद, डाटा चोरी, मार्क जुकरबर्ग, फेसबुकअपनी प्रेस कांफ्रेंस में ravi शंकर प्रसाद बहुत सख्त नजर आ रहे थे

साथ ही रविशंकर प्रसाद का ये भी मानना था कि अगर जरूरी महसूस हुआ तो इसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जा सकती है. भारत में आइटी कानून के तहत तमाम ऐसे प्रावधान है जिसका इस्तेमाल इसके लिये किया जा सकता है. हम फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को पूछताछ के लिए भारत भी बुला सकते हैं.''

देश में नहीं हैं तो क्या हुआ. किसी आदर्श भारतीय की ही तरह  विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी भी रविशंकर प्रसाद की इस प्रेस कांफ्रेंस को सुन रहे थे. जैसे ही रविशंकर प्रसाद इस पॉइंट पर आए टीवी पर नजरे गड़ाए मेहुल चौकसी ने अचानक ही नीरव मोदी को देखा. नीरव का रिएक्शन कुछ खास नहीं था अभी मेहुल मोदी को ये जोक समझा ही रहे थे कि उन्हें किचन में कुछ गिरने की आवाज आई. दोनों अपनी बातचीत छोड़ भाग के किचन में गए तो जो वहां देखा, देख के दंग रह गए.

रविशंकर प्रसाद, डाटा चोरी, मार्क जुकरबर्ग, फेसबुक   डाटा चोरी होने से जुड़ी ये खबर ऐसी है जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है

शॉर्ट्स पहने विजय माल्या नीचे गिरे थे और पेट पकड़-पकड़ के हंसे जा रहे थे. जैसे ही नीरव और मेहुल चौकसी विजय माल्या को उठाने के लिए आगे बढ़े उन्होंने नीरव मोदी की तरफ अंगुली कर हंसते हुए सवाल किया "नीरव कुछ सुना तूने ? ये लोग फेसबुक वाले मार्क जुकरबर्ग को समन भेजकर स्ट्रिक्ट एक्शन के लिए इंडिया बुलाने वाले हैं" नीरव से इतना कह फिर माल्या जोर जोर से हंसने लगे.

इधर ये लोग एक दसूरे पर गिरे हुए हंसे जा रहे थे उधर टीवी पर रविशंकर प्रसाद की प्रेस कांफ्रेंस चल रही थी वो कह रहे थे कि."अभी मैं सिर्फ यह चेतावनी देना चाहता हूं कि फेसबुक को भारतीय कानून को हल्के में नहीं लेना चाहिए. अगर हमनें चाह लिया तो फेसबुक के सीईओ मार्क ज़ुकेरबर्ग शर्मिंदगी के साथ हमारे सामने होंगे.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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