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Updated: 01 अगस्त, 2018 11:02 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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फेसबुक खोला तो किसी की शेयर की हुई एक खबर दिखी. खबर शराब के सेवन से जुड़ी है और एक शोध पर आधारित है जिसके अनुसार शराब का सेवन विदेशी भाषा सीखने में मददगार है. सवाल है कि लोग इस खबर को क्यों शेयर कर रहे हैं? तो शायद इसका जवाब हो शौक. इन दिनों शौक के चलते आदमी बहुत कुछ कर रहा है और उस पर मोटा पैसा भी खर्च कर रहा है. बात शौक की है तो बता दें कि इन दिनों हममें से बहुत से लोग शौक-शौक में इंग्लिश सीख रहे हैं. इंग्लिश सीखना आजकल ट्रेंड में है. इंग्लिश विदेशी भाषा है और ये आसन तो बिल्कुल नहीं है.

नशा, शराब, भाषा, इंग्लिश, शोध     हम अक्सर ही ऐसे लोगों को देखते हैं जो शराब के सेवन के बाद इंग्लिश जैसा कुछ बोलना शुरू कर देते हैं

मुश्किल चीजों को याद करना टफ है. और टफ का टॉनिक शराब है. नहीं-नहीं ये बात हमने नहीं कही ये वही शोध है जिससे जुड़ी खबर लोग अपनी-अपनी प्रोफाइल पर साझा कर रहे हैं. खबर लंदन में हुई एक स्टडी के हवाले से है. स्टडी में दावा किया गया है कि यदि आप नई भाषा सीखना चाहते हैं तो शराब का एक घूंट आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है. और आपको देसी कालिदास या रसखान से डायरेक्ट इलियट, होमर या शेक्सपियर बना सकता है.

इस खबर को जानकार मेरे कई मुगालते दूर हुए हैं. कई सारे भ्रम मुझसे जुदा हो गए हैं. आज उस रहस्य का पर्दाफाश हो गया है जिसने बरसों से मेरी नाक में दम कर रखा था. मैंने कई बॉलीवुड की फ़िल्में देखी हैं. उन फिल्मों में मैंने केष्टो मुखर्जी से लेकर अमिताभ बच्चन को शराब पीने के बाद शोर शराबा करते देखा है. मैं देख चुका हूं बसंती की बिराह में वीरू को पानी की टंकी पर चड़ते और मौसी जी के अलावा गांव वालों को डपटते हुए. साथ ही मैंने देखा है फुटपाथ पर पड़े नशे में धुत उस आदमी को कुछ बुदबुदाते हुए. आज मैं जान गया हूं ये जितने भी लोग थे सब जिज्ञासु थे और इन्हें एक नई भाषा सीखनी थी. इन्होंने पेग को गुरु समझ उसे गले लगाया और उसके बाद फर्राटेदार भाषा इन सभी के मुंह से निकली जिसमें इंग्लिश 'उचित मात्रा' में मिली हुई थी.

नशा, शराब, भाषा, इंग्लिश, शोध     शराब के नशे में इंग्लिश पर हाथ आजमाता शोले का वीरू

मैंने एक शोध की बात की थी. तो बात आगे बढ़ाने से पहले उस शोध पर बात कर लेता हूं. शोध के मुताबिक थोड़ी मात्रा में शराब पीने से लोगों को विदेशी भाषा बोलने में मदद मिलती है. नीदरलैंड के मास्ट्रिक्ट विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के लंदन स्थित लिवरपूल विश्वविद्यालय और किंग्स कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं ने प्रतिभागियों को शराब की थोड़ी मात्रा पिलाकर डच सीखने की उनकी क्षमता का विश्लेषण किया.

इस अध्ययन में हिस्सा लेने वाले जर्मन मूल के 50 लोग थे जो डच यूनिवर्सिटी में अध्ययन कर रहे हैं और हाल में उन्होंने डच बोलना, पढ़ना और लिखना सीखा. 'साइकोफार्माकोलॉजी' नाम के जर्नल में ये शोध दर्ज है. शोध में पाया गया कि शराब पीने वाले लोगों की डच भाषा सीखने की क्षमता ज्यादा बेहतर थी. यह भी पाया गया कि उनके उच्चारण में उल्लेखनीय फर्क आया.

इस शोध के बाद और हमारे परिवेश में हो रही घटनाओं, जिनमें कोई आदमी शराब पीने के बाद अपना टोन चेंज कर ले अंग्रेजी मिश्रित अनाप शनाप बोले. तो हमें अब उसपर हंसने का कोई अधिकार नहीं है. हमें उसे देखकर गंभीर होना चाहिए और ये मान लेना चाहिए कि वो लर्निंग के फेज में है. उसे देखते हुए हमें इस बात का पूरा विश्वास होना चाहिए कि एक दिन "ट्रायल एंड एरर' की विश्वविख्यात थ्योरी को मात देकर वो इंग्लिश या फिर कोई अन्य विदेशी भाषा बोलना सीख ही जाए.

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#शराब, #शोध, #नशा, Liquor, Research, Intoxication

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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