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Updated: 20 जून, 2019 10:10 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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मैं दुनिया का तो नहीं जानता, मगर हमारे देश में व्यक्ति राजनीति में तभी आ सकता है जब उसे आरोप प्रत्यारोप लगाने के अलावा 3 का 13 करना और झूठ बोलना बखूबी आता हो. अगर व्यक्ति राजनीति में आए और उसे एक राजनेता की बारीकियां समझनी हों. ये देखना हो कि झूठ को कितना खूबसूरती से बोला जाए कि वो सच लगे तो उसे थोड़ी सी मेहनत करते हुए मध्य प्रदेश का रुख करना चाहिए और वहां जाकर सूबे के मुखिया और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ से ट्यूशन लेना चाहिए. कमाल के आदमी हैं कमलनाथ. ये इतने कमाल के हैं कि इन्होंने एमपी को 'गोथम' और खुद को बैटमैन समझ लिया है.

विपक्ष पर आरोप लगाना अब गुजरे जमाने की बात हो गई है इनके लोग इन दिनों राज्य की एक महत्वपूर्व विसंगति के लिए 'बैट्स' यानी चमगादड़ों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. गर्मी का मौसम है और मध्यप्रदेश में लाइट नहीं आ आ रही है. राज्य के लोग पसीने से तरबतर हैं. स्थिति जब ऐसी हो तो उनका अपने मुखिया या फिर मुखिया के करीबियों से सवाल पूछना लाजमी है. जवाब कमलनाथ के अफसरों ने दिया है. राज्य में बिजली की स्थिति पर कमलनाथ सरकार के अफसरों ने बड़ा ही अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने बिजली की कटौती के लिए चमगादड़ों को जिम्मेदार ठहराया है.

मध्यप्रदेश, कमलनाथ, बिजली, चमगादड़, Bats, Kamalnath, MP कमलनाथ के अधिकारियों ने चमगादड़ों को लेकर जो बात कही है उसने पूरे सूबे की पोल खोल दी है

ये कोई पहला मौका नहीं है जब राज्य में बिजली की कटौती को लेकर कमलनाथ को घेरा जा रहा है. पूर्व में कमलनाथ सरकार ने बिजली की कटौती के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में खरीदे गए खराब ट्रांसफार्मरों को जिम्मेदार ठहराया था. अब अधिकारियों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए चमगादड़ों पर ठीकरा फोड़ा है और कहा है कि सरे फसाद की जड़ ये चमगादड़ हैं.

आपको बताते चलें कि राज्य में आए बिजली संकट के बाद मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बिजली विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई, अधिकारी घिर चुके थे. सवाल था कि इस मीटिंग और मंत्री जी के गुस्से से पिंड कैसे छुड़ाया जाए? अधिकारी ये बात सोच ही रहे थे कि किसी को उड़ता हुआ चमगादड़ दिख गया. फिर क्या था अधिकारियों ने बेजुबान चमगादड़ के नाजुक परों पर सारा दोष डाल दिया. बिजली विभाग के अफसरों ने अपने मंत्री को बताया कि चमगादड़ बिजली के तारों पर उल्टा लटकते है, जिसकी वजह से बिजली के तार आपस में चिपक जाते है और फॉल्ट हो जाते हैं.

अधिकारियों का ये लॉजिक जहां एक तरह आम लोगों की समझ के परे था तो वहीं इसने मंत्री जी के माथे पर भी चिंता के बल ला दिए. बाद में उन्होंने अफसरों से कहा कि वो चमगादड़ों को बिजली के तारों से दूर रखने के लिए अल्ट्रासोनिक डिवाइस लगाने पर विचार करें, लेकिन इससे पहले ट्रांसफॉर्मर पर पड़ने वाले लोड को भी कम करें. साथ ही तारों को इन्सुलेट करें.

देश के किसी भी राज्य में बिजली जाना एक आम बात है मगर ये बिजली चमगादड़ों के चलते जा रही है ये बात इस पूरे मामले को दिलचस्प बनाती है. अब जब मामला ऐसा हो तो इसपर आम लोगों की प्रतिक्रिया आनी स्वाभाविक है. आइये जानते हैं कि इस मामले को देखकर क्या कह रहे हैं लोग.

@knowthenation नाम के यूजर ने अपाने ट्वीट के जरिये मध्य प्रदेश को गोथम बताया है और कहा है कि राज्य में बिजली नहीं आ रही इसके लिए मुख्यमंत्री चमगादड़ों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. अपने इस ट्वीट में यूजर ने कमलनाथ को बैटमैन दर्शाया है.

@PirateLordJacky नाम के यूजर ने भी एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ की कार्यप्रणाली पर जबरदस्त कटाक्ष किया है.

@varunmahajan82 ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कमलनाथ के सत्ता में आने के बाद राज्य में चमगादड़ों की आबादी बढ़ी है.

@profpratap नाम के यूजर ने भी इस मामले पर राज्य सरकार की जबरदस्त चुटकी ली है और तीखा कटाक्ष किया है.

@irahsinha ने भी व्यंग्य करते हुए लिखा है कि, मध्य प्रदेश में बिजली की कमी का कारण चमगादड़ (Bat) है ! चमगादड़ बिजली खा जाते है.

@RiseofBurnol ने इस समस्या पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जो बात कही है वो ये साफ दर्शा रही है कि राज्य के लोग कमलनाथ से नाराज हैं और एक मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें इसपर जरूर ध्यान देना चाहिए.

राज्य के चमगादड़ कितनी बिजली खा रहे हैं वो हमें पता है. ऐसे में अधिकारी यदि झूठ का सहारा ले ही रहे थे तो उन्हें ऐसी बात करनी चाहिए थी जो आम आदमी अपने गले के नीचे उतार पाता. जिस तरह उन्होंने झूठ बोला है न सिर्फ वो लोकतंत्र के मुंह पर करारा तमाचा मारता नजर आ रहा है. बल्कि ये भी बता रहा है कि जब चौपट राजा होता है तो नगर का अंधेर नगरी बनना राजनीतिक मज़बूरी हो जाता है.

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बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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