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Updated: 02 जनवरी, 2018 04:25 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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नए साल आ गया है. हर तरफ नई खुशियां हैं और कुछ नया करने का जज्बा है. नए साल के शुरूआती दिनों को देखें तो मिलता है कि इनमें किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे खास होते हैं न्यू- न्यू रेज़ोल्यूशन. क्या आम क्या खास व्यक्ति कोई भी हो सभी रेज़ोल्यूशन बनाते हैं. जैसे कोई मीलों लम्बी तोंद लिया व्यक्ति सुबह उठ कर जिम जाने का रेज़ोल्यूशन लेता है. कोई पतला व्यक्ति इंड्यूरा मास खा खाकर मोटा होने और मस्कुलर बॉडी बनाने का रेज़ोल्यूशन लेता है. कहीं पढाई कर बैंक पीओ की नौकरी पाने वाले रेज़ोल्यूशन होते हैं तो कहीं सिगरेट, पान मसाला और शराब छोड़ने वाले रेज़ोल्यूशन. अब व्यक्ति अपने रेज़ोल्यूशन कितने पूरे कर पाता है ये बात न आपसे छुपी है न मुझसे.

राहुल गांधी, न्यू ईयर, न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन, मोदी इस 2018 राहुल गांधी ने भी न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन लिया है और इसके लिए वो बेहद गंभीर दिख रहे हैं

खैर, हमारी आपकी तरह कोई और भी है जिसने इस न्यू ईयर "न्यू रेज़ोल्यूशन" लिया है. जिस व्यक्ति की हम बात कर रहे हैं वो स्वाभाव से बड़ा भोला और मासूम है. इसे लोग मम्माज बॉय कहते हैं. मम्मी जो बोलती हैं वो ये आंख बंद कर करता है. अब जब ये व्यक्ति हमसे और आपसे थोड़ा अलग है तो इसके "न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन" पर चर्चा अपने आप में जरूरी हो जाती है. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि हम और किसी की नहीं बल्कि राहुल गांधी की बात कर रहे हैं.

हुआ ये था कि 31 दिसम्बर की रात को सारे कामों से फ्री होकर राहुल जी अपने प्ले स्टेशन पर "काउंटर स्ट्राइक" पर जीत दर्ज करने के बाद "एनएफएस" खेल रहे थे तभी उनके बीन बैग के पीछे चलने वाले टीवी पर लोगों के न्यू ईयर  रेज़ोल्यूशन से जुड़ी खबर आई. राहुल जो अब तक गेम खेल रहे थे उन्होंने प्ले स्टेशन की जॉय स्टिक को किनारे फेंका और खबर सुनने लग गए. खबर सुनते-सुनते उन्हें भी न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन लेने का आईडिया आया और उन्होंने न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन की एक लिस्ट बनाई. आइये नजर डालते हैं राहुल की उस लिस्ट पर

राहुल गांधी, न्यू ईयर, न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन, मोदीबड़ा सवाल ये है कि क्या राहुल खुद से किया ये वादा पूरा कर पाएंगे या नहीं

1- इस बार बीजेपी नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना है. ऐसा इसलिए क्योंकि मध्य प्रदेश वाले चाचा ने कहा है कि "राहुल अगर तुमने उन्होंने पीएम को हरा लिया तो समझो पूरी बीजेपी को हरा लिया.

2- 2018 में 8 राज्यों में चुनाव हैं तो कम से कम 3 राज्यों में चुनाव जीतने हैं. इसकी वजह उन्होंने कपिल सिब्बल साहब को बताई है. राहुल ने कुरते के कलर में लगे झड़े हुए बाल को झाड़कर कपिल से कहा है कि अबकी गुजरात चुनाव में किसी पंडीत जी ने उनसे कहा था कि 3 इस साल उनके लिए अनलकी नंबर है और वो जितना हो इस नंबर से दूर रहें. इसी के मद्देनजर अगर वो तीन के तिगाड़े से बीजेपी का काम बिगाड़ पे तो 60 साला पुरानी कोंग्रेस पार्टी को बल मिलेगा और आगे पार्टी 4, 5,या 6 राज्य जीतकर शनि की साढ़े साती दूर करेगी.

3- राहुल का तीसरा रेज़ोल्यूशन समय को बर्बाद होने से बचाना और कुछ प्रोग्रेसिव करना है. ज्ञात हो कि राहुल अब तक छोटा भीम और पोगो देख रहे थे अब वो शिनचैन, निंजा हथौरी और पोकेमॉन देखेंगे और जानने का प्रयास करेंगे कि चीन और जापान तकनीक के लिहाज से कहां और कैसे हमसे आगे हैं.

4- राहुल का चौथा रेज़ोल्यूशन बहुत कम्युनल हैं. अब राहुल किसी भी दलित और मुसलमान के घर खाना नहीं खाएंगे ऐसा इसलिए क्योंकि इटेलियन ब्रेकफास्ट के बाद इंडियन खाना खाने से उनका डाइजेशन प्रभावित हो रहा है और वो फ्रेश नहीं महसूस कर पा रहे हैं. इसके अलावा इन सब चीजों के चलते उन्हें घर के बेसमेंट में बने जिम में ट्रेडमिल पर 1 घंटा एक्स्ट्रा भागना पड़ रहा है.

5- गरीब के घर जाने के बाद या फिर खेतों में काम करते हुए किसान से मिलने पर इस बार सफ़ेद कुर्ता और नए जूते पहन के नहीं जाना है. ऐसा इसलिए क्योंकि लौंड्री वाले ने साफ कह दिया है कि उसे इनके कुर्ते धुलने में अतिरिक्त मेहनत और एक्स्ट्रा साबुन लगाना पड़ता है और जीएसटी के बाद साबुन महंगा हो गया है तो अब आगे ये "कुर्ते धुल न पाएंगे"

बहरहाल, राहुल के इस रेज़ोल्यूशन पर बीजीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि "न, राहुल गांधी से ये सब तो बिल्कुल न हो पाएगा" वहीं गिरिराज सिंह ने विमल के दाने-दाने से केसर निकलते हुए कहा है कि "मोदी ने जो कहते हैं वो करते हैं और जो नहीं कहते उसे जरूर करते हैं. राहुल मोदी को हराना चाहते हैं इसपर गिरिराज जे ने अंग्रेजी में बोलते हुए कहा कि "दिस इज नॉट चिन्ड्रन्स प्ले, इट इज अंडरटेकर प्ले, आई विश राहुल ऑल द वेरी बेस्ट ताकि वो मोदी जी को हरा दें".

अंत में इतना ही कि अब हमें भी इन्तेजार है ये देखने का कि राहुल गांधी अपने द्वारा लिए गए न्यू ईयर रेज़ोल्यूशन पूरे करते हैं या फिर ये यूं ही दिल को बहलाने वाला ग़ालिब का ख्याल है.

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बस, यही इच्छा कि 2018 के प्रवेश द्वार पर ये द्वारपाल न हों!

मोदी राज में ये होने चाहिए New Year Resolution..

    

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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