गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव हारने के बाद योगी - मोदी का अनूठा विमर्श
गोरखपुर - फूलपुर उपचुनाव में हार भाजपा के लिए बड़ा झटका लग रही है. बीजेपी में जहां हर बात पर चर्चा और विचार-विमर्श होता है तो क्या इस बात पर मोदी और योगी के बीच ऐसा संभव नहीं है ? कल्पना एक ऐसे ही संवाद की...
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हार बाजी में जीत की आस लगाए बैठे भाजपा समर्थकों को गोरखपुर और फूलपुर के उप चुनाव का परिणाम गले नहीं उतर रहा है. बसपा के साथ गठबंधन कर सपा ने वो कर दिखाया जिसकी उम्मीद शायद ही उन्हें भी न हो. बीजेपी फूलपुर की हार को पचाने का मद्दा रखती है, लेकिन गोरखपुर किसी दुर्ग गंवाने की तरह है. गोरखपुर की सीट जहां स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की थी तो वहीं फूलपुर की सीट राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की थी.
अब बीजेपी वो पार्टी है, जहां प्रधानमंत्री से लेकर बूथ लेवल तक कार्यकर्ताओं के लिए जिम्मेदारी का बंटवारा होता है. हर बात पर सोच-विचार और समीक्षा होती है. तो क्या गोरखपुर का नतीजा आने के बाद ऐसा नहीं होगा ? खैर, जब होगा तब होगा. एक कयास तो लगाया ही जा सकता है कि यदि बीजेपी की राजनीति के दो महारथी आपस में मिलेंगे तो उनके बीच कैसी बातचीत होगी. संदर्भ गोरखपुर का है. और चर्चारत हैं मोदी और योगी...
योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी इसी पशोपेश में हैं कि इस हार का असल कारण क्या है और किन बिन्दुओं पर उनसे चूक हुई
बात आगे बढ़ाने से पहले यहां ये बताना बेहद ज़रूरी है कि इस लेख के संवाद काल्पनिक हैं. किसी के आहत होने के जिम्मेदार न तो हम हैं, न यूपीके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और न ही पीएम मोदी. चूंकि मामला कोरी कल्पना का है अतः अब जब आप आहत हो ही रहे हैं तो हमने भी मान लिया है कि ये आपका निजी फैसला है.
पीएम मोदी - बताइए योगी जी चूक कहां हुई?
योगी आदित्यनाथ - श्रीमान! हमने प्रयास पूरा किया था. सारे भाषण टाइम टू टाइम डिलीवर किये, लोगों की भावना के साथ भी खेला, उन्हें इतिहास याद दिलाया, भूगोल से परिचित करवाया, तमाम तरह के प्रलोभन दिए, एनकाउंटर पर एनकाउंटर किये मगर लोगों ने हमसे ऑक्सीजन और रोजगार का बदला लिया है. हम न तो अपने मरीजों को ऑक्सीजन ही दे पाए, न ही रोजगार.
पीएम मोदी (गंभीर मुद्रा में) मिस्टर आदित्यनाथ ! अगर मगर से काम नहीं चलेगा. साफ-साफ बात करिए.
योगी आदित्यनाथ - श्रीमान मुझे इस हार में ईवीएम का दोष लग रहा है. मुझे महसूस हो रहा है कि इस बार ईवीएम सच में खराब थी और नतीजा ये निकला कि हम अपनी सीटें गंवा बैठे.
पीएम मोदी - मिस्टर योगी, देखिये आप एक बात पर रहिये. कभी आप इस हार के लिए दोषी ऑक्सीजन को मान रहे हैं कभी रोज़गार को और अब आपने सारा दोष ईवीएम पर रख दिया है. पीएम मोदी कुछ आगे बोलते इससे पहले ही योगी आदित्यनाथ ने उनकी बात काट दी.
योगी आदित्यनाथ - नहीं श्रीमान, मुझे लग रहा है कि सच में भगवान श्री राम हमसे नाराज हैं. इस बार बात काटने की बारी पीएम मोदी की थी "अजीब हाल है. अरे भाई, आप कुछ साफ साफ बता भी नहीं रहे कभी कुछ कभी कुछ आप साफ-साफ जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं?
योगी आदित्यनाथ - श्रीमान (कुछ देर की लम्बी चुप्पी उसके बाद) मुझे लग रहा है कि कर्नाटक और त्रिपुरा के चक्कर में मैं यहां काम नहीं कर पाया. वैसे मुझे कहना तो नहीं चाहिए मगर इस हार में थोड़ा बहुत दोष तो आपका भी है. जहां भी चुनाव होने वाले होते हैं आप मुझे स्टार प्रचारक बनाकर भेज देते हैं.
पीएम मोदी - यानी आप ये कहना चाह रहे हैं कि इस हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं ?
उप चुनावों के परिणाम देखकर ये कहना गलत नहीं है कि ये हार भाजपा के लिए एक शर्मनाक हार है
योगी आदित्यनाथ - अरे नहीं श्रीमान मेरी ये मजाल जो मैं ऐसा कहूंगा.. असल में इस हार के जिम्मेदार पूर्व समाजवादी और वर्तमान भाजपाई नरेश अग्रवाल हैं. सुना है कि वो जहां भी जाते हैं, ऐसा ही हाल देखने को मिलता है. मैंने डायरी में नोट किया है. अगली मीटिंग में मैं आपको डायरी दूंगा आप खुद देख लीजियेगा.
पीएम मोदी - मिस्टर योगी आदित्यनाथ आपकी बातें और तर्क गोल-गोल हैं. आपने जो भी कहा है न, उससे मुझे कुछ समझ में नहीं आया है और मेरा कन्फ्यूजन बढ़ गया है. एक काम करिए. आप इस हार की एक डिटेल रिपोर्ट बनाइये और उसे मुझे मेल करिए और हां अभी कर्नाटक चुनावों के मद्देनजर कई मौकों पर हमारी भेंट होगी. ध्यान रहे जब भी आप मुझे मिलें इस रिपोर्ट का पीडीएफ आपके मोबाइल में हो ताकि हमें ये पता चल सके कि क्यों बड़ा बेआबरू करके हमें जनता ने गोरखपुर और फूलपुर के कूंचे से निकाला
योगी आदित्यनाथ - जी श्रीमान. जैसा आपका आदेश! अच्छा चलता हूं. दुआओं में याद रखियेगा.
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