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Updated: 24 मार्च, 2021 02:04 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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सात समंदर पार परदेस में रहते हुए भी बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा अक्सर अपने देश हिन्दुस्तान में सुर्खियों में बनी रहती हैं. हालही में उनकी बायोग्राफी (Priyanka Chopra Biography) 'अनफिनिश्ड' (Unfinished: A Memoir) रिलीज हुई, जिसमें कई तरह के खुलासे किए गए हैं. इस किताब को लेकर अमेरिका की मशहूर टीवी होस्ट ओपरा विनफ्रे को दिए एक इंटरव्यू में प्रियंका ने बताया कि बचपन में उनके जीवन पर हिंदू, इस्लाम और क्रिश्चियन तीनों धर्मों का असर रहा है. वो जन्म से हिंदू हैं. हिंदू धर्म के अनुसार अपने घर के मंदिर में पूजा करती हैं. इसके साथ ही वे कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ी हैं, जहां क्रिश्चियन प्रेयर होती थी. उनके पिता मस्जिद में गाने जाया करते थे, इसलिए उन्हें इस्लाम के बारे में भी पता है.

untitled-1-650_032221070437.jpgबॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की धार्मिक टिप्पणी के बाद लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं.

'सर्वधर्म समभाव' से जुड़ी प्रियंका चोपड़ा की ये टिप्पणी बहुत से लोगों के गले नहीं उतर रही है. उनका बयान आते ही सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे हैं. प्रियंका से तरह-तरह के सवाल पूछने लगे हैं. एक यूजर ने पूछा, 'मस्जिदों में गाने की इजाजत होती है? प्रियंका के पिता जिस मस्जिद में गाना गाया करते थे, मुझे उस मस्जिद का नाम बता दो प्लीज.' दूसरे यूजर ने पूछा, 'प्रियंका के पिता मस्जिद में कैसे गा सकते थे, क्योंकि वहां तो केवल 'अजान' गाई जाती है'. इस तरह लोग एक्ट्रेस की बातों की गंभीरता को समझे बिना उनका लगातार मजाक उड़ा रहे हैं. सही मायने में ये लोगों का दोष नहीं है, बल्कि आज के परिवेश का दोष है. इस वक्त अपने देश में धार्मिक कट्टरता इस कदर बढ़ गई है कि लोग 'सर्वधर्म समभाव' नहीं समझ सकते हैं.

अपने देश में एक लकीर खींच दी गई है. इसके दोनों तरफ रहने वाले लोग धार्मिक कट्टरता की ऐसी पट्टी अपनी आंखों पर बांधे हुए हैं कि उन्हें सबकुछ 'भगवा' या 'हरा' नजर आता है. सोशल मीडिया के इस जमाने में धार्मिक कट्टरता और ज्यादा बढ़ी है. साल 2014 के बाद कट्टरता और कड़ी हुई है. दरअसल केंद्र में स्थित मोदी सरकार को धर्म विशेष के चश्मे से देखा जाता रहा है. कुछ लोगों को लगता है कि मोदी के आने के बाद उनका धर्म खतरे पड़ गया है. वहीं दूसरे तरह के लोगों को लगता है कि मोदी के रहने से हिन्दू धर्म सुरक्षित है. हालांकि, कोई भी सरकार कभी साम्प्रदायिकता को बढ़ावा नहीं देती, लेकिन कुछ लोग कई बार अपने अनुकूल सरकार को मानकर उस तरह की हरकतें करने लगती है. ऐसा ही इस वक्त अपने देश में हो रहा है.

इसी इंटरव्यू में प्रियंका चोपड़ा ने धर्म पर एक बात और कही, जो उनकी गहरी सोच को प्रकट करता है. प्रियंका ने कहा, 'मेरे पिताजी मुझसे कहते थे कि धर्म सर्वोच्च शक्ति तक पहुंचने का एक रास्ता है. हर धर्म का एक चेहरा होता है. सभी एक ही दिशा में जा रहे होते हैं. वो कहते थे कि भले ही चेहरा कोई भी हो, रास्ता सभी का एक ही है.' सच तो कहा प्रियंका ने, ईश्वर एक है, उसके रूप अनेक हैं. कहीं ईश्वर, तो कहीं अल्लाह, तो कहीं ईशू, तो कहीं गुरु, अलग-अलग रूपों में उस दिव्य शक्ति की पूजा या इबादत की जाती है, जिसमें जिसकी जैसी आस्था होती है. ईश्वर के अनेक रूप होते हुए भी वह अपने मानने वालों से एक सा प्रेम करता है और दुःख-सुख तो मनुष्य सिर्फ अपने कर्मों के अनुसार ही भोगता है. सत्य परम तत्व है और वह ईश्वर है.

'ईश्वर अल्लाह तेरे नाम, सबको सन्मति दे भगवान; सबको सन्मति दे भगवान, सारा जग तेरी संतान; इस धरती पर बसने वाले, सब हैं तेरी गोद के पाले; कोई नीच ना कोई महान, सबको सन्मति दे भगवान'. साल 1970 में आई फिल्म नया रास्ता के इस गीत को जरा ध्यान से पढ़िए, संभव हो सके तो सुनिए, इसका मर्म समझिए. आपको पता चल जाएगा कि जिस धार्मिक कट्टरता की वजह से कुछ लोग अपनों का ही खून बहा देते हैं. एक-दूसरे के लिए अपने मन में नफरत रखते हैं. वैसी न तो कोई 'सत्ता' है, न ही 'स्वरूप'. सब सियासी साजिश का नतीजा है, जिसके चंगुल में फंसकर भोले-भाले लोग महजबी रंग में रंग जाते हैं. रोजी-रोटी की चिंता छोड़ राजनेताओं का निवाला बन जाते हैं. हमें प्रियंका चोपड़ा की ऐसी सकारात्मक सोच को सलाम करना चाहिए.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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