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Updated: 24 जून, 2021 06:55 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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सुपरहीरो के रूप में रितिक रोशन का डेब्यू 15 साल पहले होम प्रोडक्शन की मूवी "कोई मिल गया" के जरिए हुआ था. ये एक कमाल की फिल्म थी जिसका निर्देशन खुद उनके पिता राकेश रोशन ने किया था. एलियन और साइंस के बीच एक मंदबुद्धि के बच्चे रोहित की भावुक कहानी ने दर्शकों का दिल जीत लिया था. रितिक के अपोजिट प्रीती जिंटा थीं. कोई मिल गया अपने समय की म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर थी. फिल्म को इतनी कामयाबी मिली कि राकेश रोशन ने बेटे के साथ इसके दो और पार्ट बनाए- कृष और कृष 3. दोनों पार्ट भी हिट रहे और बॉलीवुड को उसकी साई फाई फ्रेंचाइजी मिली. साथ ही रितिक इंडियन सुपरहीरो बने. प्रियंका चोपड़ा और कंगना रनौत के साथ रितिक की कृष 3 साल 2013 में आई थी. रितिक ने कृष 4 भी अनाउंस कर दिया है.

वैसे राकेश रोशन एक्शन-थ्रिलर "वार" के बाद ही कोई मिल गया के चौथे पार्ट यानी कृष 4 पर काम करना चाहते थे. मगर पहले कैंसर की बीमारी से जूझने और बाद में कोरोना महामारी की लहर ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. जिंदगी महामारी से निकलती दिख रही है. बाकी डिटेल तो सामने नहीं है मगर रितिक ने एक वीडियो के जरिए कृष 4 को बनाने जाने का साफ़ इशारा कर दिया है. उम्मीद है कि हिंदी सिनेमा के "परंपराग्रस्त" दर्शकों को उसकी रुचियों में एक और बेहतरीन साई फाई कहानी देखने को मिले.

रितिक के फ्रेंचाइजी की खासियत ही यही है कि साइंस फिक्शन मूवी होने के बावजूद बॉलीवुड दर्शकों के टेस्ट का खूब ध्यान रखा गया. फिल्म में सुपरहीरो है, लेकिन उसकी मां डरी हुई है. छिपकर रहती है. उसकी प्रेमिका है और उसके परिवार और मानवता का दुश्मन विलेन है. एक्शन रोमांस के साथ नाच-गाना और खूब सारा अच्छा म्यूजिक भी है. ये वो खासियतें हैं जो बॉलीवुड साइंस फिक्शन को इस थीम में दुनिया से अलग कर देती हैं. हॉलीवुड या दूसरे मुल्कों में साइंस फिक्शन पर जमकर काम होता है, मगर उनकी कहानी में मानवीय भावुकता की दूसरी चीजों को ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती है जैसे बॉलीवुड में.

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बॉलीवुड की साइंस फिक्शन फिल्मों को देखें तो जिसने भी फ़ॉर्मूले से अलग हटने की कोशिश की उसे नाकामयाबी मिली. भले ही प्रोजेक्ट भारी-भरकम बजट या स्टारकास्ट वाले रहे हों. फिल्मकार इस विषय को हाथ लगाने से बचते रहे हैं. लेकिन रितिक की फ्रेंचाइजी को इस बात का श्रेय भी दिया जा सकता है कि मनोरंजन और कामयाबी के जरिए साइंस फिक्शन फिल्मों को लेकर धारणा टूटी. राकेश रोशन ने साई फाई कहानी में हमेशा दर्शकों की नब्ज पकड़कर ही काम किया. हर बार बेहतरीन नतीजे निकले.

आइए बॉलीवुड में बनी कुछ चर्चित साई फाई फिल्मों का हाल और दर्शकों ने उन्हें कैसे लिया जानते हैं:-

पीके (2014)

आमिर खान, अनुष्का शर्मा, सौरभ शुक्ला और सुशांत सिंह राजपूत स्टारर पीके राजकुमार हिरानी की फिल्म है. एक एलियन धरती पर भटक गया है, परिस्थितियां उसे धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बनाकर पैसा कमाने वाले लालची धर्मगुरु तक पहुंचा देती हैं. अपने ग्रह जाने की जद्दोजहद में लगा एलियन धार्मिक रूढ़ियों और उसे तार्किक बनाने वाली झूठी कहानियों का पर्दाफ़ाश करता है. फिल्म में धर्म के रुढ़िवादी ढांचे पर तीखा व्यंग्य किया गया है. पीके बेहद कामयाब हुई थी. ओवरसीज मार्केट में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली छठी भारतीय फिल्म है.

मिस्टर इंडिया (1987)

शेखर कपूर के निर्देशन में आई फिल्म अपने दौर में दूसरी सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म थी. इसमें अनिल कपूर, श्रीदेवी, और अमरीश पुरी मुख्य भूमिकाओं में नजर आए थे. फिल्म की कहानी एक युवा अरुण वर्मा की है जिसके पिता वैज्ञानिक थे लेकिन उनकी मौत हो चुकी है. अरुण घर में गरीब बेसहारा बच्चों को लेकर रहता है. हालांकि उन्हें पालने-पोसने में बुरी तरह से संघर्ष कर रहा है. घर के एक हिस्से में युवा पत्रकार (श्रीदेवी) किराए पर रहती है. अनाथ आश्रम की जगह पर मोगैम्बो के गुंडों की नजर है. कमजोर अरुण को समाज में व्याप्त तमाम चीजों से शिकायत है मगर कुछ नहीं कर पाता. लेकिन एक दिन पिता के दोस्त के जरिए वह उनके द्वारा बनाए उस गैजेट को हासिल कर लेता है जिसे पहनते ही कोई आदमी गायब हो सकता. गैजेट पाते ही अरुण मिस्टर इंडिया बनकर समाज में व्याप्त बुराइयों को ख़त्म करने के मिशन में लग जाता है और मोगैम्बो के साम्राज्य का अंत कर देता है.

मिस्टर एक्स इन बॉम्बे (1964)

इस फिल्म का निर्देशन शांतिलाल सोनी ने किया था. किशोर कुमार, कुमकुम और मदन पुरी अहम भूमिकाओं में थे. फिल्म में कुमकुम के पिता एक वैज्ञानिक हैं. रिसर्च के दौरान उनके प्रयोग से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. मदन पुरी इसी मौत के बहाने उन्हें ब्लैकमेल करते हैं और बेटी की शादी का दबाव डालते हैं. पिता को मजबूरन तैयार होना पड़ता है. इस बीच कुमकुम की मुलाक़ात कवि (किशोर कुमार) से होती है. दोनों एक-दूसरे को चाहने लगते हैं. किशोर कुमार शादी का प्रस्ताव देते हैं और शादी ना होने की स्थिति में आत्महत्या कर लेने की बात कहते हैं. कुमकुम मदनपुरी की वजह से इनकार कर देती हैं. बाद में उन्हें किशोर कुमार की आवाजें सुनाई देती हैं. किशोर दिखते नहीं हैं मगर उनकी आवाज आती है. तमाम घटनाओं के बाद किशोर और कुमकुम मिल जाते हैं. किशोर कुमार, कुमकुम के पिता की वैज्ञानिक मदद से ही गायब होते हैं और मदन के गलत मंसूबों का अंत करते हैं. मेरे महबूब क़यामत होगी... इसी फिल्म का लोकप्रिय गाना है. फिल्म को उस जमाने में खूब पसंद किया गया था.

एक्शन रिप्ले (2010)

अक्षय कुमार-ऐश्वर्या रॉय स्टारर साई फाई रोमांटिक कॉमेडी का निर्देशन विपुल शाह ने किया था. फिल्म दो ऐसे पति पत्नियों की कहानी है जिनकी शादीशुदा जिंदगी में आए दिन छोटी-मोटी चीजों को लेकर झगड़े होते हैं. उनका बेटा परेशान है और 35 सालगिरह पर तय करता है कि टाइम मशीन के जरिए उनकी जिंदगी में पीछे जाकर कुछ चीजों को फिर से सेट करेगा. टाइम मशीन की मदद से वो ऐसा ही करता है और फिर शुरू होती है माता-पिता के जीवन में बीत गई घटनाओं का दोहराव. इस दौरान बेटा माता-पिता की जिंदगी में प्यार घोलने की कामयाब कोशिश कर लेता है. फिल्म औसत थी.

रा. वन (2011)

शाहरुख खान करीना कपूर स्टारर फिल्म की खूब चर्चा हुई थी. इसका निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया था. फिल्म की कहानी एक गेम डेवलपर (शाहरुख खान) की है जो एक ऐसा गेम बना लेता है जिसमें विलेन, हीरो से भी ज्यादा ताकतवर है. गेम लॉन्च होने के बाद खूब सराहना मिलती है, मगर शाहरुख के बेटे की वजह से विलेन गेम से निकलकर असल दुनिया में आ जाता है. बेटे को बचाने के लिए विलेन के हाथों शाहरुख मारे जाते हैं. इसके बाद गेम का हीरो भी असल दुनिया में आता है और गेम डेवलपर की पत्नी (करीना कपूर) और बच्चों को विलेन के हाथों बचाता है. फिल्म को भारी-भरकम बजट में बनी थी. लेकिन बॉक्स ऑफिस पर लोगों को शाहरुख खान का सुपरहीरो अवतार ज्यादा पसंद नहीं आया. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म औसत कामयाब हुई.

इन फिल्मों के अलावा लव स्टोरी 2050, कॉर्बन: द स्टोरी ऑफ़ टूमारो और आ देखें जरा जैसी कुछ और साई फाई फ़िल्में बनीं मगर दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम रहीं और बॉक्स ऑफिस पर इनका बुरा हश्र हुआ.

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लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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