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Updated: 27 नवम्बर, 2021 10:03 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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लड़की देखी मुंह से सीटी बजी हाथ से ताली.... गाने के बोल कुछ याद दिला रहे होंगे. सही समझें. गाना अक्षय कुमार और सैफ अली खान की फिल्म मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी का ही है. यह फिल्म 27 साल पहले साल 1994 में आई थी. अक्षय-सैफ की फिल्म के जिक्र का यहां कोई तुक नहीं है, मगर आज एक एक संदर्भ में हमारी कहानी का छोटा सा बैकग्राउंडर उससे जुदा है. बैकग्राउंडर का कनेक्शन भारतीय सिनेमा खासकर बॉलीवुड में नायक-नायिकाओं के बीच उम्र के अंतर की बहस से भी जुड़ती है. पिछले दिनों अक्षय की फिल्म पृथ्वीराज का टीजर आने के बाद मानुषी छिल्लर के साथ उनकी उम्र के अंतर पर खूब सवाल किए गए.

पृथ्वीराज का मामला अभी ज्यादा पुराना नहीं है. इस बीच आनंद एल रॉय के निर्देशन में अक्षय की एक और फिल्म अतरंगी रे का ट्रेलर सामने आ गया. फिल्म की कहानी रोमांटिक ट्राएंगल पर आधारित है. इसमें अक्षय के साथ धनुष और साराअली खान भी हैं. अक्षय के किरदार का नाम सज्जाद है जो शादीशुदा रिंकू रघुवंशी (सारा अली खान) के साथ रोमांस करते दिख रहे हैं. सोशल मीडिया पर फिल्म में दोनों सितारों की केमिस्ट्री और उनके उम्र के अंतर के बीच को लेकर कुछ कमेंट्स पर शायद आपकी भी नजर गई हो. सारा को अक्षय की बेटी की उम्र का बताया जा रहा है. सारा, सैफ अली खान की बेटी हैं. ऊपर अक्षय और सैफ की जिस मसाला एंटरटेनर का जिक्र हुआ उसमें अक्षय और सैफ की जोड़ी थी.

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फिल्म की कहानी यह थी कि अक्षय शहर मशहूर सुपरकॉप हैं और सैफ बॉलीवुड के रोमांटिक एक्टर. मगर सैफ रोमांटिक छवि से बोर हो चुके हैं इससे बाहर आना चाहते हैं. इसी बीच कुछ घटनाएं होती हैं और सैफ की मुलाक़ात अक्षय से हो जाती है. सैफ पर पुलिस की वर्दी में दिख रहे अक्षय का रौब जम जाता है. सैफ, अक्षय को कॉपी करने लगते हैं. इस बीच सैफ को अक्षय के घर में आने का मौका मिलता है और इसी दौरान उनकी बहन से दिल लगा बैठते हैं. हालांकि बहन के साथ सैफ का रिश्ता अक्षय को असहज करता है. यह उपकथा उस फिल्म की केंद्रीय कहानी का एक हिस्सा भर है. खैर, आते हैं अतरंगी पर. सैफ अक्षय की यह फिल्म जब आई थी उस वक्त सारा अली खान का जन्म भी नहीं हुआ था.

अब वही सारा अक्षय के साथ रोमांस कर रही हैं. पहली बात ये कि कलाकारों के लिए यह एक सामान्य घटना है. हमारे यहां फिल्मों और असल जिंदगी का घालमेल कई बार इतना ज्यादा हो जाता है कि ये असामान्य घटना लगने लगती है. जिन्हें इस तरह की चीजें असामान्य नजर आ रही हैं यह उनकी निजी दिक्कत है. यह व्यावहारिक या नैतिक रूप से बिल्कुल कोई बुरी चीज नहीं है. एक्टर्स को मालूम है कि वे महज एक एक्ट का हिस्सा भर हैं. वैसे असल जीवन में भी उम्र के में अंतर वाले जो रिश्ते दिखते हैं वह भी संबंधित की निजी पसंद का मसला है. अगर उन्हें दिक्कत नहीं तो तीसरे को दिमाग खपाने और राय बनाने की जरूरत ही क्यों? हां उम्र के अंतर में अगर रिश्ते थोपे जाए तो बात जरूर बहस के दायरे में आनी चाहिए, अन्यथा नहीं.  

दरअसल, हो ये रहा है कि फिल्मों में उम्रदराज सितारों के अपोजिट नायिकाओं की कास्टिंग को लेकर बहसें पिछले कुछ सालों में तब दिखाई पड़ती हैं जब अक्षय, अजय देवगन, आमिर खान, शाहरुख खान या सलमान खान की फ़िल्में रिलीज होने को होती हैं. यह बेतुका सवाल है. अगर उम्र के बड़े अंतर के बावजूद नायक-नायिका दर्शकों का मनोरंजन कर ले जा रहे हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं. हां यह तब मजाक लगता है जब कोई 50 या 54 साल का नायक जबरदस्ती 30 का दिखाया जाता है जबकि वो परदे पर किसी भी एंगल से 30 का दिखता ही नहीं. पर क्या करें? बॉलीवुड या भारतीय सिनेमा का सक्सेस मन्त्र और संस्कृति अलग है. यहां चीजें स्टारपावर से तय होती हैं. फिल्म तो आमिर, अक्षय, शाहरुख या सलमान की वजह से बिक रही हैं. रोमांस फिल्मों का एक जरूरी पार्ट है.

और इन सितारों की फिल्मों का विषय क्या है? रोमांस, एक्शन, कॉमेडी. वे घोषित तौर पर ऐसी कहानियां नहीं कर रहे जिसमें एक उम्रदराज पुरुष और युवा लड़की के बीच प्रेम दिखाया जा रहा हो. जहां फिल्म का विषय यही होता है वहां ऐसी फ़िल्मी जोड़ियां अटपटी नहीं दिखती. जैसे अजय देवगन, शाहरुख और सैफ अली खान ने कुछ फ़िल्में की हैं जिसकी कहानी का केंद्र ही उम्रदराज नायक और नायिका का प्रेम या फ्लर्ट है. दूसरी बात ये कि जिन सितारों का जिक्र किया गया है उनकी हमउम्र नायिकाएं अब लीड हीरोइन के तौर पर संन्यास ले चुकी हैं. बॉक्स ऑफिस का चरित्र ही ऐसा है कि यहां पुरुषों का राज दिखता है. बहुत हद तक आज भी है. नायिकाएं फिल्मों का ग्लैमर पार्ट भर रही हैं. उनका इस्तेमाल हमेशा ग्लैमर बढाने के लिए ही हुआ है. यही वजह है कि एक उम्र के बाद  नायिकाओं को हीरोइन के तौर पर रिटायर होना पड़ता है. क्योंकि नायिकाओं के लिए बॉलीवुड की कहानियां नहीं बदलतीं. बदली हैं तो नामा मात्र. यह बड़ा सत्य है.

अब सवाल है कि नायिकाएं जब एक उम्र में रिटायर हो जा रही हैं तो "युवाओं की रोमांटिक कहानियों" में नजर आने वाले बूढ़े नायकों के अपोजिट किस एजग्रुप की नायिकाएं कास्ट होंगी? स्वाभाविक है कि अक्षय, सलमान, शाहरुख आदि के अपोजिट मानुषी छिल्लर, सारा अली खान, आलिया भट्ट, कृति सेनन जैसी उपलब्ध नायिकाओं को ही लिया जाएगा. हीरो इसलिए नहीं बदले जा सकते कि फ़िल्में उनके चेहरे से बिकने का दावा है. कहानी भी आमतौर पर नहीं बदली जा सकती. भला कौन निर्माता करोड़ों लगाकर नई कहानियों का जोखिम उठाने को तैयार होगा.

तो ऐसी बहसें बेकार हैं. सिनेमा देखिए. और यह मानकर देखिए कि आपका हीरो जिस किरदार में दिख रहा है हकीकत में वही है. भले ही वो वैसा ना दिखता हो. मानने में टैक्स नहीं लगता. उम्र के अंतर की बहस बेमानी है.

लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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