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Updated: 13 अक्टूबर, 2017 10:17 PM
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प्लेन में यात्रा करने वालों का अलग ही स्वैग होता है. एयरपोर्ट वाला चेकइन डालने से लेकर बादल वाली फोटो तक सब कुछ एकदम सही क्रम में किया जाता है. इस बीच फ्लाइट के क्रू के भी अपने अलग सीक्रेट होते हैं. कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जो यात्रियों से छुपाकर रखी जाती हैं. कौन सी बातें? चलिए जानते हैं...

1. अलग होता है खाना...

पायलट को अलग खाना दिया जाता है. उस खाने को कई बार टेस्ट भी किया जाता है. कारण ये है कि पैसेंजर्स को दिया जाने वाला खाना अगर खराब हो भी जाए या फिर कोई बीमार भी पड़ जाए तो भी पायलट को कुछ न हो.

प्लेन, पायलट, सोशल मीडिया

2. पायलट नहीं बताते खतरे की बात...

पायलट कभी खतरे की बात सामने नहीं लाते हैं. मसलन अगर जीरो विजिबिलिटी है और सामने कुछ नहीं दिख रहा तो अनाउंसमेंट किया जाएगा कि हल्का कोहरा है. प्लेन में तकनीकी गड़बड़ी है और प्लेन झटके लेगा का मतलब है कि प्लेन में कुछ टूट गया है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि पैसेंजर्स किसी भी हाल में घबराएं नहीं.

3. प्लेन में जब तक आप हैं तब तक एक्सिडेंट का खतरा है...

सिर्फ टेक ऑफ और लैंडिंग के समय ही पैसेंजर्स खतरे में नहीं रहते. अगर जरा सी रेडियो सिग्नल में गड़बड़ हो गई तो लैंडिंग के बाद या टेकऑफ के पहले भी लोगों की जान जा सकती है. दुनिया का सबसे खतरनाक प्लेनएक्सिडेंट रनवे पर हुआ था. स्पेन के टेनेराइफ में ये हादसा हुआ था जब 500 लोगों की मौत दो प्लेन आपस में टकराने से हो गई थी.

4. प्लेन का पानी पीना खतरनाक...

प्लेन में अगर कोई पानी की बॉटल दी जाती है तो ठीक है, लेकिन अगर नल का पानी दिया जाता है तो ऐसा भी हो सकता है कि वो दूषित हो. प्लेन में बाथरूम का पाइप और पानी का पाइप काफी नजदीक होता है. ऐसे में पानी के दूषित होने की उम्मीद घर के पानी की तुलना में काफी ज्यादा होती है.

5. ऑक्सीजन मास्क सिर्फ 15 मिनट चलेगा...

सोचकर डर लगा? ऑक्सीजन मास्ट सिर्फ 15 मिनट के लिए होता है और अगर प्लेन में ऑक्सीजन की कमी हुई तो यकीन मानिए इसके जल्दी ठीक न होने पर आपको दिक्कत होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि 15 मिनट में पायलट प्लेन को सही ऊंचाई पर ले आएगा जहां से पैसेंजर्स को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

6. सफाई...

अगर आपको लगता है कि प्लेन में इयरफोन आपको मिले हैं और वो प्लास्टिक से कवर किए हुए हैं तो वो साफ ही होंगे, सीट, इयरफोन, खाना रखने वाली ट्रे आदि जगह साफ नहीं होती. अक्सर प्लेन को दूसरी फ्लाइट के लिए तैयार करना पड़ता है ऐसे में ये भी हो सकता है कि किसी का इस्तेमाल किया हुआ इयरफोन यूज कर आपको इन्फेक्शन हो जाए.

प्लेन, पायलट, सोशल मीडिया

7. बिजली गिरी...

साल में कई बार किसी प्लेन पर बिजली गिर सकती है. उस समय प्लेन हिलने लगेगा और कुछ सेकंड में ही सब नॉर्मल हो जाएगा. प्लेन को ऐसे डिजाइन किया जाता है जिससे वो बिजली की मार झेल सके.

8. पानी में लैंडिंग...

हर बार प्लेन में जाने से पहले ये कहा जाता है कि पानी में उतरते समय अपनी सीट के नीचे दी हुई सुरक्षा जैकेट को पहन कर उसमें हवा भर लें. सबसे पहली बात तो पानी में लैंडिंग जैसी कोई चीज नहीं होती है. पानी में सिर्फ क्रैश ही होता है. ये इसलिए कहा जाता है ताकि पैसेंजर्स को किसी भी तरह का कोई

9. सोना...

सिर्फ आप ही फ्लाइट के समय नहीं सोते. पायलट भी सो सकते हैं. होता ये है कि आजकल कई फीचर्स प्लेन में ऑटोमैटिक हो गए हैं और इस कारण पायलट आसानी से सो सकते हैं.

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