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Updated: 24 फरवरी, 2017 01:58 PM
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साइंटिस्ट्स ने एक नए सौर मंडल को खोज निकाला है. इस सौर मंडल में 7 ग्रह हैं. वैज्ञानिकों ने इसके सूर्य को ट्रैपिस्ट-1 का नाम दिया है. इस सौर मंडल के ग्रह धरती से काफी मिलते-जुलते दिखाई देते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि यहां जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं. पूरी दुनिया देखने का लालच और सपनों की दुनिया बनाने वालों के लिए नासा ने एक और सपना ढूंढ निकाला है, जहां लोग अपनी सपनों की दुनिया बसा सकते हैं और वहां जाकर वैसे रह सकते हैं जैसा उन्होंने सपनों में सोचा होगा. नासा ने बताया है कि ये दुनिया कैसी दिखाई देगी...

जिसके बाद नासा ने वीडियो के जरिए बताया कि ग्रह में खड़े होंगे तो दुनिया कैसी नजर आएगी. इस वीडियो में आप देख सकेंगे कि सूरज और चांद साथ में नजर आ रहे हैं. क्लिक करके देखें 360 डिग्री व्यू...

लोग भी इन ग्रह पर रहने का सपना संजोने लगे हैं. कई बड़ी हस्तियां भी वहां रहने का विचार बना रहे हैं. ट्विटर पर ट्वीट करके इन लोगों ने ये इच्छा जाहिर की, जिसमें बॉलीवुड स्टार सुशांत सिंह राजपूत से लेकर बंगाल की लेखिका तस्लीमा नसरीन भी हैं...

आपको बता दें ये सोलर सिस्टम पृथ्वी से 39 लाइट ईयर्स (378 लाख करोड़ किमी) की दूरी पर है. साइंटिस्ट्स को इन ग्रह पर लाइफ का पता लगाने में 10 साल लग सकते हैं. आइए आपको बताते हैं वहां की दुनिया में ऐसा क्या है जो हमारी पृथ्वी पर नहीं है....

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7 में से 3 ग्रह में समुद्र!

नासा के मुताबिक, इनमें से तीन ग्रह में समुद्र भी है. इतना ही नहीं, इनका तापमान भी जीवन के अनुकूल है. यानी एलियन्स की मौजूदगी के पूरे आसार हैं.

सूरज होगा गुलाबी

यहां का सूर्य हमारे अपने सूर्य की तुलना में करीब 10 गुना बड़ा दिखेगा. इस सूर्य का रंग कुछ-कुछ सैमन मछली जैसी गुलाबी रंगत लिए हुए होगा. वैज्ञानिकों ने पहले सोचा था कि इसका रंग गहरा लाल होगा, लेकिन इस लाल रंग का अधिकांश हिस्सा इन्फ्रारेड होने के कारण यह दिखाई नहीं देता.

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ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र से 700 गुना ज्यादा चलेगा ट्रैपिस्ट-1

जब सूरज का ईंधन खत्म हो जाएगा, तब हमारी पृथ्वी भी खत्म हो जाएगी. लेकिन यह ग्रह मौजूद रहेगा. ट्रैपिस्ट में हाइड्रोजन गैस काफी धीमे जल रही है. यानी यह ब्रह्मांड की मौजूदा उम्र से 700 गुना ज्यादा चलेगा. ये सभी छोटे स्टार ट्रैपिस्ट-1 का चक्कर लगाते हैं. ट्रैपिस्ट हमारे ज्यूपिटर ग्रह से थोड़ा ही बड़ा है. इसकी रोशनी सूरज से 200 गुना कम है.

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एक ग्रह पर खड़े होकर देख सकेंगे दूसरा ग्रह

इन ग्रहों का नजारा देखने में बेहद शानदार होगा. एक-दूसरे के करीब होने के कारण अक्सर यहां दूसरे ग्रहों को देखा जा सकेगा, ये ऐसे ही दिखेंगे जैसे कि हमें अपने आकाश में चांद दिखता है.

उजाला कम और गर्मी ज्यादा

अगर कोई व्यक्ति इन सातों में से किसी ग्रह पर हो, तो उसे चीजें सामान्य से ज्यादा अंधेरी दिखेंगी. सूर्य से हमें जितनी रोशनी मिलती है, उससे करीब 200 गुना कम प्रकाश हमारी आंखों में जाएगा और इसीलिए यहां पर हमें कुछ-कुछ वैसा ही दिखेगा, जैसा कि अपनी धरती पर सूरज ढलने के समय दिखता है. इस अंधेरे के बावजूद, वहां का तापमान गर्म होगा. ऐसा इसलिए कि सूर्य की जितनी ऊर्जा धरती को गर्म करती है, करीब-करीब उतनी ही ऊर्जा इन 7 ग्रहों को भी मिलती है, लेकिन यह इंफ्रारेड लाइट होती हैं.

इन ग्रहों पर जीवन है या नहीं, इसके लिए वैज्ञानिक खोज में जुट गए हैं. आगे जाकर अगर ये खोज सक्सेसफुल रही तो आपकी सपनों की दुनिया के लिए ये परफेक्ट ऑप्शन हो सकता है.

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