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Updated: 22 अक्टूबर, 2016 04:39 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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हे राम! इस इंटरनेट और खासकर सोशल मीडिया में कुछ भी हो सकता है. हाल ही में फेसबुक ट्रांसलेटर टूल की एक बड़ी खामी सामने आई है. हिन्दी गाली 'मादर***' को ये टूल 'मुस्लिम' शब्द में ट्रांसलेट कर रहा है. अकेले भारत में ही फेसबुक के सैंकड़ों मुस्लिम यूजर्स होंगे ऐसे में क्या उनकी भावनाएं आहत नहीं हुई होंगी?

इस ट्वीट के बाद सामने आया ये सच...

पहले भी हुए हैं ऐसे किस्से...

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 ऐसे ही एक ट्रांसलेशन का स्कीनशॉट

कैसे होता है ये ट्रांसलेशन...

ये ट्रांसलेशन वालेंटियर्स की मदद से होता है. फेसबुक ट्रांसलेशन एप पर जाकर कोई भी ट्रांसलेटर बनने के लिए आवेदन दे सकता है. इसका मतलब अगर फेसबुक पर किसी ट्रांसलेटर ने इस तरह का काम किया है. इसमें किसकी गलती है ये तो पता नहीं लगाया जा सकता क्योंकि फेसबुक पर सैंकड़ों ट्रांसलेटर्स हैं जो ये काम रोज करते हैं.

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 ऐसे ही एक ट्रांसलेशन का स्क्रीन शॉट

कोई भी बन जाएगा ट्रांसलेटर...

फेसबुक के ट्रांसलेशन एप के जरिए कोई भी ट्रांसलेटर बन सकता है और ये काफी आसान तरीका है. अगर आपके पास कम्प्यूटर है और आपको इंग्लिश समझ आती है और फेसबुक पर आईडी है तो ट्रांसलेटर आप भी बन सकते हैं. आपको दो भाषाएं आनी चाहिए और इसमें से एक इंग्लिश होना जरूरी है. हो सकता है कि ये जो कुछ भी हुआ है वो किसी एक ट्रांसलेटर की वजह से हुआ हो, लेकिन इसके कारण लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस जरूर पहुंची होगी.

ये भी पढ़ें- हिन्दी पर बवाल क्यों?

कैसे मिलेगा ट्रांसलेशन एप...

ये एप इस लिंक पर क्लिक करने से मिल जाएगा. इसके अलावा, आप अपने फेसबुक पेज पर जाकर  https://www.facebook.com/translations

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फेसबुक ट्रांसलेशन एप की मदद से कोई भी बन सकता है ट्रांसलेटर

फेसबुक ट्रांसलेशन एप और "See translations" में क्या है अंतर?

ये दोनों भले ही काम एक जैसा करते हों पर ये दोनों अलग हैं. फेसबुक ट्रांसलेशन एप की मदद से आप भी खुद ट्रांसलेशन कर सकते हैं और "See translations" में सिर्फ दूसरों के किए गए ट्रांसलेशन ही दिखते हैं.

अब सुधार ली गई है गलती...

फेसबुक ने अब ये गलती सुधार ली है शायद. कम से कम अभी तो ये ट्रांसलेशन सही दिख रहा है. भले ही इसे सुधार लिया गया हो, लेकिन क्या आखिर इतनी बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट को कुछ सुरक्षा नियम नहीं बनाने चाहिए? कोई भी किसी भी तरह का ट्रांसलेशन कर देगा और इसकी वजह से कोई बड़ी घटना भी हो सकती है.

अगर आपको दिखे कोई ऐसा गलत अनुवाद तो क्या करें?

अगर आपको कोई ऐसा गलत ट्रांसलेशन दिख रहा है तो ट्रांसलेशन के बगल में दिख रहे फ्लैग यानी झंडे वाले आइकन पर क्लिक करें और उस ट्रांसलेशन की रिपोर्ट करें. इसके लिए आपको कारण भी चुनना होगा कि आखिर क्यों आप शिकायत कर रहे हैं. इसके बाद भी अगर फेसबुक पर खराब ट्रांसलेशन दिख रहा है तो ट्रांसलेटर कम्युनिटी पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

बिंग ने दिखाया कुछ अनोखा...

इसी चीज को चेक करने के लिए जब बिंग से ट्रांसलेशन किया गया तो बाकी शब्द तो सही-सही ट्रांसलेट हुए लेकिन इंग्लिश में मुसलमान लिखने पर 'भारत मां कि सेवा' लिखा दिखाई दिया. अब क्या ये भी किसी ट्रांसलेटर की गलती थी?

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 बिंग द्वारा किए गए ट्रांसलेशन का स्क्रीन शॉट

ट्रांसलेशन टूल में आप कोई भी सेंटेंस डालकर देखिए. कई बार उसमें अर्थ का अनर्थ हो जाता है. चाहे गूगल हो, बिंग हो या फेसबुक का ट्रांसलेशन सभी अपनी अलग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करते हैं और आपको सभी से अलग-अलग रिजल्ट मिलेंगे. अब अगर यही शब्द गूगल में देखा जाए तो इनका अनुवाद कुछ अलग होकर आएगा. मसला ये है कि इन सभी में अगर कोई ट्रांसलेशन गलत आता है तो किसी को दोष नहीं दिया जा सकता है. अगर गूगल सर्च की बात करें तो फेंकू या पप्पू सर्च करने पर नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी सामने आते हैं. गूगल सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने वाली चीजों को भी इंडेक्स में जोड़ लेता है और इसके कारण ही ऐसी चीजें सामने आती हैं. 

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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