New

होम -> टेक्नोलॉजी

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 13 सितम्बर, 2017 12:33 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

आखिरकार एपल का नया फोन लॉन्च हो ही गया. जैसी अटकलें लगाई जा रही थीं फोन बिलकुल वैसा ही है और उसकी कीमत भी वैसी ही है. एपल ने 12 सितंबर के इवेंट में अपना सबसे महंगा आईफोन लॉन्च कर दिया है. आईफोन X के साथ-साथ आईफोन 8 और 8 प्लस भी लॉन्च हुए हैं. इसी के साथ, एपल वॉच 3 भी लॉन्च हुई है.

iPhone 8 और iPhone 8 Plus ...

iPhone 8 और iPhone 8 Plus पिछले साल के आईफोन का अपग्रेड मॉडल है. पिछले साल की तुलना में इस साल बहुत से नए फीचर्स जोड़े गए हैं. डिजाइन वैसी ही है, नए कलर वेरिएंट आए हैं. आईफोन 8 और 8 प्लस में स्पीकर को और 25% लाउड कर दिया गया है. इसके अलावा वायरलेस चार्जिंग फीचर सबसे बड़ी अपडेट्स में से एक माना जा सकता है.  A11 प्रोसेसर है और ग्राफिक्स के लिए 30 प्रतिशत ज्यादा बेहतर जीपीयू (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) लगाया गया है.

आईफोन, आईफोन 8, एपल, तकनीक

कैमरा फीचर्स में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आया है, लेकिन एपल की माने तो इस बार फोटो और भी ज्यादा डिटेल आएंगी. वीडियो भी जल्दी एनकोड हो सकेंगे और फुल एचडी क्वालिटी के वीडियो 240 फ्रेम प्रति सेकंड की दर से शूट हो सकेंगे.

iPhone 8 का 64GB वेरिएंट 64000 रुपए का होगा और 256GB वेरिएंट 77000 रुपए का. इसके अलावा, आईफोन 8 प्लस का बेस वेरिएंट 73000 रुपए का होगा और 256 GB वेरिएंट 86000 रुपए का.

iPhone X...

सबसे बड़ा अंतर iPhone X में देखने को मिला है. ये पिछले आईफोन से कही ज्यादा आगे है और इसे वाकई 10th एनिवर्सरी फोन कहा जा सकता है. आईफोन 8 और 8 प्लस से भी काफी ज्यादा फीचर्स आईफोन X में हैं. फोन महंगा भी उतना ही है.. इसका बेस वेरिएंट 89000 रुपए का होगा और 256GB मॉडल वेरिएंट 1 लाख 2 हजार रुपए का है.

ये फोन भारत में 3 नवंबर तक आएगा और इसके प्री-ऑर्डर 27 अक्टूबर से शुरू होंगे. अमेरिकी बाजार में इसकी कीमत भारत से कम है. अमेरिका में ये 64000 और 73000 में मिलेगा.

आईफोन, आईफोन 8, एपल, तकनीक, आईफोन X

इसका सबसे अहम फीचर है FaceID जिसे एपल ने TouchID हटाकर इस फोन में इनबिल्ट किया है. इसके अलावा, ऑगमेंटेड रिएलिटी भी आईफोन के अहम फीचर्स में से एक है. फ्रंट कैमरा एनिमेटेड इमेजी (Animoji) बनाने के काम आ सकता है जो यूजर के फेशियल एक्सप्रेशन से बनेगा. इसका इस्तेमाल सीधे मैसेज भेजने के लिए किया जा सकता है.

FaceID...

एपल का पहला फेस आईडी डेमो तो फेल हो गया. इवेंट के दौरान डेमो का फेल होना किसी अनहोनी से कम नहीं था, लेकिन इसमें फेस आईडी की गलती नहीं थी.

दरअसल, ये गलती थी एक मैनुअल फीचर की जिसमें एक बार फोन को रीस्टार्ट करने पर वो हमेशा पासकोड की मांगता है. यानि एक बार फोन बंद हो जाए तो उसे पहली बार स्टार्ट करने पर पासकोड ही मांगेगा और फेसआईडी उसके बाद इस्तेमाल होगा. ये तो एक फीचर की गलती थी, लेकिन क्या टचआईडी हटाने का फैसला सही था? आम लोगों के लिए ये कितना काम करेगा?

FaceID सीधे तौर पर एक बायोमेट्रिक लॉक है जो आसानी से एक सेकंड से भी कम समय में फोन को अनलॉक कर देगी. इसके लिए बस आईफोन की तरफ देखना होगा. सिर्फ अनलॉक करने के लिए ही नहीं एप स्टोर, एपल पे (PAY) आदि के लिए भी FaceID इंटीग्रेटेड होगा. यानि अगर कहीं डिजिटल पेमेंट आईफोन से करनी हो तो भी फेसआईडी एक सेकंड से कम समय में आपका काम कर देगी.

आईफोन, आईफोन 8, एपल, तकनीक, आईफोन X

2009 में फेशियल रिकॉग्निशन को लेकर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना था कि इसे आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने एक प्रिंटेड फोटो का इस्तेमाल किया था. 2015 में यही काम एक वीडियो की मदद से हुआ था. तो क्या एपल फेस आईडी के साथ भी ऐसा हो सकता है?

एपल का सिस्टम हैक करना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि आईफोन इंफ्रारेड सिस्टम का इस्तेमाल करता है जिसे कंपनी ट्रूडेप्थ प्रोजेक्ट ग्रिड कहती है. इस तकनीक में 30000 पार्दर्शी लाइट डॉट यूजर के फेस का मुआयना करते हैं और 3D शेप पनाते हैं जिससे एनिमेडेट इफेक्ट बनता है. 3D इमेज किसी के लिए भी हैक करना इतना आसान नहीं होगा, लेकिन क्या ये बिलकुल भी संभव नहीं है?

क्लाउडफेयर कंपनी के सिक्योरिटी रिसर्चर मार्क रॉजर्स जिन्होंने पहले एपल के टच आईडी को हैक कर दिखाया था कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि एपल फेसआईडी को कोई हैक कर ही नहीं सकता. रॉजर्स का कहना है कि शायद से सिर्फ किसी विक्टिम के 3D प्रिंटेड सिर से ही हो जाए. हालांकि, अभी इसे टेस्ट करना बाकी है, लेकिन ये तरीका शायद मुमकिन हो.

एक ब्लॉग ने इस बारे में भी बताया है कि अगर एपल का फोन टेबल पर रखा है और गलती से यूजर के चेहरे की झलक मिल गई तो ये उस समय भी अनलॉक हो सकता है. ये फीचर आम यूजर्स के साथ कैसे काम करेगा ये अभी भी एक राज ही है, लेकिन अगर देखा जाए तो इससे लोगों को परेशानी भी हो सकती है. सोते हुए इंसान की शक्ल दिखाकर फोन खोलना भी मुमकिन हो सकता है. खैर, इसके बारे में तब तक सब कुछ नहीं लिखा जा सकता जब तक ये असल में लोगों के सामने न आए.

Apple watch ...

डिजाइन को लेकर एपल ने अपनी नई घड़ी में कोई खास बदलाव नहीं किया है. ये Apple watch 2 की तरह ही लगती है. हां, इसमें LTE कनेक्टिविटी का आना (जब यूजर का आईफोन पास हो या नहीं) ये कुछ नया है. अगर किसी को इसके पहले Apple watch अच्छी लगी है तो उसे एपल वॉच 3 भी अच्छी लगेगी.

आईफोन, आईफोन 8, एपल, तकनीक, आईफोन X

ये अभी भी आईफोन के कनेक्शन का इस्तेमाल करती है, लेकिन जैसे ही आईफोन दूर जाता है एपल वॉच 3 में LTE कनेक्टिविटी शुरू हो जाती है. वॉइस रिकॉग्निशन और बाकी फीचर्स लगभग पुराने जैसे ही हैं.

कुल मिलाकर एपल ने एक अनोखा इवेंट तो पेश किया और साथ ही साथ सीधे iPhone X या यूं कहें कि iPhone 10 लॉन्च कर खुद को स्मार्टफोन्स की रेस में आगे कर लिया है. ग्लास बॉडी डिजाइन, फेशियल रिकॉग्निशन, ऑगमेंटेड रिएलिटी जैसे फीचर्स आम यूजर्स के मामले में कैसे काम करेंगे ये अभी देखना बाकी है.

ये भी पढ़ें-

ऐसे फीचर्स आएंगे तो सभी मुजरिम आईफोन ही खरीदेंगे!

सैमसंग नोट 8 या आईफोन 8 को टक्कर दे सकते हैं ये 5 सस्ते फोन्स!

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय