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Updated: 12 जून, 2017 04:53 PM
सोनाक्षी कोहली
सोनाक्षी कोहली
 
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एक कहावत है कि पुरुष मंगल ग्रह से आए हैं और महिलाएं शुक्र ग्रह से, इन दोनों की इसी ट्यूनिंग में अंतर के कारण दो लोगों में टकराव की नौबत आ जाती है. कभी-कभी तो ये तनाव इतना ज्यादा हो जाता है कि दोनों को लगने लगता है कि रिलेशनशिप नाम के इस पचड़े को धरती से खत्म ही कर दिया जाना चाहिए.

शुरू-शुरू में तो सब कुछ अच्छा लगता है. दुनिया रंगीन नजर आती है. लेकिन जैसे ही ये लवली फेज खत्म होता है, एक नया ही पैटर्न दिखने लगता है: सो जाओ, उठो, फिर लड़ो, और यही नियम बन जाता है. अगर इतना सब होने के बावजूद भी दो लोग साथ रहने का फैसला करते हैं तो इसका मतलब है कि आप दोनों के बीच थोड़ा प्यार अभी बचा हुआ है. और इस रिश्ते को बचाए रखने के लिए फिर आपको जरुरत है तो सिर्फ थोड़ी सी समझदारी की.

चलिए हम आपको कुछ टिप्स दे दें-

1- लगातार प्यार का इजहार ही सच्चा प्यार है

जब कोई पुरुष के मन में किसी महिला के लिए भावनाएं उत्पन्न होती हैं तो वो उसे अपना बेस्ट देने की कोशिश करता है. और ऐसा बिल्कुल नहीं है कि ये सब वो लड़की को इंप्रेस करने के लिए करता है बल्कि किसी लड़की को अपने लिए राजी कराना पुरूषों के प्राकृतिक प्रवृति का हिस्सा है. विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी रिश्ते के शुरूआती दौर में इंसान के मन में खूब सारा एक्साइटमेंट होता है. दुनिया हसीन लगती है. चारों तरफ खुशियां दिखती हैं. और ये सब शरीर में विकसित हो रहे हैप्पीनेस हार्मोन सेरोटोनिन और एड्रेनलिन की वजह से होता है.

तो रिलेशनशीप के शुरूआत में गिफ्ट, रोमांटिक डेट और फूलों के गुलदस्ते के पीछे का कारण आपको समझ आ गया ना?

2- पुरुष का व्यवहार दारू के नशे की तरह होता है

हालांकि आप लोग इस उदाहरण को ज्यादा सीरियसली ना लें. लेकिन दुनिया का हर आशिक प्यार की तुलना नशे से करते हैं. आपको ये तो पता ही है कि व्हिसकी का असर कैसे धीरे-धीरे होता है और फिर एक अलग ही दुनिया में जाता है. ठीक उसी तरह से प्यार का चक्कर भी धीरे-धीरे इंसान के दिमाग पर हावी होती है और फिर पूरी तरह अपने घेरे में ले लेती है.

रिलेशनशीप के शुरूआत में इंसान के मन में उत्साह होता है. और इसी उत्साह में पुरुष, महिला को अच्छे गिफ्ट और प्यार की बौछार करते रहते हैं. लेकिन एक बार जैसे ही दोनो पार्टनर सेट हो जाते हैं दोनों के बीच एक तरह का कंफर्टेबल जोन बन जाता है जिसकी वजह से फिर दोनों अपने नेचुरल व्यवहार में आ जाते हैं.

3- महिलाओं के लिए प्यार का बुखार उतारना मुश्किल होता है

महिलाएं पुरुषों से ज्यादा भावुक होती हैं. यही कारण है कि पार्टनर के रोजाना 10 बार कॉल करने की आदत घटकर 1 या 2 कॉल में बदल जाए, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए लंबी बातें जब सिर्फ आई लव यू में सिमट जाए तो इस अंतर को वो आसानी से फील कर लेती हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि रिलेशनशीप के स्टार्ट में पुरुषों का प्रारंभिक व्यवहार महिलाओं की एक्सपेक्टेशन को इतना बढ़ा देती है कि बाद में नॉर्मल व्यवहार को स्वीकार करना महिलाओं के लिए गले की हड्डी जैसा बन जाता है.

4- परिणाम? रोज रोज की किचकिच

माना जाता है कि बातचीत हर समस्या को सुलझाने का अचूक तरीका है. लेकिन असली बात तो ये है कि अगर आपने दोनों के बीच की समस्या के बारे में बात करने में आपको तकलीफ हो रही है तो एक मिनट के लिए रूकिए और सोचिए कि आखिर आप दोनों के बीच में दिक्कत का कारण क्या है.

अपनी समस्याओं को बिना किसी तरह के शिकायती लहजे के प्यार से पार्टनर के सामने रखें ताकि उसे ये ना लगे कि वह आपको कभी खुश नहीं कर सकता.

5- यकीन मानिए हर समस्या का अंत है

हर समस्या का समाधान होता है और इसका भी होगा. बात बस इतनी सी है कि स्त्री और पुरुष दोनों के प्यार की भाषा और परिभाषा अलग-अलग होती है. रिलेशनशिप में होने वाले समय और एक-साथ रहने के समय में बहुत अंतर होता है. हर किसी को ये समझने की जरुरत है कि समय के साथ चीजें बदलती हैं और उसे हर किसी को स्वीकार करना पड़ता है. इसलिए थोड़ा शांत रहें और अपने साथी से उम्मीदों का पहाड़ ना खड़ा कर लें. किसी भी अच्छे संबंध में समझौता और साथ दोनों की अहम भूमिका होती है. अगर आपको लगता है कि आपके पार्टनर को एक चांस और मिलना चाहिए तो फिर जी-जान से और पूरे पॉजिटिव सोच के साथ ध्यान केंद्रित करें.

6- हैंगओवर उतारने का अचूक इलाज

आप दोनों की समझदारी और सच्चाई रिश्तों को संभालने में अहम् भूमिका अदा करती है. लेकिन आप जानते हैं कि रिजेक्टेड, अनवांटेड फील करने से बचने का सबसे प्रभावी तरीका क्या है? खुद को खुद के साथ प्यार करना सीखाएं. खुद को किसी और की तारीफों के लिए ना बांधें. शिकायतों के द्वारा या फिर खुद को उससे अलग करके अपना ध्यान आकर्षित करने के तरीकों को अपनाने के बजाय अपनी जिंदगी को अपना केंद्र बनाएं.

इस तरह आप भावनात्मक रूप से स्वतंत्र और अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेंगी. साथ ही साथ आप अपने पार्टनर को थोड़ा स्पेस भी दे पाएंगी. दोनों ही के लिए ये फायदे का सौदा है.

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लेखक

सोनाक्षी कोहली सोनाक्षी कोहली

सोनाक्षी कोहली एक युवा पत्रकार हैं और पितृसत्तात्मक समाज पर व्यंग्य के रुप में चोट करती हैं

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