New

होम -> समाज

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 02 अगस्त, 2017 01:36 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

"क्या आप मेरे साथ कोई खेल खेलेंगे? एक डेयर का खेल? मैं जो बोलूंगी वो आप करेंगे? चलिए तो सुसाइड करके दिखाइए..."

ये लाइन पढ़कर शायद आपके मन में भी सवाल आया होगा कि आखिर क्यों कोई इस तरह का पागलपन करेगा. लेकिन ऐसा असलियत में होता है. सिर्फ ISIS जैसे संगठन या सुसाइड बॉम्बर्स का ही ब्रेन वॉश नहीं किया जाता बल्कि ऐसा आम लोगों के साथ भी होता है और वो लोग इस कदर पागलपन को गले लगा लेते हैं कि आसानी से अपनी जान ले लें. कुछ यही हुआ मुंबई के एक 14 साल के लड़के मनप्रीत सिंह सहानी के साथ.

blue whale dare, suicide, online danger, mass suicide

अगर आप इंटरनेट पर रोज खबरें पढ़ते हैं या दिन में कई बार सोशल मीडिया अकाउंट्स चेक करते हैं तो इसकी उम्मीद बहुत ज्यादा है कि आपने ब्लू व्हेल चैलेंज के बारे में सुना हो. अगर आपने नहीं सुना है तो मैं आपको बता दूं कि ये एक ऐसा चैलेंज है जिसमें ऑनलाइन लोगों को 50 दिन अलग-अलग चैलेंज दिए जाते हैं. हर दिन एक. 50 वें दिन का चैलेंज होता है सुसाइड करना. हर चैलेंज पूरा करने पर फोटो या वीडियो का प्रूफ देना होता है जो एक सीक्रेट ग्रुप में पोस्ट करना होता है.

ये सनकी गेम रशिया के एक 22 साल के लड़के ने इजात किया था जिसे सर्बियन कोर्ट ने 3 साल की सजा दी है. इस गेम के कारण पहले ही 130 लोगों की मौत हो चुकी है और लड़के के बयानों को मानें तो 28 और लोग किसी भी वक्त अपनी जान दे सकते हैं.

ऑनलाइन एडिक्शन और चैलेंज...

अगर आपको याद हो तो कुछ समय पहले एक आइस बकेट चैलेंज लोकप्रिय हुआ था. लोगों को अपने ऊपर बर्फीले ठंडे पानी की बाल्टी डालनी होती थी. इस चैलेंज के वक्त भी कई लोगों की अलग-अलग कारणों से मौत हो गई थी या तबियत खराब हो गई थी. इसके बाद से चाहें इंस्टाग्राम ब्यूटी चैलेंज हो, वन फिंगर चैलेंज हो, रेनबो बूटी चैलेंज हो या कुछ और... अलग-अलग तरह के चैलेंज लोकप्रिय होते रहते हैं और लोग खेल-खेल में कब आगे बढ़ जाते हैं पता भी नहीं चलता.

blue whale dare, suicide, online danger, mass suicide

अभी चल रहे हैं ये चैलेंज....

1. डियोड्रेंट चैलेंज - जहां अपनी स्किन पर सबसे पास से डियोड्रेंट लगातार तब तक छिड़कना होता है जब तक आप सह सकें.

2. चोकिंग गेम - जहां आपको तब तक खुद को चोक करना होता है जब तक सह सकें.. इसके कारण भी कई लोगों की मौत हुई है.

3. सॉल्ट एंड आइस चैलेंज - जहां अपनी स्किन पर नमक रख उसपर बर्फ का टुकड़ा रखना होता है. ये इतना खतरनाक है कि -26 डिग्री तक टेम्प्रेचर चला जाता है और आपकी स्किन पर फ्रॉस्ट बाइट हो सकती है.

जैसे कई चैलेंज अभी भी ऑनलाइन मौजूद हैं जिनसे वाकई बहुत नुकसान हो सकता है. इन्हें किसी भी तरह से ट्राय करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.

पहले भी हुए हैं ऐसे कई पागलपन...

ये अभी की बात नहीं है कि इंटरनेट के कारण लोगों के मन में ऐसा पागलपन चढ़ रहा है. इंटरनेट के पहले भी ऐसा हुआ है. अगर हम बात करें तो मास सुसाइड के कई किस्से इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. जैसे...

1. 909 लोगों ने खा लिया था जहर...

एक साथ पूरे गांव ने जहर खा लिया था. ये बात है अमेरिका की जहां जोन्सटाउन नाम का एक छोटा सा गांव था. वहां एक गुरू जिम जोन्स ने लोगों को ऐसी पट्टी पढ़ाई थी कि यहां कुछ नहीं रखा है और वो उन्हें स्वर्ग दिखाएगा. वो काफी सभ्य तरीके से लोगों का ब्रेन वॉश करता था. जब लोगों ने उसे छोड़ना शुरू किया तो अपनी बात मनवाने के लिए उसने लोगों को सुसाइड करने को कहा और उन्होंने कर भी लिया. बच्चे जो नहीं तैयार थे उन्हें साइनाइड का इंजेक्शन दे दिया गया.

blue whale dare, suicide, online danger, mass suicide

2. 39 लोग अंतरिक्ष में जाने के लिए मर गए...

मार्शल एप्पलव्हाइट.. अगर आप इस नाम को गूगल करेंगे तो आपको पता चलेगा कि ये एक धर्म गुरू हैं जो खुद को जीसस क्राइस्ट के वंशज बताते हैं और हेवन्स गेट नाम के ग्रुप के रचियता हैं. इन्होंने अपने अनुयायियों को ये बता दिया था कि पृथ्वी को एलियन से खतरा है और खुद को बचाने के लिए 39 लोगों ने अपनी जान दे दी थी.

3. 778 लोगों ने लगा ली थी खुद को आग...

ये बात है युगांडा की जहां एक ग्रुप जिसका नाम था 'रिस्टोरेशन ऑफ टेन कमांडमेंट्स ऑफ गॉड' ये मानता था कि मार्च 17, 2000 को दुनिया खत्म हो जाएगी. तो उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद किया.. एक अच्छे भोज का बंदोबस्त किया और खुद को आग लगा ली. जिन लोगों ने भागने की कोशिश की उन्हें गोली मार दी गई थी.

blue whale dare, suicide, online danger, mass suicide

ये तो थे कुछ उदाहरण, लेकिन हमारे बीच कई ऐसे लोग होते हैं जो इमोश्नली इतने कमजोर होते हैं कि आसानी से उन्हें बहकाया जा सके. यही लोग होते हैं जिन्हें सुसाइड बॉम्बर बनाया जाता है या फिर किसी फालतू से ऑनलाइन गेम के कारण सुसाइड करने को कहा जाता है. जो भी हो इस तरह के फालतू झंझटों में ना पड़ें. जिंदगी बहुत हसीन है और उसे इसी तरह से जिएं.

ये भी पढ़ें-

चीन का चेन हो या भारत का चुन्नू हमने उनका बचपन छीन लिया है

अब तो इस ओलंपियन की मदद कीजिए !

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय