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Updated: 01 अगस्त, 2017 04:48 PM
मोहित चतुर्वेदी
मोहित चतुर्वेदी
  @mohitchaturvedi123
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सेना को फिर जम्मू-कश्मीर में बड़ी कामयाबी मिली है. कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले में सेना ने आतंकी मुठभेड़ में दो आंतकियों को मार गिराया. इस एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा का कश्मीर चीफ अबु दुजाना भी मारा गया है. जो पोस्टर बॉय भी था.

दुजाना को भी बुरहान वानी की तरह ही मारा गया. सेना को दुजाना के इश्क का पता चला और जैसे ही वो अपनी पत्नी से मिलने आया तो उड़ा दिया गया. खबर तो ये भी है कि दुजाना को लड़कियों से संबंध बनाना अच्छा लगता था. सवाल ये है कि आखिर युवा क्यों आतंक को अपना रहे हैं और जिंदगी को खत्म कर रहे हैं. सबसे पहले देखिए ये वीडियो फिर इसकी तफ्तीश करते हैं.

शायद दुजाना ने भी ये वीडियो देख लिया होगा तभी उसने आतंक का दामन थाम लिया. उसे भी किसी मुल्ला ने ऐसे ही भड़काया होगा. 72 हूरों का लालच देकर जिंदगी खत्म करने का रास्ता सुझाया होगा. लेकिन अब लगता है कि सेना का आतंकियों को 72 हूरों के पास भेजना भी मिशन बन गया है.

इस वीडियो से साफ हो गया कि आतंकियों को जिंदगी के बाद सुख प्राप्त करना है. बता दें, दुजाना लड़कियों के साथ संबंध बनाने का शौक था. वो किसी भी घर में घुस जाता था और अय्याशी करता था. अपने आखिरी वक्त में भी वो 72 हूरों के बारे में ही सोच रहा होगा. अब उसे क्या पता ऊपर जाने के बाद आतंक की कहानी सुनकर ऊपरवाला उस पर क्या-क्या जुल्म दे रहा होगा.

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लड़कियों के लिए थाम रहे हैं युवा बंदूक

कश्मीर के युवा हाथ में बंदूक आजादी के लिए नहीं बल्कि लड़कियों को इम्प्रेस करने के लिए पकड़ रहे हैं. कश्मीर की लड़कियों बंदूक थामे लड़कों को हीरो जैसा समझती हैं. अगर कोई लड़का हाथ में बंदूक थामा हुआ है तो लड़की उसे ताकतवर और रॉबिनहुड जैसा मानती हैं.

युवा के पास अगर बंदूक है और वो किसी संगठन से जुड़ा है तो वो लड़कियों के बीच खुद को रॉबिनहुड जैसा प्रेसेंट करता है. ये हम नहीं बल्कि आतंकी दानिश अहमद का कहना है. रियाज नाइकू, जाकिर मूसा के साथ-साथ लश्‍कर-ए-तैयबा के अबु दुजाना की कई गर्लफ्रेंड्स रही थीं. इसी वजह से युवा अब बंदूक थामने के लिए ये संगठन ज्वाइन कर रहे हैं.

यही नहीं, लूट की रकम से ये युवा आतंकी गर्लफ्रेंड को महंगे-महंगे तौफे भी देते हैं. यानी ये मान लें कि युवा इसलिए मौत चाहते हैं क्योंकि ऊपर जाकर भी उन्हें 72 हूरें मिलेंगी. अब सच्चाई तो पता नहीं क्या है. लेकिन जो भी है, सेना का तो अब इन्हें 72 हूरों के पास ही भेजने का प्लान बना लिया है.

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लेखक

मोहित चतुर्वेदी मोहित चतुर्वेदी @mohitchaturvedi123

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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