...तो कानून बन जाएगा कि पति अपनी पत्नी को पीट सकता है!
पाकिस्तान में एक बिल पारित करने की सिफारिश की गई है कि पति अपनी पत्नी को मामूली तौर पर पीट सकते हैं, और कई बेतुकी वजहें भी बताई गई हैं. मुस्लिम महिलाएं इस बिल के विरोध में खुलकर सामने आई हैं और कह रही हैं कि, पीटकर तो देखो, तुम्हारी दुनिया में तबाही मचा देंगे.
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पाकिस्तान में 20 सदस्यों वाली एक संस्था है काउंसिल ऑफ इस्लामिक आइडियोलॉजी (सीआईआई), जो इस्लामिक कानूनों के आधार पर पाकिस्तान की संसद को सलाह देती है. इस काउंसिल ने महिला संरक्षण बिल में, महिलाओं पर बहुत सी पाबंदियों और उन्हें पीटे जाने की सिफारिश की है.
इस बिल में कहा गया है कि पति को अपनी पत्नी की मामूली पिटाई करने का अधिकार होना चाहिए अगर- वो पति का कहना न माने, पति की पसंद से कपड़े न पहने, पति से संबंध बनाने से मना कर दे, हिजाब न पहने, सेक्स या फिर पीरियड के बाद न नहाए, अपरिचितों से बात करे, ऊंची आवाज में बात करे, पति से बिना इजाजत लिए किसी की आर्थिक सहायता करे.
बिल में ये भी कहा गया है कि प्राइमरी शिक्षा के बाद, को-एजुकेशन बैन होनी चाहिए, सेना में जाने से महिलाओं पर प्रतिबंध लगे, विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करने पर प्रतिबंध लगे. महिला नर्स पुरुष मरीजों का ख्याल न रखें, विज्ञापनों में काम करने से महिलाओं पर रोक लगे.
मतलब, बड़े ही सोच विचार कर महिलाओं की आजादी छीनने और उनका अस्तित्व रौंदने का पूरा सामान तैयार किया गया है. ये तो अच्छा है कि ये सिर्फ सलाह है. लेकिन पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी देश में इस बात की गुंजाइश ज्यादा है कि वहां मुल्लाओं को खुश करने के लिए इन प्रस्तावों को संसद मंजूरी देकर कानून बना दे. फर्ज कीजिए कि ये विधेयक अगर पारित हो जाए, तो पाकिस्तान में रहने वाली पत्नियों की स्थिति शायद सैक्स स्लेव से कम नहीं होगी. और बाकी महिलाओं का जीवन नर्क समान.
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हम अक्सर इस्लामिक फतवों और मुस्लिम महिलाओं के बारे में सुनते पढ़ते हैं, वो चाहे पाकिस्तानी हों या फिर भारत की, उनकी छवि हमारे जेहन में इस तरह की है जैसे वो महिलाएं बेचारी हैं, गुलाम हैं, अधिकारों के लिए आवाज भी नहीं उठा सकतीं. लेकिन हकीकत ये है कि महिलाओं की परिस्थितियों के लिए जिम्मेदार खुद महिलाएं ही हैं. जो महिलाएं ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं, पतियों पर पूरी तरह से आश्रित हैं, आत्मनिर्भर नहीं हैं, वो खुद पर हो रहे अत्याचारों को चुप-चाप सहती हैं और विरोध भी नहीं करतीं, उनके पति उनके साथ कैसा भी व्यवहार करें, उन्हें मंजूर है. ये वो महिलाएं हैं जिनका महिला अधिकारों से कोई सरोकार नहीं है. पतियों की मार को वो अपनी नियति समझती हैं. इस वीडियो में देखें किस तरह महिला को सबके सामने पीटा जा रहा है, और वो चुप चाप सिर्फ सह रही है.
वहीं हकीकत ये भी है कि महिलाएं शिक्षित हों तो ज्यादती का विरोध करती हैं. वो किसी की मार खाने के लिए तैयार नहीं हैं. वो आत्मनिर्भर हैं, वो जानती हैं कि वो मर्दों के हाथों की कठपुतली नहीं हैं, और इसीलिए वो सहती नहीं. मुस्लिम महिलाओं की जो छवि हमने बना रखी है वो केवल परिस्थिति जन्य है, और ये परिस्थिति किसी भी धर्म की महिला के साथ हो सकती है. मुस्लिम महिलाओं को कम आंकने की जो गलतफहमी हमने पाली है, उससे पर्दा भी यही महिलाएं हटा रही हैं.
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इस्लाम की आइडियोलॉजी पर आधारित सीआईआई के इस विधेयक के विरोध में पाकिस्तानी महिलाओं का गुस्सा तो फूटना ही था. क्योंकि अब वास्तव में वो स्थिति नहीं है कि उन्हें पीटा जाएगा और वो चुपचाप सह लेंगी. यलगार हो चुका है. 'पुरुष अपनी पत्नियों को मामूली तौर पर पीट सकते हैं', इस बेतुके प्रस्ताव के खिलाफ #TryBeatingMeLightly नाम से एक कैंपेन चलाया जा रहा है, जो आग की तरह फैल गया है. मुस्लिम महिलाएं दकियानूसी मानसिकता वाले पुरुषों को तीखी प्रतिक्रियाएं दे रही हैं और चेता रही हैं कि, उन्हें अब कमतर समझने की भूल न की जाए. सोशल मीडिया पर #TryBeatingMeLightly हैशटैग के साथ ढ़ेरों आवाजें बुलंद हुई हैं.
#TryBeatingMeLightly a couple eggs, a pinch of salt and pepper, a bit of red chilli, and fry it.Real men beat eggs not women.
— Amna Abbas (@AmnaAbbas) May 31, 2016
I am light that you cannot stop, fire that can burn you. I am the force that can bend destiny. I am a WOMAN. #TryBeatingMeLightly
— Ayesha (@Ayeshaspeaksnow) May 31, 2016
#TryBeatingMeLightly and I won't take it sitting down. If i go down, i'll take you down with me.
— Zoha Aamer Khan (@ZohaAamerKhan) May 31, 2016
#TryBeatingMeLightly I'll break that hand you raised, remaining damage? I'll leave it upto Allah. Shagufta, Doctor. pic.twitter.com/esqM7qlCc4
— Fahhad Rajper (@FahhadRajper) May 30, 2016
"Instead of #TryBeatingMeLightly U should be giving enough care & love that I couldn't disobey u my dear man" #CII pic.twitter.com/fqGIKJRy5u
— Maryam Shabbir (@maryamshabbir08) May 30, 2016
#TryBeatingMeLightly and you'll not be left with your hands to beat me ever again.
— عیشہ (@GarbarfiedBae) May 30, 2016
#TryBeatingMeLightly and experience the fury of 'a woman scorned' for the rest of ur miserable life !
— NidaS (@Nida369) May 31, 2016
#TryBeatingMeLightly and nuksanat ki zimedar ap he hogai .......
— Apki Behen (@apki_behen) May 31, 2016
I know karate #TryBeatingMeLightly
— Faiza Rahmat (@faizarahmat3) May 31, 2016
महिलाओं को हराना चाहते हो तो अपने दिमाग से हराओ, ज्ञान से हराओ, अपनी मुस्कान और नेकी से हराओ, प्यार इतना करो कि तुम्हारे प्यार से हारा जाए, लेकिन बाजुओं का जोर दिखाकर अगर हराना चाहोगे तो खुद मिट जाओंगे. फिलहाल तो ये उठ रही आवाजें अब चीख बन चुकी हैं, जो धर्म के ठेकेदारों के कानों में काफी देर तक कंपन करती रहेंगी.
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