New

होम -> समाज

 |  2-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 21 मई, 2017 05:15 PM
ऑनलाइन एडिक्ट
ऑनलाइन एडिक्ट
 
  • Total Shares

केरल को ऐसे ही भारत का सबसे शिक्षित राज्य नहीं कहते. केरल ने अपने इस स्थान को बनाए रखने के लिए काफी काम किया है. अब एक नए तरह के मिशन पर केरल सरकार निकल पड़ी है. इस स्कीम का नाम है 'शी पैड'. इस स्कीम का अहम काम है ये सुनिश्चित करना कि सभी स्कूल जाने वाली लड़कियों को सेनिटरी पैड मिल सकें.

सेनिटरी पैडलड़कियों के लिए ये सुविधा एक नई पहल है

इस स्कीम के चलते सभी स्कूलों में जहां लड़कियां पढ़ती हैं वहां सेनिटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाई जाए. ये अपनी तरह का पहला मामला है जहां स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों का ख्याल रखा जा रहा है. ये इसलिए भी खास है क्योंकि ये हायर सेकंड्री स्कूल में लगाई जाएगी. स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों की हाईजीन जरूरी है और पीरियड की शुरुआत में ही अगर वो हाईजीन का ख्याल रखना शुरू कर दें तो ये अच्छी बात होगी.

शिक्षा मंत्रालय ने सभी स्कूलों को ये भी हिदायत दी है कि पीने के साफ पानी और लड़कों और लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट का इंतजाम हो.

सरकारी आंकड़ों की मानें तो केरल में लगभग 1845 हायर सेकंड्री स्कूल हैं. इनमें सरकारी और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं. वेंडिंग मशीन उस हिसाब से होनी चाहिएं जिस हिसाब से स्कूलों में लड़कियां हैं.  

ये एक ऐसी पहल है जिससे लड़कियों को सुरक्षा और आत्मविश्वास का अनुभव हो सकता है. स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को अक्सर पीरियड्स को लेकर कुंठा में जीते देखा गया है. अगर गांव या दूर-दराज के किसी इलाके में भी ऐसी मशीने लग रही हैं तो इसे सरकार का एक अच्छा कदम ही कहा जाएगा.

इससे पहले दिल्ली के मंडी हाउस और केंद्रिय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के करीब सार्वजनिक शौचालयों पर भी सेनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगी हुई है. यहां एक पैड 5 रुपए का सिक्का डालने पर मिल जाता है.

एक तरफ GST में सेनिटरी पैड पर टैक्स लगने और महंगे होने के कारण विरोध हो रहा है और इसी बीच ऐसी योजनाओं से यकीनन गरीब तब्के की महिलाओं और लड़कियों को फर्क पड़ेगा. वो देश जहां आज भी पीरियड्स को एक ऐसी चीज माना जाता है जिसके होने पर महिलाएं शुद्ध नहीं रहतीं और उन्हें सबसे अलग रहना पड़ता है. गरीब महिलाओं के लिए सेनिटरी पैड एक महंगा खर्च साबित होता है ऐसे में कम से कम कीमत में इसका उपलब्ध होना स्वास्थ के नजरिए से भी अच्छा है.

ये भी पढ़ें-

एक औरत की जिंदगी का छिपाया गया सच

अरुण जेटली से सवाल, महिलाओं के सैनिटरी पैड पर टैक्‍स क्‍यों ?

लेखक

ऑनलाइन एडिक्ट ऑनलाइन एडिक्ट

इंटरनेट पर होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय