आधा देश मोबाइल नेटवर्क न मिलने से परेशान है मोदी जी !
केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पेड़ पर चढ़कर मोबाइल फोन पर बात करते पाए गए. कारण? जिस गांव में वो गए थे वहां नेटवर्क नहीं था. शायद यही है डिजिटल इंडिया की सीढ़ी..
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डिजिटल इंडिया के कारण देश बढ़ रहा है. फल-फूल रहा है और तरक्की कर रहा है. ये तो डिजिटल इंडिया का ही कमाल है कि एक मंत्री को पेड़ पर चढ़कर मोबाइल पर बात करनी पड़ी. अब जिस देश में फ्री 4G डेटा मिलता है और जियो जैसा अपार नेटवर्क है वहां ऐसी चीजों पर क्या ध्यान देने की जरूरत... है ना...
दरअसल केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल 4 जून को बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ से करीब 12 किलोमीटर दूर धोलिया गांव के दौरे पर थे. इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं से रूबरू कराया और आरोप लगाया कि अफसर सुनते नहीं है. अब अफसर सुनते नहीं तो लोगों की समस्या सुलझाने के लिए मंत्री जी ने खुद अफसरों को फोन लगाया. अब फोन में सिग्नल नहीं था तो लोगों ने मंत्री जी को एक नया तरीका सुझाया.
तरीका भी ऐसा कि लोगों की समस्या शायद मंत्री जी को एक बार में ही समझ आ गई होगी. गांववालों ने एक सीढ़ी का इंतजाम किया और मंत्री जी को पेड़ पर चढ़ा दिया. मतलब एक तीर से दो निशाने साझ लिए गए. मंत्री जी भी पेड़ पर चढ़कर आराम से बात करने लगे.
वीडियो-
#WATCH Union MoS Finance Arjun Ram Meghwal climbs a ladder to talk on the phone in Rajasthan's Bikaner pic.twitter.com/S88cdZ5wzy
— ANI (@ANI_news) June 4, 2017
अब ये तो हुए एक तस्वीर. दूसरी तस्वीर के लिए कुछ समय पीछे ले चलते हैं आपको. वो दौर था नोटबंदी का दौर. राजस्थान के कोटरा गांव में नोटबंदी का दौर बहुत भारी पड़ा था. PoS (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों में अपने बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के लिए गांव वालों को पेड़ पर चढ़ना पड़ा था. लंबी लाइन में घंटो खड़े होकर इंतजार करने के बाद उन्हें पेड़ पर चढ़ना पड़ा ताकी नेटवर्क सही तरीके से मिल सके.
नोटंबदी के बाद गांव वालों को नेटवर्क के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा
इतनी मेहनत करनी होती थी सिर्फ राशन खरीदने के लिए. क्योंकि नोटबंदी के दौर में कैश तो सबके पास होता नहीं था. उस इलाके के 76 राशन सेंटर में से 13 में बहुत खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी थी.
अब पूरी तस्वीर समझिए. एक तरफ जहां डिजिटल इंडिया ऊंची उड़ान भर रहा है दूसरी तरफ एक मंत्री ऐसे पेड़ पर चढ़कर फोन पर बात कर रहा है. ये तो सोचने वाली बात है कि जहां जियो के लिए मुकेश अंबानी ने ऐसा सपना देखा है कि उसे पूरे देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जाएगा वहां ऐसे गांववालों की चिंता क्यों नहीं की जाती जिनके पास नेटवर्क ही नहीं है.
भारत में नेटवर्क और मोबाइल इंटरनेट...
1. एक तरफ TRAI ने कह दिया है कि अप्रैल 2017 में जियो सबसे तेज 4G नेटवर्क रहा है. फिर भी आधे से ज्यादा यूजर्स जियो के नेटवर्क से परेशान रहते हैं.
2. एक तरफ डिजिटल इंडिया के तहत ISRO का GSAT-19, GSAT-11 सैटेलाइट अपने अंतिम चरण में है जो भारत में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी देगा. दूसरी तरफ गूगल ने प्रोजेक्ट लून के तहत भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए 2G सर्विसेज टेस्टिंग की है. शायद जियो 4G गूगल को इम्प्रेस करने में नाकाम रहा है.
3. एरिक्सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 60% लोग भारत में नेटवर्क कनेक्टिविटी से परेशान हैं. इसमें वॉइस ड्रॉप, कनेक्शन प्रॉबलम, अनरीचेबल सेलफोन, इंटरनेट कनेक्शन की समस्या आदि शामिल है.
4. पिछले साल तक भारत में रोमिंग के समय सबसे ज्यादा नेटवर्क प्रॉबलम होती थी.
5. एक समस्या 'नेटवर्क बिजी' फिर से सामने आ गई है. फुल नेटवर्क होते हुए भी कॉल नहीं लगती. इसके अलावा, अधिकतर मॉल की पार्किंग में बीच शहर में भी नेटवर्क नहीं मिलता.
6. भारत में अभी भी सहारनपुर और कश्मीर जैसे हालात होने पर सबसे पहले डिजिटल 144 लगाई जाती है और इंटरनेट को बंद किया जाता है.
7. वियतनाम और इंडोनेशिया मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत से आगे हैं.
8. ब्रॉडबैंड इंटरनेट की बात करें तो भारत ग्लोबली 89वें नंबर पर है और यहां एवरेज स्पीड 6.5Mbps है.
अब आप ही बताइए अगर रोजमर्रा की जरूरतें पूरा करने के लिए भी अगर लोगों को इस तरह पेड़ पर चढ़ना पड़े तो किस काम का ये डिजिटल इंडिया?
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