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Updated: 22 अक्टूबर, 2016 03:28 PM
अभिनव राजवंश
अभिनव राजवंश
  @abhinaw.rajwansh
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पूरी दुनिया में आतंक का प्रयाय बन चुके ISIS अब अपने साम्राज्य बचाने की आखिरी लड़ाई लड़ रहा है, पहले ही कई तरह के संकटों से जूझता ISIS अब अपना गढ़ माने जाने वाले शहर मोसुल को खोने के कगार पर है. इराकी और कुर्दिश सैनिको ने अमेरिकी सैनिकों के सहयोग से मोसुल को ISIS के कब्जे से आज़ाद कराने के लिए आपरेशन शुरू कर दिया है और उम्मीद जताई जा रही है अगले कुछ महीनों में इसे ISIS के कब्जे से पूरी तरह मुक्त करा लिया जायेगा. अगर ऐसा होता है तो इसे ISIS के साम्राज्य का अंत ही माना जाएगा.

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भौखलाया ISIS...

मोसुल ISIS के लिए कई मायनो में अहम है, और मोसुल से सफाया ISIS के लिए सब कुछ खत्म होने जैसा होगा. ऐसे में ISIS ने भी अपने गढ़ को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोख दी है. ISIS के सैनिकों ने अपने बचाव के लिए मोसुल के लगभग 500-600 परिवारों को बंधक बना रखा है और उन्हें आगे कर लड़ाई लड़ रहे हैं. ISIS को उम्मीद है कि ऐसा कर इराक के आक्रमण की धार को कुंद किया जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ ISIS के लड़ाके दूसरे शहरों में धमाके कर मोसुल से इराकी फ़ौज का ध्यान भटकाने की फ़िराक में हैं.

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 सांकेतिक फोटो

 क्यों अहम है मोसुल...

मोसुल ना केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी ISIS के लिए काफी महत्व रखता है. मोसुल में ही अबु बकर अल बग़दादी को इस्लाम का खलीफा घोषित किया गया था, और ISIS का मानना है कि पूरे विश्व में इस्लामिक कैलिफ के लिए भी आखिरी लड़ाई यहीं लड़ी जाएगी. ऐसे में मोसुल को खोना ISIS के मनोबल को भी तोड़ कर रख देगा.

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अगर आर्थिक रूप से मोसुल की बात करें तो यह शहर बगदाद के बाद इराक का सबसे बड़ा शहर है और 2014 में यहाँ कब्ज़ा जमाना ISIS के लिए  बड़ी जीत थी. मोसुल नॉर्थेर्न इराक के मुख्य इंडस्ट्रियल शहरों में से एक है और साथ ही साथ  ट्रांसपोर्टेशन हब के रूप में भी काम करता है. ये तुर्की और सीरिया से सामानों की आवाजाही में भी मददगार है. ISIS इन्ही रास्तों से अपने लिए लड़ाकों और हथियारों की भी आवाजाही करता है. मोसुल इराकी तेल कुओं के भी काफी करीब है, इन तेल कुओं का इस्तेमाल ISIS अपने लिए धन की उगाही भी करता था. ऐसे में मोसुल पर कब्ज़ा खोना ISIS को अंत की तरफ ही धकेल देगा

वैसे भी पिछले डेढ़ साल से ISIS इराक में कमजोर होता जा रहा है , जहाँ विश्व में ISIS के बर्बर घटनाओं में वृद्धि देखी गई तो वहीं ISIS का साम्राज्य सिकुड़ता गया. एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2016 से जुलाई 2016 के दौरान ISIS के कब्जे वाले क्षेत्र में 12 फीसदी की कमी आई है. जुलाई के महीने में ही इराकी सेना ने अल कायरह एयरबेस से ISIS का सफाया किया था. ये इराक का सबसे बड़ा एयरबेस है. इससे पहले ISIS तीन महत्त्वपूर्ण शहर 2015 में तिकरित, रमादी और जून 2016 में फल्लुजा से अपना कब्ज़ा खो चुका है. हालांकि, इराकी सेना को भी पता है की मोसुल को ISIS के कब्जे से पूरी तरह मुक्त करना इतना आसान भी नहीं होगा, ISIS अपनी राजधानी बचने के लिए बर्बरता के चरम तक जा सकता है.  इसमें कई महीने का भी समय लग सकता है, और यह भी तय है जब इसे ISIS से मुक्त कराया जाएगा तब यह अपने पुराने रूप में तो कतई नहीं होगा. मगर इतना तय है की मोसुल पर कब्ज़ा ISIS के कब्र में आखिरी कील की तरह होगा जो न केवल इराक और सीरिया में इस संघटन को पूरी तरह तोड़ कर देगा बल्कि पूरे विश्व भर में ISIS के लिए सहानभूति रखने वालों को भी इससे थोड़ा दूर ले जाएगा .

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अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

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