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Updated: 06 सितम्बर, 2017 08:34 PM
अमित अरोड़ा
अमित अरोड़ा
  @amit.arora.986
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मंगलवार शाम 8 बजे के करीब पत्रकार गौरी लंकेश की बंगलुरू में उनके घर के बाहर निर्मम हत्या कर दी गई. हत्या के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा गौरी की विचारधारा को लेकर उन पर अपशब्दों की बौछार होने लगी. किसी ने गौरी को 'नक्सल समर्थक', 'सूडो सेक्युलर' कहा, तो किसी ने उन्हें 'कुतिया' तक कह दिया.

गौरी लंकेश के लिए कहा गया, 'एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे है'. ऐसी भाषा का सभ्य समाज में कोई स्थान नही है. ऐसी भाषा और सौच की घोर निंदा होनी चाहिए. सोशल मीडिया पर कुछ ने तर्क दिया की, गौरी लंकेश के प्रशंसको और वामपंथी विचारधारा के लोगों को गौरी की हत्या तो नज़र आती है, लेकिन केरल व पश्चिम बंगाल में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार और उनकी हत्या दिखाई नही देती है.

Gauri Lankesh, murderये तो हद ही है

गौरी लंकेश अपने पत्रकारिता जीवन में दक्षिणपंथी विचारधारा की धुर विरोधी रहीं थी. भाजपा और आरएसएस की नीतियां उन्हें कभी पसंद नहीं आई. उनका झुकाव वामपंथी विचारधारा की तरफ था और हिन्दुतव आधारित राजनीति की घोर विरोधी थी. गौरी लंकेश को बुरा भला कहने वालों का आचरण बिल्कुल ग़लत है. आपके अनुसार गौरी लंकेश की सोच और विचारधारा ग़लत हो सकती है. हो सकता है की वह कुछ ऐसा काम कर रही हो जो आपको पसंद न हो. परंतु इसका यह मतलब नहीं की आप उन्हें गाली देंगे. वैचारिक मतभेद अपनी जगह है. दो लोगो के विचार भिन्न हो सकते हैं. विपरीत विचारों का विरोध तर्क और विवेक से देना चाहिए न की गालियों से. किसी व्यक्ति को अपशब्द कहना बिल्कुल ग़लत है.

Gauri Lankesh, murderदेखिए कुछ पढ़े लिखे जाहिलों की करतूत

Gauri Lankesh, murderअब कुछ प्रश्न राहुल गाँधी, कांग्रेस और विपक्षी दलों से भी पूछने ज़रूरी हैं. विपक्षी दल और कांग्रेस, नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पंसारे, एम एम कलबुर्गी की हत्याओं के पीछे हमेशा भाजपा और आरएसएस को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं. विपक्षी दल और कांग्रेस बड़ी आसानी से भूल जाते हैं कि जब इन तीनों की हत्या हुई तो उस समय महाराष्ट्र और कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकारें थी. गौरी लंकेश की हत्या के समय भी कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकार है. इन सभी मामलों में पुलिस जाँच अभी पूरी भी नहीं हुई है. कोई भी भाजपा और आरएसएस का सदस्य संदेह के घेरे में भी नहीं है. ऐसे में किस प्रकार भाजपा और आरएसएस को दोषी ठहराया जा सकता है? जब तक क़ानून ने किसी को दोषी नहीं कहा तो विपक्षी दल और कांग्रेस, भाजपा और आरएसएस को कैसे दोषी ठहरा सकते है?

Gauri Lankesh, murderराहुल गांधी पहले अपने गिरेबां में झांक लें

गौरी लंकेश हत्या मामले में अभी पुलिस ने अपना काम शुरू ही किया है लेकिन राहुल गांधी ने पहले ही भाजपा और आरएसएस को दोषी घोषित कर दिया. क्या राहुल गांधी इस देश की जनता को इतना नासमझ समझते हैं? इस प्रकार की तथ्यहीन राजनीति से राहुल गाँधी कुछ सफलता नहीं पा सकते है. चाहे दक्षिणपंथी या वामपंथी विचारधारा के लोग हो दोनो को स्वस्थ राजनीति करनी चाहिए. ऐसे राजनीति जो तथ्यों और शालीनता पर आधारित हो.

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लेखक

अमित अरोड़ा अमित अरोड़ा @amit.arora.986

लेखक पत्रकार हैं और राजनीति की खबरों पर पैनी नजर रखते हैं.

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