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Updated: 04 मई, 2016 08:20 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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मई का दूसरा रविवार बेहद खास होता है क्योंकि ये दिन समर्पित होता है मां को. भले ही ये विदेशी चलन हो लेकिन भारतीय भी ऐसे खास दिनों को मनाने में अब पीछे नहीं है. भारत समेत पूरी दुनिया इस दिन को मदर्स डे के रूप में सेलीब्रेट करती है.

इस दिन के मायने सिर्फ मां को तोहफे देकर स्पेशल फील कराना नहीं है, बल्कि मां के प्यार, उसके त्याग और समर्पण का अहसास भी करना है. बहरहाल बहुत से रोचक तथ्य इस दिन से जुडे हैं. जिनपर नजर डालना भी जरूरी है.

मां से जुड़े ये तथ्य हैरान करने वाले हैं

- पूरी दुनिया में करीब दो अरब मां हैं.

- मां द्वारा घर पर किए जाने वाले काम को अगर किसी और से कराया गया होता तो आपको 2015 में करीब 42 लाख रुपये सालान देने पड़ते. (वेबसाइट Insure.com का आंकलन)

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महिलाओं द्वारा घर पर किए जाने वाले कामों की कोई अहमियत नहीं समझता

- हर हफ्ते मां औसतन 14 घंटे केवल हमारे लिए खाना बनाने में ही बिता देती हैं.

- अपने पहले बच्चे को जन्म देने वाली भारत की करीब 30% माताएं बच्चे की देखभाल के लिये नौकरी छोड़ देती हैं, जबकि करीब 20% अपने बच्चों के लिये अपना कॅरियर पूरी तरह छोड़ देती हैं. (एक सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन का सर्वे)

- एक मां अपने बच्चे के दूसरे जन्मदिन तक बच्चे के औसतन 7300 डायपर्स बदल चुकी होती है.

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 बच्चों की देखभाल में खुद का करियर भी खत्म कर लेती हैं मां

- दुनिया में मां बनने की औसत उम्र 26.3 वर्ष है. (2014 का डेटा)

- पूरी दुनिया में हर सैकण्ड औसतन 4.3 बच्चे जन्म लेते हैं.

- सबसे ज्यादा बच्चे पैदा करने का रिकॉर्ड 18वीं शताब्दी की एक रशियन महिला के नाम है, जिसने 69 बच्चों को जन्म दिया था. 16 बार जुड़वां, 7 बार तीन बच्चे, और 4 बार एक साथ 4 बच्चों को उसने जन्म दिया था.

- सबसे कम उम्र में बच्चा पैदा करने वाली मां लीना मैडीना की उम्र 5 साल 7 महीने और 21 दिन थी, जो 1939 में पेरू में मां बनी थीं.

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 पांच साल की उम्र में मां बनी लीना

- सबसे ज्यादा उम्र में बच्चा पैदा करने वाली महिला की उम्र 72 साल थी. इनका नाम था ओंकारी पवार. पांच पोते-पोतियों वाली इस महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था.

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 अपने जुड़वां बच्चों को जन्म देने के 3 साल बाद 2009 में उनकी मौत हो गई

- 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 3 करोड़ 40 लाख शादीशुदा महिलाएं हैं और एक महिला पर औसतन 3.3 बच्चे हैं. 2001 में ये संख्या 3.8 थी, और 1991 में औसतन 4.3 था.

- जो महिलाएं अनपढ़ हैं उनके औसतन 3.8 बच्चे हैं. जबकि जो महिलाएं शिक्षित हैं उन महिलाओं के औसतन 1.9 बच्चे हैं.

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पूरी दुनिया में मदर्स डे धूम धाम से मनाया जाता है

- नेशनल रीटेल फेडरेशन के अनुसार इस साल मदर्स डे पर मां को तोहफे में दी जाने वाली जूलरी पर करीब 4.2 अरब डॉलर खर्च करने की योजना है.

- मां को बाहर घूमने ले जाने और खाने पर किया जाने वाला अनुमानित खर्च करीब 4.1 अरब डॉलर है.

- क्रिसमस के बाद मदर्स डे पर ही सबसे ज्यादा फूल और पौधे खरीदे जाते हैं. मां को तोहफे में दिए जाने वाले फूलों पर करीब 2.4 अरब डॉलर खर्च किए जाने की संभावना है.

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मां के लिए फूलों से ज्यादा खूबसूरत तोहफा कोई नहीं

- मां को तोहफा देने के लिए बेटियां औसतन 14,000 रुपए खर्चती हैं जबकि बेटे औसतन 9000 रुपए खर्च करते हैं.

- मदर्स डे पर करीब 68 प्रतिशत लोग मां को फोन करते हैं. इस हिसाब से इस दिन करीब 12.25 करोड़ फोन कॉल्स किए जाते हैं.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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