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Updated: 18 फरवरी, 2019 06:34 PM
करुणेश कैथल
करुणेश कैथल
  @karuneshkaithal
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जी हां, इसमें आश्चर्यचकित होने की कोई बात नहीं है. अभी तक आपने बकरों को केवल हलाल होने, कुर्बानी पर चढ़ने, तरह-तरह के व्यंजन बनकर हमारे प्लेटों में सजते हुए तो देखा ही है. लेकिन इन सब से ठीक परे, बकरों को सम्मान देने वाली बात भी सौ फीसदी सच है. बकरों को यह सम्मान देता है हमारा पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान. सम्मान भी कोई ऐसा-वैसा नहीं बल्कि हम भारतवासी जिस तरह से बाघों को सम्मान देते हैं ठीक वैसा ही सम्मान पाकिस्तान और वहां के लोग बकरे को देते हैं. 

दरअसल, हमारे देश भारत का राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर है और पड़ोसी देश पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु बकरे की प्रजाति का जानवर है जिसे मारखोर कहा जाता है. यह नाम सुनने में अजीब जरूर लगेगा. फारसी में इसका मतलब एक सांप खाने वाला पहाड़ी जानवर है. वैसे यह टंदोह और सांप नहीं खा सकता है. यह पाकिस्तान, भारत, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में पाया जाता है. चूंकि मारखोर पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु है इसीलिए वहां की पढ़ाई लिखाई में भी बच्चों को इसके बारे में बताया और पढ़ाया जाता है.

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मारखोर पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु है

मारखोर को पाकिस्तान ने अपना राष्ट्रीय पशु क्यों बनाया है इस बारे में फिर कभी बात करेंगे. लेकिन इतना जरूर है कि हर देश अपने-अपने राष्ट्रीय पशुओं के कारण भी कहीं न कहीं यह दिखाता है कि उस देश की क्या क्षमता हो सकती है. चाहे वह सैन्य क्षमता हो, सोचने-समझने की क्षमता हो, विकास करने की क्षमता हो आदि.

मतलब साफ है कि ‘भारत बाघ है तो पाकिस्तान बकरा’. फिर भी आए दिन पाकिस्तान की भारत के प्रति गुस्ताखियां कम नहीं हो रहीं. जरूरत है तो एक बार पाकिस्तान को आईना दिखाने की ताकि वह खुद अपने बारे में पहले जान-समझ सके.

india pakभारत बाघ है और पाकिस्तान बकरा

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