डोनाल्ड ट्रम्प होने के मायने
अपने बयानों से ट्रंप जो संकेत दे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि वो बिना सोचे समझे फैसले लेने में माहिर हैं. अब तक के संकेतों से लगता है कि भारतीयों पर जहां नौकरी का संकट होगा वहीं चीन टारगेट पर होगा.
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अमेरिका के चुने हुए अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आज से लगभग एक माह आठ दिनों के बाद अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. लेकिन शपथ लेने से पहले ही वे जो संकेत दे रहे हैं उससे तो यही लगता है कि भावी राष्ट्रपति ट्रम्प बिना सोचे समझे फैसले लेने में माहिर हैं. अब तक के संकेतों से लगता है कि भारतीयों पर जहां नौकरी का संकट होगा वहीं चीन निशाने पर होगा.
ट्रंप की बयानबाजी में झलकती है अमेरिकी की नीति |
दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्र ने जब एक धन कुबेर को अपने देश का राष्ट्रपति चुना तो सारी दुनिया हैरान थी कि तमाम सर्वेक्षणों में पिछड़ने के बावजूद डोनाल्ड ट्रम्प जीत गए. यह वही ट्रम्प हैं जो पहले कभी चुनाव नहीं लड़े, सीधा जाकर राष्ट्रपति की ही गद्दी पर बैठेंगे. ट्रंप 20 जनवरी, 2017 को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. लेकिन शपथ लेने से पहले ही उन्होंने संकेत दे दिए हैं के दुनिया उन्हें आसानी से न ले. यह तो आने वाले चार साल ही बताएंगे कि भावी राष्ट्रपति अमेरिका को किन ऊंचाइयों पर ले जाएंगे. लेकिन हाल फिलहाल के बयानों और हरकतों पर अगर ध्यान दिया जाए तो अमेरिका की नीति क्या होगी यह उनकी हाल फिलहाल में जारी की गई बयानबाजी में झलकता है.
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ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद विवादित बयान
एफ-35 फाइटर जेट पर विवादित ट्वीट
ट्रंप ने ट्वीट किया, और कहा कि ‘एफ-35 प्रोग्राम और कीमत बेलगाम है. 20 जनवरी के बाद सैन्य खरीदारी पर अरबों डॉलर बचाया जा सकता था.’ अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी ने फाइटर जेट के मौजूदा संस्करण के 2070 डिलवरी के लिए 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का करार किया है.
The F-35 program and cost is out of control. Billions of dollars can and will be saved on military (and other) purchases after January 20th.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 12, 2016
तो क्या ट्रम्प ने रुस की सहायता से जीता चुनाव
सेंट्रल इंटेलिजेंस ऐजेंसी (सीआईए) ने एक खुफिया रिपोर्ट में दावा किया है कि डॉनल्ड ट्रंप की जीत में रूस ने अहम् भूमिका अदा की है. खुफिया ऐजेंसी के अधिकारियों ने क्रेमलिन और विकीलीक्स के बीच कनेक्शन भी पाया है. हालांकि डॉनल्ड ट्रंप ने सीआईए की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. ट्रम्प की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि ये रिपोर्ट उन्हीं लोगों ने बनाई है जिन्होंने दावा किया था कि सद्दाम हुसैन के पास विनाशकारी हथियार हैं.'टीम ने कहा 'इलेक्शन बीते अब बहुत समय बीत चुका है. अब अमेरिका को दोबारा महान बनाने का समय आ गया है.'
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गौरतलब है कि जुलाई 2016 में ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान रूस से हिलेरी का ईमेल एकाउंट हैक करने को कहा था. कहा गया कि ट्रंप ने रूस की इंटेलीजेंस एजेंसी को फोन कर हिलेरी का एकाउंट हैक करने को कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि रूस हिलेरी क्लिंटन का एकाउंट हैक करके संवेदनशील 30000 ई मेल्स डिलीट कर सकेगा. इस विवादित बयान के बाद हिलेरी ने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिकी सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था तो क्या वाकई ट्रम्प ने ऐसा किया था, अगर यह सच है तो सीआईए की खुफिया रिपोर्ट सच भी हो सकती है.
चीन अमेरिकी रिश्ते
चीन ने जैसे ही ताइवान का मुद्दा उठाया ट्रम्प तिलमिलाये. दरअसल चीन ने कहा था कि अगर उन्होंने ताइवान को महत्व देकर 'एक चीन की नीति' से 'समझौता' किया तो इससे चीन एवं अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों पर काफी बुरा असर पड़ेगा. 'वन चाइना पॉलिसी' पर ट्रंप ने चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि चीन व्यापार के मुद्दे पर किसी एकराय पर नहीं पहुंचता है तो फिर उसे हमें किसी तरह का आदेश भी नहीं देना चाहिए.
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एक चैनल से हुई बातचीत में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को अपने सामान पर चीन के बाजार में बेचने के लिए भारी कर चुकाना पड़ता है. वहीं अमेरिका में चीन को इससे छूट है. लेकिन चीन व्यापार में अमेरिका को किसी तरह की छूट देने के पक्ष में नहीं है. ऐसे में 'वन चाइना पॉलिसी' का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 1979 से ही ताइवान पर चीन के रुख का सम्मान करता आया है. डोनाल्ड ट्रम्प चीन पर पहले ही मुद्दे में बदलाव करने और दक्षिण चीन सागर में सैन्य विस्तार करने का आरोप लगा चुके हैं.
ताइवान को लेकर चीन से सीधा पंगा
राष्ट्रपति का चुनाव जीतते ही ट्रम्प ने ताइवान की प्रेसिडेंट साइ इंग वेन से फोन पर बात की. 37 साल में यह पहला मौका था जब यूएस के किसी प्रेसिडेंट या प्रेसिडेंट इलेक्ट ने ताइवान के किसी प्रेसिडेंट से सीधी बातचीत की हो. ट्रम्प के इस कदम से चीन नाराज हो गया था. चीन ने एक बयान में कहा कि हमने ट्रम्प की ताइवान प्रेसिडेंट से बातचीत को गंभीरता से लिया है. इस बारे में संबंधित लोगों के सामने विरोध दर्ज कराया है.
एयर फोर्स वन
सबसे पहले उन्होंने एक ट्वीट के जरिए एयरप्लेन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग के छक्के छुड़ा दिए. ट्वीट में ट्रंप ने लिखा, 'भविष्य के राष्ट्रपतियों के लिए बोइंग एक नया 747 एयर फोर्स वन प्ले न बना रहा है लेकिन इसकी कीमत कंट्रोल से बाहर है और यह चार अरब डॉलर से ज्यादा है. ऑर्डर कैंसल किया जाए!'.
Boeing is building a brand new 747 Air Force One for future presidents, but costs are out of control, more than $4 billion. Cancel order!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 6, 2016
एच-1बी वीजा: 86 हजार भारतीयों की नौकरी पर संकट
ट्रंप ने कहा है कि वह वह इस बात की बिल्कुल अनुमति नहीं देंगे कि नौकरियों में अमेरिकियों की जगह विदेशी नागरिक लें. उन्होंने डिज्नी वर्ल्ड और उन दूसरी अमेरिकी कंपनियों का हवाला दिया, जहां भारतीय कामगारों समेत एच1-बी वीजा पर अमेरिका आए अन्य विदेशियों ने अमेरिकियों की नौकरियां छीन लीं. गुरुवार को अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'हम प्रत्येक अमेरिकी की जिंदगी सुरक्षित करने के लिए लडेंगे. गौरतलब है की अमेरिका में एच1-बी वीजाधारी में सबसे ज्यादा भारतीय ही हैं.
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हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा जब ट्रम्प भारतीयों को लेकर इस तरह का बयान दे रहे हों, इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने भी अपने पहले चुनाव के वक्त ‘माई जॉब इज बैंगलोर्ड’ (मेरी नौकरी बेंगलूरु जा चुकी है) को चुनावों के दौरान खूब भुनाया था.
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