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Updated: 27 मार्च, 2017 01:11 PM
अशोक उपाध्याय
अशोक उपाध्याय
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कांग्रेस के नेता एवं धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की 21 मार्च को हत्या कर दी गई. मोटरसाइकिल पर सवार शूटरों ने शाम सवा सात बजे शहर के स्टील गेट के पास उनको गोलियों से छलनी कर दिया. नीरज सिंह के साथ उनके ड्राइवर, निजी बॉडीगार्ड व निजी सचिव के भी मौत का घाट उतार दिए गए. यह हालात है भारत के कोल कैपिटल के रूप में मसहूर धनबाद के, जो कि भाजपा शासित झारखण्ड राज्य का प्रमुख शहर है. नगर के पॉश माने जाने वाले इलाके में आधुनिकतम हथियारों से 100 से ज्यादा राउंड की फायरिंग कर चार लोगों को मौत की नींद सुला दिया जाता है. 

wasepur_650_032717113901.jpgधनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह और उनके चचेरे भाई झरिया के भाजपा विधायक संजीव सिंहनीरज सिंह की हत्या होते ही उनके समर्थक एवं परिवार इसमें भाजपा के झरिया क्षेत्र के विधायक संजीव सिंह का हाँथ होने की बात करने लगे. नीरज एवं संजीव दोनों चचरे भाई हैं. दोनों के चाचा एवं पूर्व मंत्री बच्चा सिंह और नीरज के भाई एकलव्य सिंह हत्याकांड के लिए सीधे तौर पर भाजपा विधायक संजीव सिंह को जिम्मेवार ठहराया. एकलव्य सिंह ने कहा बड़े भाई नीरज सिंह की बढ़ती राजनैतिक लोकप्रियता और पारिवारिक जलन से संजीव सिंह ने मेरे बड़े भाई की हत्या करवा दी. FIR में भी भाजपा विधायक का नाम है पर पुलिस ने अभी तक उनको हिरासत में नहीं लिया है.

धनबाद में विधि-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. हत्या को लेकर सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक की तरफ इशारा हो रहा है. कल्पना कीजिये अगर यही स्थिति पड़ोसी राज्य बिहार में होती तो अबतक भाजपा जंगल राज का सुर अलाप रही होती. पर यहाँ की स्थिति शायद उनको मंगलमय लग रही होगी, क्योंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार है जिसके ऊपर प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी है. खुद के राज को जंगल राज एवं खुद के विधायक को हत्या का आरोपी मानना तो अच्छे दिन वालों के गले के नीचे नहीं उतर रहा है. नीरज सिंह एवं संजीव सिंह उसी परिवार के हिस्सा हैं जिस पर गैंग ऑफ़ वासेपुर फ़िल्म बनाई गई थी. भारत के कोल कैपिटल पर वर्चस्व की लड़ाई में इसके एक पावर सेंटर को तात्कालिक रूप से समाप्त कर दिया गया है. इस वर्चस्व की लड़ाई में एक और केंद्र उभर के आया है. ये हैं भाजपा के बाघमारा के विधायक ढुल्लू महतो. पिछले साल एक रूसी कंपनी ने ढुल्लू महतो पर पैसे मांगने एवं विधायक के लोगों को जरदस्ती नौकरी में रखवाने के लिए दबाब डालने का आरोप लगाया था. आईजेड कारटेक्स नाम की यह कंपनी धनबाद में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की साइट्स पर शावेल मशीनों की आपूर्ति और उनकी मेंटेनेंस का काम का कॉन्ट्रैक्ट लिया था.

इस संबंध में कोलकाता में रूसी महावाणिज्यदूत ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक चिट्ठी लिख कर मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था. इससे भाजपा सरकार की काफी छीछालेदर हुई थी. एक तरफ मोदी देश विदेश घूम-घूम कर बाहरी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित कर रहे हैं ताकि उनका मेक इन इंडिया का सपना साकार हो सके दूसरी तरफ उनके विधायक पर विदेशी कंपनियों से उगाही का आरोप लग रहा है. अगर ये आरोप किसी विपक्षी विधायक पर लगता तो भाजपा अब तक कितना हाए तौबा मचाती?  स्थानीय लोगों के अनुसार ढुल्लू महतो धनबाद के पहले दलित डॉन बन चुके हैं. उनके विरोधी बोलते हैं कि धनबाद की अधिकतर खदानों पर धुलु महतो का राज चलता है, उन पर यह भी आरोप है कि वो स्थानीय प्रशासन और पुलिस के सहयोग से कोयला कंपनी को लूट कर कंगाल कर रहे हैं. राजनितिक हलकों में उनको मुख्यमंत्री का चहेता माना जाता है इसलिए कोई इनका बाल भी बांकां नहीं कर पाता.

भाजपा के ये दोनों विधायक नरेंद्र मोदी एवं अमित शाह के साथ कंधे से कंधा मिला के अच्छे दिन लाने के उनके मिशन के लिए काम कर रहे हैं. शायद ये भाजपा का वासेपुर मॉडल ऑफ़ डेवलपमेंट हैं. इस मॉडल में शायद अपराध युक्त विकास होता है.

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लेखक

अशोक उपाध्याय अशोक उपाध्याय @ashok.upadhyay.12

लेखक इंडिया टुडे चैनल में एडिटर हैं.

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