New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 31 मार्च, 2017 12:44 PM
गोपी मनियार
गोपी मनियार
  @gopi.maniar.5
  • Total Shares

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह 30 मार्च को बतौर गुजरात के विधायक विधानसभा में पहुंचे थे. विधानसभा में विपक्ष कांग्रेस की गैर हाजरी में अमित शाह ने अपना भाषण दिया. तो वहीं करीबन 2 साल बाद एक बार फिर गृह राज्य में आने कि वजह से खुद अमित शाह ने कांग्रेस के विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला से मिलने की इच्छा जतायी थी.

amitshah650_033117121038.jpg

तकरीबन 45 मिनट के इंतजार के बाद अमित शाह शंकर सिंह वाघेला से मिलने के लिए पहुंचे. एक औपचारिक मुलाकात के तौर पर शंकरसिंह वाघेला और अमित शाह की ये मुलाकात हुई जिसे ओपन मुलाकात कहा जाएगा, क्योंकि उसी मीटिंग में वाघेला और अमित शाह के साथ-साथ मुख्यमंत्री विजय रुपानी, गुजरात बीजेपी के पार्टी अध्यक्ष जीतु वाधानी और कांग्रेस के सीनियर नेता शक्तिसिंह गोहिल भी मौजूद थे.

शंकर सिंह वाघेला का कहना है कि ये मुलाकात पूर्ण रूप से एक औपचारिक मुलाकात थी, क्योंकि कल गृहमंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने ही खुद शंकर सिंह वाघेला से मुलाकात कर अमित शाह मिलना चाहते है इस तरह कि इच्छा जतायी थी वैसे में राजनैतिक पार्टी के तौर पर औपचारीक मुलाकात होती हौ इसी लिये वो मिले.

vaghela650_033117121059.jpg

बापू ने कहा इस मुलाकात का गलत मतलब ना निकालो....

अमित शाह और शंकर सिंह वाघेला के बीच हुई इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर ये मैसेज वायरल होने लगा कि शंकर सिंह वाघेला बीजेपी से जुड़ गए हैं. हालांकि, इस बात पर वाघेला का कहना है कि भले ही वो पहले बीजेपी के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन अब उनका बीजेपी से जुड़ना किसी भी हालत में संभव नहीं है. यहां तक कि उन्होंने कहा, "जब तक में खुद कांग्रेस में हूं तब तक मेरे विधायक बेटे का भी भाजपा से जुडना संभव नहीं है. अमित शाह गृह के सदस्य हैं और उन्होंने मिलने की इच्छा जताई थी इसलिए मैं मिला."

साफ है कि शंकर सिंह वाघेला को लेकर बार-बार ये बातें होती रहती हैं कि वो कांग्रेस को छोड़ बीजेपी से जुड़ने वाले हैं. पिछली बार जब 2014 में नरेन्द्र मोदी गुजरात छोड़ दिल्ली जा रहे थे, उस वक्त भी इस बात ने काफी जोर पकड़ा था कि वाघेला अब बीजेपी से जुड़ने में जरा भी देर नहीं लगाएंगे. तब भी वाघेला ने इस बात को खारिज किया था. कुछ दिनों पहले एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार गुजरात आए थे तब वाघेला और शरद पवार के बीच एक मीटिंग हुई थी. उस वक्त भी यही बात कही जा रही थी कि वाघेला कांग्रेस छोड़ एनसीपी से जुड़ सकते हैं. हालांकि, बाद में खुद वाघेला ने ही इस मुलाकात को एक औपचारिक मुलाकात बताया था और कहा था कि शरद पवार के साथ उनके पुराने रिश्ते हैं इस लिहाज से वो उनहे मिलने आये थे. वाघेला से मुलाकात के बाद अब चुनाव होने वाले हैं और इन हालात में ये कहना गलत नहीं होगा कि बीजेपी कहीं ना कहीं नेतृत्व की कमी के चलते पिछड़ रही है. इसी साल, कांग्रेस ने काफी मजबूत टीम सामने खड़ी कर ली है. चुनावी रणनीति के मामले में भी कहीं बीजेपी पिछड़ ना जाए और शायद यही कारण है कि वाघेला से अमित शाह की मुलाकात को भी अब राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है.

आज भी शंकर सिंह वाघेला को इस बात का मलाल है कि उन्हें कांग्रेस में अपना नहीं माना जाता क्योंकि उनकी जड़ें आरएसएस से जुड़ी हुई हैं. हालांकि, वाघेला ने पिछली पार्टी बैठक में ही ये घोषणा कर दी थी कि वो सीएम की रेस में नहीं हैं. अब शंकर सिंह वाघेला की अमित भाई शाह से मुलाकात को बस एक औपचारिकता ही माना जाएगा.

ये भी पढ़ें-

गुजरात में चुनाव जल्द होने पर भी बीजेपी को कोई एक्स्ट्रा फायदा नहीं मिलने वाला

गुजरात चुनाव में बीजेपी के लिये 3 बड़ी चुनौती

यूपी का रिकॉर्ड गुजरात में दोहराने की रणनीति बनना शुरू

लेखक

गोपी मनियार गोपी मनियार @gopi.maniar.5

लेखिका गुजरात में 'आज तक' की प्रमुख संवाददाता है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय