New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 06 अप्रिल, 2019 11:30 AM
अभिनव राजवंश
अभिनव राजवंश
  @abhinaw.rajwansh
  • Total Shares

वैसे तो भारत के साथ-साथ विश्व के कई देशों में नवरात्रि की धूम रहती है, मगर हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. वैसे भी पीएम मोदी का नवरात्रि से गहरा रिश्ता है. मोदी नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत तो रखते ही हैं, साथ ही साथ प्रधानमंत्री अपने हर बड़े काम की शुरुआत भी नवरात्रि पर ही करना पसंद करते हैं.

प्रधानमंत्री के तौर पर यह मोदी का तीसरा साल होगा और हर साल मोदी नवरात्रि के दौरान कुछ न कुछ खास करते नजर आतें हैं. जहाँ अपने प्रधानमंत्री काल के पहले साल यानि 2014 में नवरात्रि के दौरान अपनी पहली अमेरिका दौरे पर थे. मोदी ने वहां प्रधानमंत्री के तौर पर कई बैठकों में शामिल रहें और साथ ही साथ कई सभाओं को भी संबोधित किया. मगर इस दौरान उन्होंने केवल नींबू पानी ही लिया.

navratri_650_032717125356.jpg

तो वहीं दूसरे साल 2015 में नरेंद्र मोदी ने नवरात्रि के पहले दिन असम के मशहूर कामाख्या देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर अपने व्रत की शुरुआत की थी. पूजा करने के बाद पीएम मोदी ने असम में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की थी और इसके परिणाम भी बीजेपी के लिए शानदार रहे. सूबे में हुए चुनाव में बीजेपी को जीत हासिल हुई और पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में भगवा पार्टी की सरकार बनी. बात अगर साल 2016 के नवरात्रि की करें तो इस दौरान नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी, मोदी ने दशहरा का त्यौहार भी लखनऊ में ही मनाया था, और इसके परिणाम भी ऐतहासिक रहे. भारतीय जनता पार्टी और उनके सहयोगियों को प्रदेश के 325 सीट मिलीं और 15 वर्षों के बाद प्रदेश में बीजेपी वापस सत्ता में आ सकी.

कब से रखते हैं व्रत ...

नवरात्रि के मौके पर नरेंद्र मोदी के उपवास का सिलसिला चार दशक से भी ज्यादा पुराना है. नवरात्रि के प्रति नरेंद्र मोदी के आकर्षण की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. बात 1969-70 की है, जब नरेंद्र मोदी मेहसाणा जिले के अपने कस्बे वडनगर से निकलकर अहमदाबाद आए थे. उसी दौर में मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन प्रांत प्रचारक लक्ष्मणराव इनामदार उर्फ वकील साहब के संपर्क में आए, वकील साहब को उपवास करने की बड़ी आदत थी. मोदी भी वकील साहब की इस आदत से काफी प्रभावित हुए फिर क्या था मोदी ने भी नवरात्रि के मौके पर सभी नौ दिनों के उपवास की ठान ली. तब से मोदी लगातार नवरात्रि के मौके पर पूरी तरह अन्न का त्यागकर सिर्फ गुनगुना पानी पीते हैं. चालीस सालों से इस सिलसिले के दौरान मोदी ने अपने जीवन के कई पड़ाव भी देखे. जहाँ व्रत की शुरुआत के समय मोदी संघ के सामान्य से प्रचारक हुआ करते थे. तो आज विश्व के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश के प्रधानमंत्री हैं. मगर अपनी इस यात्रा के दौरान साल में दो बार मोदी नवरात्रि का व्रत रखना नहीं भूले. मोदी इस दौरान गुजरात बीजेपी संगठन महामंत्री, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे. हालाँकि, यहाँ यह जान लेना भी जरुरी है कि मोदी ने इस दौरान मोदी ने कभी अपने काम से छुट्टी नहीं ली, बल्कि मोदी नवरात्रिों के दौरान दुगने उत्साह के साथ अपने कामों को निपटाते नजर आए.

हालांकि, पीएम मोदी नवरात्रि व्रत पर ज्यादा बात नहीं करते मगर साल 2012 में उन्होंने पहली बार इसकी जानकारी दी थी, उस समय वो गुजरात के सीएम हुआ करते थे. उन्होंने अपने ब्लॉग में बताया था कि वो बीते 35 वर्षों से यह व्रत रखते आ रहे हैं. मोदी के मुताबिक वो आत्मा-शुद्धिकरण के लिए यह व्रत रखते हैं. उनके मुताबिक इस व्रत से उन्हें शक्ति मिलती है और साथ ही वह हर रात को मां दुर्गा से संवाद करने में भी समर्थ हो पाते हैं.

ये भी पढ़ें-

PM मोदी का योगी रुप...

डरो नहीं मुसलमानों तुम्हारा सीएम नेता बाद में, पहले एक योगी है..

लेखक

अभिनव राजवंश अभिनव राजवंश @abhinaw.rajwansh

लेखक आज तक में पत्रकार है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय