New

होम -> सियासत

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 22 सितम्बर, 2016 05:45 PM
आईचौक
आईचौक
  @iChowk
  • Total Shares

शुरू से ही अरविंद केजरीवाल का महिला सुरक्षा पर खास जोर रहा है. तब भी जब शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बाद बेबसी दिखातीं रहीं तो वो जीभर कोसते. जैसे ही शीला दीक्षित दिल्ली पुलिस पर कंट्रोल न होने की दुहाई देतीं केजरीवाल तंज मारते ऐसे सीएम का क्या मतलब?

वक्त की नजाकत देखिए केजरीवाल उन्हीं शीला दीक्षित को बेदखल कर दिल्ली के सीएम बन गये - और शीला फिर से उसी पद के लिए यूपी में संघर्ष कर रही हैं, ये बात अलग है कि केजरीवाल भी दिल्ली पुलिस के मामले में शीला वाली ही हालत में पहुंच गये हैं.

सरेआम हत्या

इस हफ्ते दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ एक साथ कई अपराध हुए हैं. बुराड़ी की घटना ने तो जैसे हर किसी को झकझोर कर रख दिया है. कैसे सरेआम एक हमलावर बीच सड़क पर एक लड़की को चाकुओं से लगातार वार करके मार डालता है. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि हमलावर ने चाकू से लड़की पर 20 से भी ज्यादा वार किये.

इसे भी पढ़ें: जान लीजिए, इन 5 में से कोई आपके पीछे तो नहीं पड़ा है

पिछले साल जुलाई में ऐसी ही एक घटना दिल्ली के ही आनंद पर्वत में हुई थी. मीनाक्षी हत्याकांड. एक सिरफिरे ने मीनाक्षी को दौड़ा दौड़ा कर चाकू मार डाला था. वो लड़की जान बचाने के लिए भागती रही. इस घर से उस घर कहीं कोई मदद नहीं मिली. उसके शरीर पर भी चाकू के तीस से ज्यादा जख्म पाये गये थे.

पुलिस की तो छोड़िये, दोनों ही घटनाओं में तमाशबीन भीड़ हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने तब बड़ी ही मार्मिक अपील की थी - लेकिन वो अपील बेअसर रही.

बेअसर अपील

मीनाक्षी की हत्या को लेकर केजरीवाल का एक वीडियो मैसेज आया था - इस मैसेज में भी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को घसीटा था. प्रधानमंत्री मोदी से केजरीवाल ने अपील की थी, "मेरी एक छोटी सी विनती है. या तो आप रोजाना एक घंटा दिल्ली के कानून व्यवस्था के लिए निकाला कीजिए या दिल्ली पुलिस की जवाबदेही तय कीजिए. नहीं तो दिल्ली पुलिस हमें दे दीजिए. जनता के साथ मिलकर हम दिल्ली की कानून व्यवस्था को ठीक करेंगे."

प्रधानमंत्री के साथ साथ केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से भी ऐसी घटनाओं के खिलाफ आगे आने की अपील की थी. केजरीवाल ने लोगों से कहा था कि वे डरें नहीं. लोगों पर केजरीवाल की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ. बुराड़ी में भी लोग हत्या के मूक चश्मदीद बने रहे.

बुराड़ी की घटना से भी केजरीवाल को बहुत दुख हुआ होगा लेकिन अभी तो खुद भी मजबूर हैं. अभी अभी वो लंबी जबान का ऑपरेशन करा कर लौटे हैं - और पुलिस द्वारा उन्हीं के खिलाफ केस दर्ज किये जाने की खबर है. केजरीवाल ने सवाल भी उठाया है भला प्रधानमंत्री की इजाजत के बगैर पुलिस किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ FIR कैसे कर सकती है? वैसे एसीबी के अफसर की ओर से कहा गया है कि शिकायत में केजरीवाल का नाम जरूर था लेकिन FIR में उनका नाम नहीं है.

वे चुनावी वादे

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए केजरीवाल द्वारा किये गये 70 वादों में महिला सुरक्षा से जुड़ी कई बातें थीं. मसलन, महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरी दिल्ली में 10 से 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में आरोपियों को जल्द सजा मिले इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाएंगे, 12 हजार होम गार्ड्स के जवानों की नौकरी पक्की करके उन्हें बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात करेंगे.

kejriwal-turban_650_092216053257.jpg
पहले दिल्ली, अब पंजाब...

हाल ही में RTI के हवाले से आई खबर से पता चला है कि फरवरी 2015 से लेकर जून 2016 तक महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर कोई मीटिंग हुई या नहीं, इसकी कोई जानकारी विभाग के पास नहीं है.

...और ये मच्छर

चिकनगुनिया और डेंगू से जूझ रही दिल्ली में फिलहाल मच्छर पर सियासत जारी है. जब दिल्ली के लोग मुसीबत से जूझ रहे होते हैं तो मालूम होता है कि पूरा सरकारी अमला सैर सपाटे पर निकला है. कोई मेडिकल टूर पर तो कोई एजुकेशन टूर पर तो कोई वीकेंड हैंगआउट पर. क्या मुख्यमंत्री, क्या डिप्टी सीएम और क्या उप राज्यपाल, कोई नहीं जिससे कोई अपना दुखड़ा रो सके. वैसे मुख्यमंत्री केजरीवाल की बात और थी - क्योंकि वो तो पहले से ही ऑपरेशन के लिए जाने वाले थे.

जब खबर आई कि दिल्ली में ऐसी हालत है तो एलजी साहब भी चेते. आव न देखा ताव उन्होंने डिप्टी सीएम को फौरन दिल्ली को रिपोर्ट करने को कहा. लेकिन वो भूल गये कि वो डिप्टी सीएम को बुला रहे हैं कोई दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को नहीं कि तलब किया और हाजिर हो गये. भला डिप्टी सीएम उनकी क्यों सुनते. वो भी अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से लौटे.

दिल्ली के बाद केजरीवाल ने पंजाब का रुख किया है. केजरीवाल पंजाब को नशा मुक्त कराने का भरोसा दिला रहे हैं. लोग केजरीवाल पर भरोसा करते हैं. अगर भरोसा नहीं करते तो उन्हें दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर जीत नहीं हासिल होती.

इसे भी पढ़ें: ‘Stalker’ के लिए हिंदी शब्द न होना खतरनाक है

दिल्ली के बाद अब पंजाब की बारी है. खबरों में केजरीवाल की पार्टी की स्थिति भी बेहतर बताई जा रही है. कुछ लोगों के लिए प्रतिकूल माहौल में काम करना मुश्किल होता है. आदर्श स्थिति मुहैया कराई जाये तो केजरीवाल भी आदर्श गवर्नेंस की मिसाल पेश कर सकते हैं. लेकिन जब तक ऐसी स्थिति नहीं आती संघर्ष जारी रहेगा ये मान कर चलना चाहिये.

दिल्ली में संघर्ष तो देख ही रहे हैं - अगला पड़ाव पंजाब है. अगर वहां भी मुमकिन नहीं हो पाया तो फिर गोवा या गुजरात का रुख करना होगा. कभी न कभी, कहीं न कहीं तो मौका मिलेगा - और कहीं नहीं तो 2019 ज्यादा दूर थोड़े ही है.

लेखक

आईचौक आईचौक @ichowk

इंडिया टुडे ग्रुप का ऑनलाइन ओपिनियन प्लेटफॉर्म.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय