पाक आर्मी की बड़ी चूक जिसके कारण वह कुलभूषण जाधव का केस हार जाएगा !
पाकिस्तान आर्मी की हिरासत में मौजूद कुलभूषण जाधव यदि भारतीय जासूस है तो भी पाक आर्मी ने उसकी शॉर्ट फिल्म बनाकर इस मामले को नाटकीय, झूठा और हास्यास्पद बना दिया है.
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पाकिस्तान सुरक्षा एजेंसियों ने एक पूर्व भारतीय नेवल अफसर को पकड़कर भारतीय हुक्मरानों के सामने अच्छी खासी मुश्किल खड़ी कर दी थी. लेकिन मंगलवार को उन्होंने जाधव का जो वीडियो जारी किया है, उससे यह मामला एक मजाक में तब्दील हो गया.
छह मिनट के वीडियो में जाधव को स्वीकार करते हुए दिखाया गया है कि वह एक भारतीय जासूस है और इरान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल होते हुए पकड़ा गया. लेकिन गौर से देखने में पता चलता है कि वीडियो में जाधव नहीं कोई फिल्मी स्क्रिप्ट बोल रही है.
वीडियो शूटिंग
शुरुआत इस 'कन्फेशन' की वीडियो शूटिंग से. बाकायदा एक सेट लगाया गया है. एक गद्देदार सोफे पर जाधव बैठे हैं, मानो वे किसी डिप्लोमैटिक दौरे पर पाकिस्तान गए हैं. वे उस सोफे पर बड़े आराम से बैठकर सिलसिलेवार कहानी बयां कर रहे हैं. उस कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए बीच बीच में उन्हें हंसते हुए दिखाया गया है. इसके अलावा पाकिस्तान में अलग अलग जगहों पर हुई हिंसा के फुटेज जोड़े गए हैं. छह मिनट की इस फिल्म को किसी पेशेवर फिल्मी निर्देशक से ही शूट करवाया लगता है, क्योंकि जाधव की बातें साधारण एक कैमरे के बजाए अलग अलग कैमरा एंगल से शूट की गई हैं. बेहद फिल्मी.
फिर फैक्ट्स
भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर रहे कुलभूषण यादव पिछले तीन महीने से लापता हैं. लेकिन वीडियो में उन्हें कहते दिखाया गया है कि इसी महीने यानी 3 मार्च को उन्हें पाकिस्तान की इरान से लगी सीमा से गिरफ्तार किया गया है. और उनका कवर नाम हुसैन मुबारक पटेल है. दिलचस्प यह है कि जाधव के पास से भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ है, जबकि दुनिया में कोई भी जासूस अपना मूल पासपोर्ट साथ लेकर नहीं चलता है. वीडियो में बताया गया है कि वे अब भी नौसेना में हैं, जबकि हकीकत यह है कि वह काफी पहले रिटायरमेंट ले चुके हैं. बेहद नाटकीय.
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हास्यास्पद स्वीकारोक्ति
जाधव कहते हैं कि उन्हें भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ ने बलूचिस्तान और कराची में अस्थिरता पैदा करने के लिए भेजा था. ऐसा कहने के बाद वे हंसते हुए दिखाई देते हैं.
पाकिस्तानी आर्मी को शायद यह समझ नहीं आया कि इतना संगीन तथ्य उजागर करने के बाद हिरासत में मौजूद कोई जासूस हंसेगा नहीं, बल्कि अपने अंजाम को सोचकर हालत खराब हो रही होगी.
वीडियो में जाधव की हंसी पूरे मामले को बनावटी बना देती है. |
पूरी स्क्रिप्ट किसी पूछताछ का हिस्सा न होकर, एक ऐसी शॉर्ट फिल्म की पटकथा लग रही थी, जिसके जरिए बेहद साधारण भाषा में पाकिस्तानी आर्मी अपने लोगों को यह समझाना चाह रही है कि किस तरह भारत उनके देश में आतंकवाद फैला रहा है. बेहद काल्पनिक.
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झूठी प्रेस कान्फ्रेंस
इस वीडियो के जारी होने के बाद आर्मी ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि जाधव ने स्वीकार किया है कि वह गवादर की एक होटल में धमाके, बेहरान नेवल बेस पर हमला और उसकी फंडिंग, कराची में एसएसपी चौधरी असलम की हत्या के मामलों में भी शामिल है.
बलूचिस्तान में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने का उसका मंसूबा था. अब यदि एक बार इस तथ्य को मान लिया जाए कि अकेला जाधव इतनी बड़ी बड़ी कार्रवाई करने की ताकत रखता था. तब तो अब तक तो दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद को खाक में मिल जाना चाहिए था.
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