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Updated: 14 अप्रिल, 2017 10:16 PM
रीमा पाराशर
रीमा पाराशर
  @reema.parashar.315
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भाजपा और आप के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुकी दिल्ली की राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा के जीतने और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरजीत सिंह की जमानत जब्त होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ सकती हैं.

आप के असंतुष्टों पर भाजपा की नजर

सूत्रों के हवाले से खबर है कि शनिवार से उड़ीसा के भुवनेश्वर में शुरू हो रही भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक में दिल्ली की केजरीवाल सरकार को संकट में डालने को लेकर रणनीति तय हो सकती है. आम आदमी पार्टी के  करीब 15 विधायक भाजपा के संपर्क में है. दरअसल बीजेपी राजौरी गार्डन उपचुनाव के नतीजों के इंतजार में थी. अगर यह परिणाम केजरीवाल के पक्ष मे जाता तो आम आदमी पार्टी से विधायकों का पलायन कुछ समय के लिए रूक जाता लेकिन आम आदमी पार्टी की जमानत जब्त होने के बाद केजरीवाल से असंतुष्ट विधायकों का भाजपा में आना तय है.

strategy-650_041417073003.jpgआप के विधायकों को अपने पाले में लाने की रणनीति

क्या है भाजपा की रणनीति

भाजपा सूत्र बताते हैं कि भाजपा अब केजरीवाल से नाराज विधायकों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर तेजी से आगे बढेगी. भाजपा का मानना है कि गोवा में एक भी सीट न जीतने, पंजाब में सरकार बनाने का सपना चकनाचूर होने, शुगलू कमेटी की रिपोर्ट में आप को कटघरें में खड़ा करने और आप के 21 विधायकों पर विधायकी जाने की लटकी तलवार के बाद आप में भगदड़ मचना तय है.

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही आप पार्टी के बवाना से विधायक वेद प्रकाश ने भाजपा का दामन थाम लिया था. इसके पहले बिजवासन से आम आदमी पार्टी के विधायक देवेंन्द्र सेहरावत के विद्रोह का बिगुल फूकने के बाद पार्टी ने उन्हे निष्कासित कर दिया था. राजौरी गार्डन सीट जीतने के बाद भाजपा की सीटें बढकर चार हो गई हैं, वहीं आम आदमी पार्टी की सीटें 67 से घटकर 64 हो गई हैं. भाजपा आम आदमी पार्टी के 25 विधायकों को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है. भाजपा सूत्रों का कहना है कि आप के 15 विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं. भाजपा की रणनीति 25 आम आदमी पार्टी विधायकों से बगावत कर आम आदमी पार्टी को नए चुनाव में जाने के लिए मजबूर करना है.

राज्यसभा जाने से रोकना प्राथमिकता

दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटें है और इन तीन सीटों का कार्यकाल 9 महीने बाद जनवरी 2018 में खत्म हो रहा है. आम आदमी पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद इन तीनो सीटों सें राज्यसभा से आम आदमी पार्टी का जाना तय है. भाजपा की कोशिश कि अगले साल जनवरी में दिल्ली से खाली हो रही तीनों राज्यसभा सीटों के चुनाव से पहले ही आप में बगावत कराने की है जिससें आम आदमी पार्टी को राज्यसभा में जाने से रोका जा सके.

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लेखक

रीमा पाराशर रीमा पाराशर @reema.parashar.315

लेखिका आज तक में पत्रकार हैं.

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