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Updated: 13 अक्टूबर, 2016 09:10 PM
गोपी मनियार
गोपी मनियार
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गुजरात विधानसभा चुनाव में वैसे तो अभी एक साल बाकी है, लेकिन विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य में जल्द चुनाव कराये जा सकते हैं. अरविंद केजरीवाल को भी शायद इसका अंदेशा है. वैसे, चुनाव जब भी हों, ये तो है कि उनके पाटीदार कार्ड ने गुजरात में राजनीतिक सरगर्मी जरुर पैदा कर दी है.

केजरीवाल 14 तारीख से गुजरात के चार दिन के दौरे पर रहेंगे. ये खास इसलिए है क्योंकि पहली बार केजरीवाल चार दिनों के लिए गुजरात जा रहे हैं. इस दौरान वे उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और दक्षिण गुजरात के हिस्सों का दौरा करेंगे. चाहे वडोदरा हो, अहमदाबाद, मेहसाना या फिर सूरत...केजरीवाल के इस दौरे की एक चीज बीजेपी की नींद उड़ा सकती है और वो है पाटीदारों से उनका मेलजोल.

दरअसल, सूरत में विजय रुपानी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी के दौरान जिस तरह पाटीदारों ने हंगामा किया, वो पार्टी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. दूसरे शब्दों में कहिए तो एक संदेश ये जा रहा है कि पाटीदारों के बीच बीजेपी हासिये पर आ गयी है. वहीं, केजरीवाल पाटीदारों के जरिये गुजरात की सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं. ऐसे में केजरीवाल का ये चार दिन का दौरा काफी दिलचस्प इसलिये भी है कि वो अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरने के बाद सीधे पाटीदारों के गढ़ मेहसाना जा रहे हैं. वहां केजरीवाल पाटीदार आंदोलन के दौरान मरने वाले ओर घायल हुए लोगों के परिवार से मिलेंगे.

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साथ ही केजरीवाल पाटीदारों की कुलदेवी के सब से बड़े तीर्थधाम उंजा के उमियाधाम मंदिर भी दर्शन के लिये जा रहे हैं. मतलब साफ है, पाटीदारों की कुलदेवी के सामने माथा टेक वे गुजरात के 17 प्रतिशत पाटीदारों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं.

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 कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में...केजरीवाल इस लाइन का मतलब समझ चुके हैं.

गुजरात में पाटीदार भले ही 17 प्रतिशत हैं. लेकिन वे सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात ओर दक्षिण गुजरात सहित करीबन 50 से ज्यादा सीटो पर अपना प्रभुत्व रखते हैं. यही वजह है कि केजरीवाल राज्य सरकार की पुलिस दमन की कहानी नाराज पाटीदारों को एक बार फिर याद करा कर अपनी राजनीति आगे बढ़ाएंगे.

साथ ही केजरीवाल उस श्वेतांग के परिवार से अहमदाबाद में मिलेंगे जिस की मौत सिर पर पुलिस का डंडा लगने से हुई थी. 15 अक्टूबर की रात वो वडोदरा में बितायेंगे. वडोदरा को संस्कारों की नगरी कहा जाता है. यहां एम एस युनिवर्सिटी जैसे शिक्षण संस्थान हैं जहां केजरीवाल युवाओं को आकर्षित करने का कोई मौका नही छोड़ेंगे. केजरीवाल को 16 तारीख को सूरत में एक जनसभा को भी संबोधित करना है. सूरत की केजरीवाल की ये सभा उनके लिये नाक का विषय बनी हुई है.

दरअसल केजरीवाल ने गुजरात की उस वक्त कि आनंदीबेन पटेल सरकार के जरिये व्यापारियों पर दबाव बनाकर खुद की सभा को रद्द करवाने का आरोप लगाया था. केजरीवाल को उम्मीद है कि जिस तरह उन्होंने हार्दिक पटेल के मामले में पाटीदारों का साथ दिया था, हार्दिक के राजद्रोह के खिलाफ वीडियो जारी किया था, उससे सूरत में होने वाली उनकी सभा में फायदा होगा. पाटीदार उनका पूरा साथ देंगे.

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सूरत में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का पाटीदारों द्वारा कड़ा विरोध किया गया था. अब केजरीवाल सूरत आ रहे हैं. इस लिहाज से राजनीति यहां चरम पर है. केजरीवाल के दौरे से पहले यहां अलग-अलग समुदाय के पोस्टर लग चुके हैं, जिसमें उनका विरोध किया जा रहा है. इनमें पाटीदार समुदाय के भी पोस्टर हैं और सात सवाल भी केजरीवाल से पूछे गए हैं. हालांकि आम आदमी पार्टी के गुजरात के प्रभारी गुलाब सिंह यादव का कहना है कि ये तमाम विरोध गुजरात सरकार और बीजेपी करा रही है ताकि केजरीवाल वहां रैली न कर सकें.

जो भी हो, ये देखना वाकई रोचक होगा कि पाटीदार केजरीवाल का कितना साथ देते हैं....

लेखक

गोपी मनियार गोपी मनियार @gopi.maniar.5

लेखिका गुजरात में 'आज तक' की प्रमुख संवाददाता है.

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