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Updated: 04 अप्रिल, 2017 09:23 PM
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केजरीवाल और आरोपों का तो जी चोली-दामन का साथ है. इतिहास गवाह है कि जब से केजरीवाल जी का उदय हुआ है तब से ही उन्होंने आरोपों और प्रत्यारोपों की ऐसी झड़ी लगा दी है कि देश मानसून की तरह बन गया और विवादों की बारिश होने लगी. केजरी लीला तो जी उन 36 लीलाओं में से एक है जिसका व्याख्यान करना आम मनुष्यों के बस की बात नहीं है.

खैर, जो भी हो केजरी लीला का एक अनोखा रूप है. इसमें श्रीमान केजरीवाल साहब किसी भी इलेक्शन के पहले ऐसे आरोप लेकर आते हैं जिसका कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. इसमें पहले धरनाक्रिया भी शामिल थी जो अब बंद हो चुकी है.

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चलिए देखते हैं केजरी लीला के कुछ नमूने...

दिल्ली की सत्ता मिलने से पहले केजरिवाल जी ने आम आदमी के मन में अपना छोटा सा घर बना लिया था. पढ़ा लिखा IIT से इंजीनियर सीएम सोचकर दिल्ली वालों ने ऐतिहासिक निर्णय लिया और केजरी जी सीएम बन गए. फेसबुक पर खूब बौखलाए लोग पर उस समय आम आदमी के हक की बात करने वाले केजरी जी सबको इतने पसंद आए कि इसका हिसाब इलेक्शन में दिख गया और केजरी जी दिल्ली के सीएम बन गए. पर इसके बाद क्या हुआ आरोपों के नक्शे से देखते हैं...

2014 में लगाए गए आरोप-

1. केजरी जी ने शुरुआत की थी अंबानी से. जब 2014 फरवरी में अपने रिजाइन करने से महज 3 दिन पहले केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अंबानी कृष्णा गोदावरी बेसिन से अपने फायदे के लिए गैरकानूनी ढंग से काम कर रहे हैं. बाद में मनीष सिसोदिया ने इसे खारिज किया था और कहा था कि ये दिल्ली का मामला नहीं है. गौर करें कि 28 दिसंबर 2013 से लेकर फरवरी 2014 तक केजरीवाल ने कई लोगों पर कई आरोप लगा दिए थे.

2. 2014 में ही केजरीवाल ने ट्वीट के जरिए ये इल्जाम लगाया था कि मोदी राजनैतिक बदला ले रहे हैं और दिल्ली की हार पचा नहीं पा रहे.

3. मोदी जी उनसे मिल नहीं रहे. गुजरात दौरे के बाद भी मोदी जी ने वक्त नहीं दिया. क्या छुपा रहे हैं मोदी. केजरीवाल का आरोप था कि गुजरात विकास को लेकर उनके 16 सवाल हैं और मोदी जी इसका जवाब दें.

गौर करने वाली बात ये है कि सभी दावे और आरोप केजरीवाल ने इलेक्शन कैंपेन के आस-पास लगाए. 2014 में मोदी सरकार की जीत के बाद और अपना इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल जी दोबारा इसी काम में भिड़ गए थे. 2015 में दोबारा दिल्ली इलेक्शन से पहले केजरीवाल आरोपों के मामले में काफी एक्टिव हो गए थे.

2015 में लगाए गए आरोप-

अब आया दूसरा साल और केजरीलीला का दूसरा पड़ाव. पहले साल के आरोपों में आम आदमी का ख्याल रखा गया था और अंबानी के अकाउंट नंबर पर्चे में लिखकर सभा में सुनाने से लेकर मोदी के काम ना करने देने की बात तक बहुत कुछ बोला जा चुका था. 2015 में केजरी जी और उनके इल्जाम कुछ ऐसे हो गए...

1. DDCA (दिल्ली और डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट असोसिएशन) केस की शुरुआत इसी साल हुई थी. केजरीवाल जी ने सबसे बड़ा आरोप लगाया था कि क्रिकेट के अधिकारी प्लेयर सिलेक्शन के लिए अनैतिक तरीके से प्रक्रिया शुरू हुई. रिश्वत से लेकर सेक्स स्कैंडल तक बहुत से आरोप लगाए गए. इन आरोपों को DDCA वाइस प्रेसिडेंट चेतन चौहान ने निराधार बताया.

2. केजरीवाल ने ये भी आरोप लगाया कि राजेंद्र कुमार के खिलाफ हुई सीबीआई रेड ऑफिस से DDCA फाइल निकालने के लिए की गई थी.

3. केजरीवाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए भी ट्वीट की थी कि जेटली का DDCA मामले में क्या हाथ है. केजरीवाल के खिलाफ DDCA मामले में केस किया गया और इसके बाद फिर से केजरी जी ने ट्वीट कर जेटली जी से कहा था कि केस करने से वो डरने वाले नहीं हैं.

2015 का अंत होते-होते केजरी जी ने आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला जारी रखा था. जहां दिसंबर में केजरीवाल ने एक बार फिर मोदी जी को टार्गेट करते हुए कहा कि ये उनकी कायरता है जो सीबीआई रेड के जरिए दिख रही है.

2016 में लगाए गए आरोप-

2016 साल केजरी लीला का अहम साल साबित हुआ. जहां एक ओर सभी पार्टियां 2017 इलेक्शन की तैयारियां करने लगी वहीं दूसरी ओर असम, तमिलनाडु, केरल में इलेक्शन की तैयारियां भी थीं. इस साल मोदी सरकार के अच्छे दिनों को खूब ताना दिया गया. अंत में आई नोटबंदी ने तो केजरीवाल को जैसे असीम खुशी दे दी. केजरी जी ने लोगों की जान से लेकर आम जन की परेशानी तक सबके लिए नोटबंदी को दोष दिया. यही साल था जब दिल्ली के गवर्नर नजीब जंग ने भी इस्तीफा दे दिया. केजरी सरकार और जंग के बीच की जंग भी किसी से छुपी नहीं है.

1. केजरीवाल ने OROP मामले में मोदी सरकार को एंटी आर्मी कहा. साथ ही ये भी कहा कि मोदी सरकार आर्मी के द्वारा किए गए बलिदानों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए कर रही है.  

2. मोदी की डिग्री को लेकर केजरीवाल ने आरोप लगाया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में मोदी जी का कोई एनरोलमेंट नहीं है. मोदी जी ने अपने एफिडेविट में अपनी BA डिग्री को लेकर झूठ बोला था.

3. मोदी ने 25 करोड़ की रिश्वत ली. केजरीवाल ने 2012 के पुराने मामले का हवाला देते हुए कहा था कि एक कंपनी के कर्मचारी के लैपटॉप से मैसेज रिकवर किया गया है. मैसेज था ‘Gujarat CM-25 cr (12 Done-rest?)’... ये आरोप केजरीवाल ने दिल्ली असेम्बली के सेशन के दौरान लगाया था.

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4. केजरीवाल ने नोटबंदी को लेकर कई आरोप लगाए थे और मांग की थी कि सुप्रिम कोर्ट को इस मामले में दखल देना चाहिए और नोटबंदी से जुड़े सभी आंकड़ों को जगजाहिर करना चाहिए.

5. केजरीवाल ने नजीब जंग पर भी आरोप लगाया था कि जंग पीएम के कहने पर मिनिमम वेज फाइल का क्लियरेंस नहीं दे रहे हैं.

6. न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) की बिड के मामले में केजरीवाल ने पीएम मोदी को कहा था कि उन्होंने फॉरेन पॉलिसी का निर्वाहन ठीक तरह से नहीं किया और इसके लिए मोदी को जवाब देना चाहिए.

7. और नोटबंदी, जंग, डिग्री, एनएसजी सभी से बड़ा केजरीवाल का आरोप था कि मोदी सरकार उन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है. ये बयान 27 जुलाई 2016 को दिया गया था.

हालांकि, इसके अलावा भी साल 2016 में केजरीवाल ने अनेकों बयान दिए और पंजाब में जोर-शोर से नोटबंदी का विरोध और आरोप प्रत्यारोप करते हुए केजरीवाल ने दूसरों से ज्यादा खुद के लिए गड्ढा खोद लिया.

2017 में लगाए जा रहे आरोप-

1. 2017 के चार महीने गुजर गए हैं अब तक केजरीवाल जी पंजाब इलेक्शन के फेक नतीजों से लेकर ईवीएम टैम्परिंग तक सभी इल्जाम लगा चुके हैं. अब राम जेठमलानी ने केजरीवाल को 10 करोड़ के मानहानी के केस की फीस के तौर पर 3.4 करोड़ का बिल दिया है और केजरीवाल जी पर आरोप है कि ये पैसा दिल्ली की जनता के टैक्स से लिया गया है. जनता का पैसा कहां खर्च हो रहा है इसका लेखा-जोखा कौन देगा ये केजरी जी जरा बता दें. इसके अलावा, 97 करोड़ रुपए जो विज्ञापनों पर खर्च किए गए जिन्हें गवर्नर अनिल बैजल ने अनैतिक करार देते हुए वापस जमा करने की बात कही है वो भी अब केजरीवाल के गले का कांटा बने हुए हैं.

अब MCD चुनाव आने वाले हैं और ऊपर दिए गए लगभग सभी इल्जाम चुनावों के आस-पास के हैं जो केजरीवाल ने अपनी अलग-अलग रैलियों में लगाए हैं. अब देखिए केजरीवाल साहब आपको इल्जाम लगाने से ज्यादा चुनावों पर ध्यान देना चाहिए ताकी काम आगे बढ़ सके.

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