खुले में शौच करने वाले लोगों की बोतल पर छाया संकट !
राज्य की स्वछता को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार गुड मॉर्निंग स्क्वाड का निर्माण कर रही है जिसका काम खुले में शौच करने वाले लोगों पर नज़र रखना होगा.
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नागरिकता के लिहाज़ से भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक हिन्दू मुस्लमान बाद में है, पहले वो एक भारतीय है. एक ऐसा भारतीय जिसके लिए नियम कानून तोड़ना ही उसके जीवन का मकसद है. हम भारतीयों को रोक टोक कतई पसंद नहीं है. व्यक्ति वहीं सबसे ज्यादा थूकता और मूत्र विसर्जन करता है जहां ये लिखा होता कि 'कृपया यहां थूके नहीं' या फिर 'यहां पेशाब करना सख्त मना है'. ऐसे कृत्य करते हुए पकड़े जाना और पकड़े जाने के बाद हम भारतवासी बड़े गर्व से जुर्माना दे देते हैं, मगर हमें सुधरना नहीं होता. शायद सुधरना हमारी फितरत में नहीं है.
उपरोक्त बातों को पढ़कर लाजमी है कि आपकी भावना आहत हुई होगी, आप नाराज हुए होंगे. ठीक है, होनी भी चाहिए. कई बार केवल आहत होने मात्र से ही व्यक्ति में कई ऐसे महत्वपूर्ण सुधार हो जाते हैं जिससे न केवल व्यक्ति, बल्कि देश तक बदल जाता है. खैर, आज हम बात करने वाले हैं महाराष्ट्र सरकार और उसके एक ऐसे स्क्वाड की जिसका काम खुले में शौच करने वाले लोगों के मल मूत्र पर नज़र रखना होगा. जी हां, सही सुना आपने. एंटी रोमियो स्क्वाड के बाद ये अपनी तरह का पहला स्क्वाड होगा. ये खुले में बैठे और शौच करते लोगों की नित्य क्रिया पर बड़ी ही गंभीरता से नजर रखेगा.
महाराष्ट्र में, खुले में शौच करने वाले लोगों पर नजर रखेगा गुड मॉर्निंग स्क्वाड
तो आइये इस लेख के जरिये जाना जाए कि कैसा होगा नज़ारा जब कोई खुले में शौच कर रहा हो और स्क्वाड उसे पकड़ ले. मगर आगे बढ़ने से पहले ये जान लीजिये कि इस कहानी के सभी पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं, जिसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है :
समय सुबह का 6, औरंगाबाद का रहने वाला और पुणे की एक फैक्ट्री में मज़दूर माणिक बिसलेरी की एक लीटर वाली बोतल में पानी लिए बीड़ी और गुटखे संग पटरी पर आ चुका है. सामने से उसे दूसरी फैक्ट्री में काम करने वाला और मूल रूप से उत्तर प्रदेश का निवासी रमाकांत दिखाई दिया. शुरुआती हाय हेलो के बाद उसके आग्रह पर रमाकांत भी मल त्याग के लिए वहीं बैठ गया. बीड़ी जली चर्चा का दौर शुरू हुआ. दोनों मोदी सरकार और बीते दिनों हुई नोटबंदी पर बात कर ही रहे थे कि उन्हें सीटियों की आवाज और लाठियों की खट - खटाहट सुनाई दी. दोनों ने उन आवाजों को इग्नोर किया और अपने - अपने जरूरी काम में तल्लीन रहे.
अभी मल त्याग आधा ही हुआ था कि चंद अज्ञात लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनके मल पर अपनी सर्जिकल स्ट्राइक कर दी. डरते - डरते जब दोनों ने पड़ताल करी तो पता चला कि ये एंटी रोमियो स्क्वाड की तर्ज पर बना 'गुड मॉर्निंग स्क्वाड' है. जिसने आज ये कसम खा ली है कि वो इन दोनों की मॉर्निंग को गुड नहीं, बैड बहुत बैड करेंगे. और उन्हें ऐसा सबक सिखाएंगे कि अगली बात खुले में शौच करने से पहले वो 10 बार विचार करें.
खैर चूँकि सर्जिकल स्ट्राइक हो चुकी थी उन दोनों के मल पर संकट के मंडरा चुके थे. अब कुछ नहीं हो सकता था. दोनों को स्क्वाड ने खूब डराया, धमकाया और मारा भी. इस मार पीट के बाद दोनों ने कसम खा ली है कि अब वो खुले में तभी नित्य क्रिया के लिए जाएंगे, जब ये जालिम जमाना और ये निर्मोही स्क्वाड सो रहा हो.
महाराष्ट्र में, खुले में शौच करने वाले लोगों पर नजर रखेगा गुड मॉर्निंग स्क्वाड
क्या है मामला
महाराष्ट्र सरकार ने एंटी रोमियो स्क्वाड की तर्ज पर खुले में शौच करने वाले लोगों पर लगाम लगाने का फैसला किया है. इसके लिए सरकार द्वारा एक स्क्वाड का गठन किया गया है जिसका नाम गुड मॉर्निंग स्क्वाड है. इस स्क्वाड के निर्माण का उद्देश्य उन लोगों पर नियंत्रण रखना है जो खुले में शौच कर गन्दगी करते हैं. सूत्रों की मानें तो ये योजना भी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का एक हिस्सा है जिसका मकसद भारत को एक स्वच्छ देश बनांना है.
बहरहाल, निस्संदेह ही महाराष्ट्र सरकार का ये फैसला तारीफ के काबिल है मगर देखने वाली बात ये होगी कि क्या वाकई ये स्क्वाड और इस स्क्वाड में नियुक्त किये गए लोग महाराष्ट्र सरकार के अलावा प्रधान नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने पर कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो पाएंगे. साथ ही ये भी देखना होगा कि कहीं ये भी अन्य स्क्वाड की तरह गुंडई और लोगों को बेवजह परेशान करने का कारण न बन जाए.
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