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Updated: 29 दिसम्बर, 2016 06:12 PM
कुदरत सहगल
कुदरत सहगल
  @kudrat.sehgal
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कोई कैशलेस हॉलीडे पर है तो कोई उसकी तैयार कर रहा है. शायद हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक हॉलीडे चाहिए. वे इतना काम जो करते हैं. तो 2017 की अगवानी का मौका कैसा रहेगा. जब देश नए साल का इंतजार कर रहा हो तभी एक मुस्‍कुराता चेहरा एक विलक्षण तेज लिए हुए कहे- 'मित्रों'. अपने न्‍यूजरूम में नए साल के संकल्‍प लिख रहे होंगे, जो हमारे प्रधानमंत्री ने बनाए होंगे. शायद उस एक दिन के लिए हम एटीएम की कतारों को भूलना चाहें (क्‍योंकि इसी एक दिन के लिए हमने अपने 2000 रु. के गुलाबी नोट को सीने से लगाकर रखा है, ताकि हम इत्‍मीनान से पार्टी कर सकें), लेकिन 2017 की इस पूर्व संध्‍या पर जब ठीक 7:30 बजे होंगे तो हमारे प्रधानमंत्री देश के नाम संबोधन के लिए हाजिर होंगे. चिंता के मारे मुझे अटैक न आ जाए. पैनिक अटैक.

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 क्या नोटबंदी के बाद अब इनकम टैक्स कम होगा?

8 नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी, तो ऐसा लगा था जैसे कड़ाके की सर्दी में किसी ने मेरी रजाई खींच ली हो. किसी ने जंगल की गीली जमीन पर निर्वस्‍त्र छोड़ दिया है और कह दिया हो कि आग का इंतजाम खुद करो. लेकिन नए साल की पूर्व संध्‍या पर जब प्रधानमंत्री बोलेंगे तो शायद यह पहले जैसा भयानक न हो. यहां मैं उस व्‍यक्ति का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिसने 'उम्‍मीद' जैसा शब्‍द बनाया है. क्‍योंकि यही बचा है हमारे पास और इसके सिवाय हम कुछ नहीं कर सकते.

क्‍या ये समय हमें उन घंटों के लिए पुरस्‍कार देने का नहीं है, जो हमने एटीएम की कतारों में अपने जैसे अवसाद भरे लोगों के साथ बिताए हैं. सुख-दुख बांटते हुए. देश की पॉलिसी, बिगबॉस और देशभक्ति के सबूत के तौर पर कई सेल्‍फी लेते हुए हुए?

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हमारे गुस्‍से, जिज्ञासा और चिंता को कम करने के लिए मोदी शायद ये एलान कर सकते हैं: 

1. जैकपॉट? हर जनधन अकाउंट में 15,000 रुपए ट्रांसफर. गरीबों के लिए इतना करने से कम से कम वोटबैंक तो सुरक्षित हो ही जाएगा. 2014 के लोकसभा चुनाव वाली बात याद है ना, उन्‍होंने कालाधन वापस लाकर हर भारतीय के खाते में 15 लाख जमा कराने की बात कही थी. तो 15,000 से 15 लाख के बीच कुछ भी. ऐसे ही. शायद? 

2. इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, अस्‍पताल, शौचालय, बढ़िया सड़कें, किसानों को सब्‍सीडी जैसी घोषणाएं. मुझे पता है ये होगा. अभी नहीं तो बाद में. लेकिन घोषणा तो कर ही सकते हैं. कम से कम हर भारतीय को एक स्‍मार्टफोन और लैपटॉप तो दे ही सकते हैं. स्‍मार्टफोन एजुकेशन के जरिए हम दुनिया का पहला 100 फीसदी साक्षर मुल्‍क बन सकते हैं. 

3. यदि आप अपने गम को दारू में डुबो देना चाहते हैं तो महंगी स्‍कॉच तो भूल ही जाइए. देसी शराब भी आपके बूते के बाहर होने वाली है. हमारे प्रधानमंत्री कोई नशा नहीं करते, क्‍या आप ऐसे हो सकते हैं? शराब की कीमतों में दोगुना नहीं, कई गुना इजाफा होगा. 

4. प्‍लास्टिक के नोट- मैं पिछले दो महीने से कुछ कैश का जुगाड़ तो सिर्फ ड्राइवर के लिए करती हूं. लेकिन 2000 रु. पर बैन लगा तो बिजली ही गिरेगी. ओह मोदी जी, प्‍लीज... 

5. इनकम टैक्‍स की सौगात- हमारे जख्‍मों पर तो ये किसी मरहम की तरह ही होगा यदि प्रधानमंत्री किसी इनकम टैक्‍स बैनिफिट का एलान करते हैं. लेकिन क्‍या हमें इसीलिए कैशलेस डिजिटल इकोनॉमी तरफ धकेला गया था? इनकम टैक्‍स की जगह फ्लैट बैंकिंग ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स? ताकि कैशलेस इकोनॉमी से ज्‍यादा रेवेन्‍यू मिल सके. भूल जाइए कि देश की एक-तिहाई आबादी अनपढ़ है और इन्‍फॉर्मेशन टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल जांचने के लिए जिन 139 देशों का सर्वे हुआ था उसमें हम 120वें क्रम पर आए. लेकिन, मित्रों, हमारे प्रधानमंत्री का सपना हमारा सपना है. इनकम टैक्‍स वाली सौगात सबसे ऊपर है. है ना?

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6. क्‍या वो हमारे पुरखों का सोना छीनना चाहते हैं? क्‍या वो घर में सोना रखने की सीमा तय करने वाले हैं? तो क्‍या शादी के खर्च की सीमा भी तय करेंगे? अभी तो शादी के लिए ढाई लाख रु. देने को कहा था, कहीं इतने ही खर्च में शादी करने को तो नहीं कहने वाले? चलो इसमें भी खुशी ढूंढ लेते हैं. फिजूलखर्ची रुकेगी. न रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी. 

7. बेनामी संपत्तियां जब्‍त होंगी. तो क्‍या प्रधानमंत्री कोई हाउसिंग स्‍कीम की घोषणा भी करेंगे, ताकि मुझ जैसों को कम से कम 1BHK तो मिल ही जाए? मेरी सरकार और मेरे प्रधानमंत्री पर तो मुझे सच में प्‍यार आ रहा है. हमारे प्रधानमंत्री कुछ दिल तोड़ भी सकते हैं, कुछ दिल जीतने के लिए. कुछ सपने पूरे हो सकते हैं, कुछ टूट सकते हैं. लेकिन जब तक ये शब्‍द 'मित्रों' नहीं गूंजता, तब तक खामोशी बनाए रखिए. 

सभी को नया साल मुबारक हो. उम्‍मीद बनाए रखिए.

लेखक

कुदरत सहगल कुदरत सहगल @kudrat.sehgal

डिजिटल कंटेंट को लेकर रणनीति बनाती हैं. विचारों से घोर फेमिनिस्ट.

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