New

होम -> इकोनॉमी

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 05 सितम्बर, 2017 06:13 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
  • Total Shares

चलो जल्दी फ्लाइट बुक कर लो.. सेल आई है... फ्लाइट्स सस्ती हो रही हैं. डोमेस्टिक फ्लाइट 799 रुपए और यूरोप की फ्लाइट के बारे में कह रहे हैं कि 12000 रुपए में वन वे फ्लाइट मिल जाएगी....

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है जब इस तरह की कोई डील सामने आई हो? कभी एप नोटिफिकेशन से, कभी किसी न्यूज के जरिए या फेसबुक पर किसी विज्ञापन के जरिए ऐसी डील्स सामने आना आम बात है. एक ऐसी ही खबर हाल ही में सोशल मीडिया पर चक्कर काट रही है. खबर है कि यूरोप की वन वे फ्लाइट टिकट सिर्फ 12000 रुपए में मिलेगी.

फ्लाइट, प्लेन, एयरपोर्ट

दरअसल, बात ये है कि सिंगापुर की एयरलाइन्स स्कूट अब भारत में अपने पैर जमाने के लिए तैयार है. ये एयरलाइन फिफ्थ फ्रीडम लिए हुए है.

अगर आपने ये शब्द फिफ्थ फ्रीडम पहली बार सुना है तो आपको बता दूं कि ये कमर्शियल फ्लाइट्स के लिए एक खास परमीशन होती है. इससे कोई भी एयरलाइन एक देश से दूसरे देश के बीच बहुत कम दाम में फ्लाइट टिकट रख सकती है. उदाहरण के तौर पर जैसे सिंगापुरी एयरलाइन है उसकी कोई फ्लाइट सिंगापुर से डेनमार्क तक है. अगर वो सिंगापुर से उड़ान भरकर भारत में एक स्टॉप लेती है तो भारत से वो पैसेंजर लेकर यूरोप जा सकती है. यहां आधे रास्ते से बैठे भारतीय यात्रियों को कम किराया देना होगा. फिफ्थ फ्रीडम दरअसल वो नियम होता है जहां एक फ्लाइट अपने देश से दो देशों को बीच कितने भी स्टॉप के साथ उड़ान भर सकती है. बस नियम ये है कि लैंडिग या टेकऑफ की जगह उस देश में होनी चाहिए जहां एयरलाइन कंपनी बनी थी.

तो इसका मतलब स्कूट एयरलाइन किसी भी तरह की सेल नहीं लेकर आ रही है, बस वो फ्लाइंग नियम के एक लूपहोल का फायदा उठा रही है. खैर, इससे फायदा तो होगा आम ग्राहक को, लेकिन ये किसी सेल की तरह नहीं है.

तो ऐसा क्या होता है कि एयरलाइन्स इतनी कम कीमत में ग्राहकों को फ्लाइट टिकट देती हैं. एयरलाइन अपनी फ्लाइट टिकट कैसे इतनी सस्ती कर देती हैं. फ्लाइट टिकट सस्ते या महंगे होने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे...

1. सीट के अलावा, बाकी चीजों की कॉस्ट...

सस्ती एयराइन्स जैसे स्कूट, वाओ, नॉर्वेगन आदि एयरलाइन्स सीट का पैसा तो ले लेती हैं, लेकिन उसके अलावा हर सुविधा के लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना होता है. उदाहरण के तौर पर स्पाइस जेट से बुकिंग के दौरान अपनी सीट चुनने का ऑप्शन आता है. कोई अगर पहली बार इसे ऑनलाइन या एप के जरिए बुक करवा रहा है तो उसे ये नहीं पता चलता कि अपनी पसंदीदा सीट चुनने के पैसे लग जाएंगे. बुकिंग खत्म करते करते आप उस टिकट पर काफी ज्यादा पैसे दे चुके होते हैं जिसे आप सेल में सस्ते में खरीदने वाले थे. ये किस्सा स्पाइस जेट के 10 साल पूरे होने के समय आई सेल का है. मेरी तरह कई बार कई और लोग भी जल्दबाजी में टिकट बुक करते हैं और इन जैसे छोटे-छोटे बिंदुओं पर ध्यान नहीं देते. मेरे लिए सीट कोई मायने नहीं रखती थी पर सस्ती टिकट जरूर चाहिए थी.

फ्लाइट, प्लेन, एयरपोर्ट 

2. फ्यूल कॉस्ट...

फ्यूल कॉस्ट यानि एयरक्राफ्ट में लगने वाले तेल का चार्ज अगर कम होता है तो फ्लाइट टिकट पर भी इसका असर पड़ता है. ये एयरलाइन्स आपको बताएंगी नहीं, लेकिन इसके कारण ही कई बार फ्लाइट टिकट कम या ज्यादा कीमत में मिलती हैं.

3. बीच की सीट...

ऐसा आधिकारिक तौर पर तो कहीं लिखा नहीं दिखेगा आपको, लेकिन पर्सनल एक्सपीरियंस से कह रही हूं कि सेल के समय कुछ सीटें ही उस कीमत पर होती हैं जिसके दम पर कंपनी विज्ञापन करती है. इसमें अक्सर बीच की सीट होती है क्योंकि सीट अधिकतर लोग पसंद नहीं करते. इसके कारण जैसे-जैसे सेल में सीट्स भरती जाती हैं वैसे वैसे कीमतें भी बढ़ती जाती हैं.

4. एयर क्राफ्ट...

अगर आपने ध्यान दिया हो तो एक ही एयरलाइन की एक समय की फ्लाइट तो सस्ती होती है और अलगी ही फ्लाइट महंगी होती है. कारण एयर क्राफ्ट पर भी निर्भर करता है. कई एयरलाइन्स अब लो एमिशन एयरप्लेन का इस्तेमाल कर रहे हैं. कम इंधन की खपत और मेंटेनेंस खर्च वाले एयरप्लेन ज्यादा बेहतर सर्विस दे पाते हैं. इससे टिकट की कीमतें कम होती हैं.

5. फ्लाइट टाइमिंग...

सेल के समय जो टिकट सबसे कम कीमत की होती है वो वीकडे में होती है. मंगलवार, बुधवार, शनिवार आदि दिन ऐसे होते हैं जब लोग कम ट्रैवल करते हैं और इन दिनों में अगर कोई त्योहार नहीं है तो टिकट सस्ती होती है.

ये भी पढ़ें-

कैसी होगी भविष्य की फ्लाइट.. एक नजर देखिए

ये कौन लोग हैं, जिन्‍हें एयरहॉस्टेस को साड़ी में नहीं स्कर्ट में देखना भाता है

लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय