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Updated: 22 जून, 2017 01:18 PM
शुभम गुप्ता
शुभम गुप्ता
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पिछले एक सप्ताह के भीतर आपने कम से कम तीन फिल्मों के ट्रेलर देखे होंगे जिसका ताल्लुक कहीं न कहीं देश में लगे आपातकाल से है. आपातकाल के दौरान किस तरह के गुनाह हुए, माफिया ने किस तरह राज किया, किस तरह आपातकाल के नाम पर अंडरवर्ल्ड के डॉन ने लोगों की हत्या की और दौर में जो भी कुछ हुआ, वो सब इन फिल्मों में देखा जा सकता है.

indu sarkar, film, emergency28 जुलाई को रिलीज हो रही है मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार'

मगर सबसे पहले बात मधुर भंडारकर की आने वाली फिल्म ‘इंदु सरकार’ की. इस फिल्म में आपातकाल दिखाया गया है. इंदिरा गांधी से लेकर संजय गांधी के किरदार को भी दिखाया गया है. मगर ट्रेलर में जिस तरह से संजय गांधी को दिखाया गया है, उससे साफ जाहिर होता है कि ये फिल्म सिर्फ मोदी राज में ही बन सकती थी. फिल्म में जब एक पुलिस अधिकारी फिल्म की नायिका से कहता है कि तुम जिंदगी भर जेल में रहोगी, तो नायिका जवाब देती है- ‘और तुम जिंदगी भर मां बेटे की गुलामी करोगे.’

आपको याद होगा कि लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी भी कुछ इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल करते थे. वो कहते थे कि मां बेटे की सरकार ने देश को लूटा है. कई सालों से देश मां-बेटे की गुलामी कर रहा है, अब इससे छुटकारा चाहिए. कुछ ऐसे ही डायलॉग इस फिल्म में भी देखने को मिल रहे हैं. वहीं अगर मधुर भंडारकर की बात की जाए तो पिछले कुछ महीनों से वे राजनीति में खासे एक्टिव दिखाई दे रहे हैं.

indu sarkar, film, emergency

उत्तर प्रदेश में दादरी में जब अख़लाक की हत्या की गयी थी, जिसके बाद कई लोगों ने अपने पुरस्कार सरकार को लौटा दिए थे, और सरकार के खिलाफ गुस्सा प्रकट किया था. उस समय मधुर भंडारकर, अनुपम खेर के साथ सरकार के पक्ष में इंडिया गेट पर मार्च निकाल रहे थे. यानी कि साफ जाहिर होता है कि ऐसे समय में मधुर भंडारकर आपातकाल पर फिल्म बनाकर इंदिरा गांधी की छवि को ठेस पंहुचा सकते हैं.

हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कड़ा ऐतराज जताया है. उनका कहना है कि इसमें सही तथ्य नहीं दिखाए गए हैं. साथ ही इसके पीछे कौन है ये आप सभी को पता है. वहीं कांग्रेस इसे लेकर कोर्ट भी जा सकती है. वैसे कम से कम मधुर के साथ बीजेपी तो है ही. यानी न ही उन्हें सेंसर बोर्ड से तकलीफ है और न ही सरकार से. वैसे ये फिल्म 28 जुलाई को रिलीज होगी.

इसके बाद बात की जाए तो मिलन लुधरिया अपनी फिल्म लेकर आ रहे हैं, जिसका नाम है ‘बादशाओ’. इस फिल्म में भी आपातकाल दिखाया गया है. इस फिल्म में अजय देवगन, इमरान हाश्मी, संजय मिश्रा मुख्या किरदारों में हैं. फिल्म के ट्रेलर देखने के बाद समझ आता है कि फिल्म में आपातकाल के दौरान कितना क्राइम हुआ.

badshaho1 सितंबर को रिलीज़ हो रही है फिल्म 'बादशाहो'

यानी इसमें साफ झलकता है कि आपातकाल में आतंक भी था. ये फिल्म 1 सितम्बर को रिलीज़ होगी. वहीं अजय देवगन और उनकी पत्नी काजोल दोनों ही मोदी सरकार के स्वछता मिशन से जुड़े हुए हैं. साथ ही अजय देवगन भी समय-समय पर सरकार के पक्ष में बोलते रहे हैं. चाहे वो पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर दिया गया बयान हो या फिर डेमोनेटिज़ेशन को लेकर.

इसके बाद बात करते हैं नवनीत बहाल की फिल्म ‘सन पचहत्तर’ की, जिसमें मुख्य किरदार में है केके मेनन. अगर आप इस फिल्म का ट्रेलर देखेंगे तो इसके शुरुआत में ही इंदिरा गांधी की आपातकाल वाली घोषणा दिखाई गयी है. ये फिल्म 1 जुलाई को रिलीज़ होगी.

यानी आने वाले दो-तीन महीने आपको ये फिल्में देख कर ऐसा लगेगा जैसे आप आपातकाल में ही जी रहे हैं. अब इसे एक ही थीम पर बनी फिल्मों का दौर कहें या फिर मोदी सरकार की महिमा, पर सोचने वाली बात तो है कि इससे पहले निर्देशकों के दिमाग में ये फिल्म बनाने की क्यों नहीं सूझी?

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शुभम गुप्ता शुभम गुप्ता @shubham.gupta.5667

लेखक आज तक में पत्रकार हैं.

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